
राकेश शर्मा
पाकिस्तानी प्रायोजित आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में छब्बीस पुरुष पर्यटकों को उनके परिवारों के सामने इसलिए गोलियों से भून दिया क्यूंकि वह हिंदू थे और जब उनसे कलमा पढ़ने को कहा गया वह नहीं पढ़ पाए ।
इस नृशंस हत्याकांड के बाद भारत की आत्मा सिहर उठी, रोष से भर गईं, सांसे रुक गई । देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने 140 करोड़ देश वासियों की तरफ़ से संकल्प लिया की इन आतंकवादियों को दुनिया के किसी भी कोने में , आताल में , पाताल में भी ढूँड ढूँड कर चुन चुन कर मारेंगे और कल्पनातीत सज़ा देंगे ।
मोदी तो मोदी हैं, संकल्प लेने के बाद उसे पूरा करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ होकर काम में जुट जाते हैं ।ऐसा ही उन्होंने सात मई की मध्यरात्रि में पाकिस्तान के नौ आतंकवादी ठिकानों का समूल नाश कर पहलगाम और इससे पूर्व आतंकवादी घटनाओं का बदला लिया और सरकार के अनुसार लगभग सौ आतंकी ढेर कर दिए जिसमे चौदह आतंकवादियों सरगना अजहर मसूद के परिवार के ही थे। इस खबर के बाद सयुंक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित दुनिया का सबसे दुर्दांत आतंकी अजहर फूट फूट कर रोया की उसके परिवारजनों के साथ उसे भी क्यों नहीं मारा गया और अब वह जी कर क्या करेगा ।
अजहर मसूद , जब अपने पर आती है, अपने परिवार पर आती है तब बिलबिलाते हुए आंसू निकलते हैं और अब मौत की दुआ मांग रहे हो , हम तो इस पर आमीन ही कहेंगे और वायदा करते हैं फातिया पढ़ने भी नहीं आयेंगे । 72 हूरों के पास जाने से पहले सिर्फ यह बता जाना जब विश्व भर में आपने सैकड़ों मासूम लोगों को मौत के घाट उतारा तब यह आंसू क्यों नहीं बाहर थे , उन माता, बहनों, बच्चों के दुख ने आपको क्यों नहीं सताया, तड़पाया, याद रखो जिस स्थिति में तुम भागे भागे मौत की दुआ मांग रहे हो यह उन सभी प्रभावित परिवारों की बददुआ का असर है ।
पाकिस्तान हर मंच पर कहता फिरता है कि वह निर्दोष है और स्वयं ही आतंकवाद से ग्रसित है और दुनिया से मदद की भीख माँगता रहता है । लेकिन पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और बिलावल भुट्टो ने इनकी पोल खोलकर सरेआम स्वीकार किया कि इन्होंने आतंकवाद को अपने यहाँ पुष्पित और पल्लवित किया है, इसके साथ ही कुटिल राजनीति के तहत कह दिया की यह अमेरिका और ब्रिटेन के इशारे पर आतंकवादियों को पाला पोषा । ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान का आतंकवाद को प्रश्रय देने वाले आरोप की पुष्टि कर दी । जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत इनके नों आतंकी अड्डों को ध्वस्त कर दिया तो आतंकियों के ताबूत को पाकिस्तानी झंडे में क्यूँ लपेटा गया, आर्मी, पुलिस और राजनेताओं ने इन आतंकियों को आख़िरी विदाई क्यूँ दी। इससे आपने पुरे विश्व को स्वतः प्रमाण दे दिया की आप आतंकी मुल्क हो और आतंकवाद की जननी हो ।
क़हते है ना जैसा बोओगे वैसा ही काटोगे। आज भारत के रक्षा मंत्री ने सर्वदलीय बैठक में कह दिया की ऑपरेशन सिंदूर अभी ख़त्म नहीं हुआ है, उधर आज सुबह से ही पाकिस्तान में , ख़ासकर लाहौर, रावलपिंडी, इस्लामाबाद, क्वेटा में बम और गोलियों के धमाकों से पाकिस्तान दहला हुआ है । इनके एयर डिफेंस सिस्टम तबाह हो गए हैं । कहा जा रहा हैं की इसमें बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और तहरीके तालिबान पाकिस्तान का हाथ है । किसी का भी हाथ हो पाकिस्तान अपनी करनी में ख़ुद ही बुरी तरह फँस गया है और उसे इससे निकलने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है । पाकिस्तान का क्या होने वाला है अब यह सिर्फ खुदा ही जानता है l
लेकिन भारत एक सहिष्णु राष्ट्र है और यदि पाकिस्तान ऑपरेशन सिंदूर के प्रकोप से बचना चाहता है और इस इलाके में शांति चाहता है तो उसे अपनी गलती माननी चाहिए, स्वीकारना चाहिए की उसने आतंकवाद को बढ़ावा देकर भारत और विश्व में हत्याएं की हैं, करवाई हैं और वह इसके लिए माफ़ी माँगता है, भविष्य में ऐसे आतंकवादियों को प्रश्रय नहीं देगा, सारे आतंकवादी अड्डों को स्वतः ख़त्म करना चाहिए, वहाँ रह रहे ऐसे आतंकवादी जिन्होंने भारत में आतंकवादी घटनाएँ करवाई है, की है उन्हें भारत को सौंपना चाहिए जिसमें प्रमुख हैं हाफ़िज़ सईद, असद मज़हूर , दावूद इब्राहिम इत्यादि । यदि पाकिस्तान यह सब नहीं करता तो भारत इस बार आतंकियों, आतंकी अड्डों और इनके पनाहगाहों का अंत कर ही चैन से बैठेगा ।