रविवार दिल्ली नेटवर्क
भोपाल : मध्यप्रदेश अब स्वास्थ्य सेवाओं का केन्द्र बन गया है। पिछले छह महीनों में स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभागों के एक साथ आ जाने से स्वास्थ्य सेवाएं मिलना और ज्यादा आसान हो गई हैं। इन दोनों विभागों को एक करने का ऐतिहासिक निर्णय मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए व्यापक सुधारों से अब नागरिकों के स्वास्थ्य को विकास का पैमाना बनाया गया है। “विकसित भारत” के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर जो कदम उठाए हैं उनसे स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करना आसान हुआ है और इसके परिणाम भी मिलने लगे हैं।
पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा योजना
‘पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा’ मध्यप्रदेश के नागरिकों के लिए एक अनूठी पहल है। आपात स्थिति में या विशेष प्रकार की चिकित्सा सुविधा मिलना आसान हो जायेगी। चिकित्सा विशेषज्ञों की पहुंच भी कठिन भौगोलिक क्षेत्र में हो सकेगी। मरीजों को उच्च चिकित्सा केन्द्रों तक एयर लिफ्ट किया जा सकेगा।
पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा सडकों एवं औद्योगिक स्थलों में होने वाले हादसों, प्राकृतिक आपदा में गंभीर घायल व्यक्ति को अविलम्ब उपचार के लिए हवाई सेवा की सुविधा मिल पायेगी। हृदय सम्बंधित या अन्य गंभीर बीमारियाँ जिसमें रोगीको तत्काल इलाज की आवश्यकता होती है ऐसी स्थिति में मरीजों को अच्छे एवं उच्चतम चिकित्सा संस्थानों में त्वरित उपचार हेतु हवाई परिवहन सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
एयर एम्बुलेंस सेवा के संचालन के लिए ‘हेली एम्बुलेंस’ एवं ‘फिक्स्ड विंग कनवर्टेड फ्लाइंग एम्बुलेंस’ शुरू की गई है। यह सभी जिलों एवं प्रशासनिक विभागों के नागरिकों की सेवा में तैनात रहेंगी। एयर एम्बुलेंस में उच्च स्तरीय प्रशिक्षित चिकित्सकीय एवं पैरामेडिकल स्टाफ की टीम तैनात रहेगी। चिकित्सकीय आवश्यकता अनुसार प्रदेश के रोगियों को दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद अथवा देश के अन्य उच्च चिकित्सा संस्थानों पर हवाई परिवहन करेगी।
सड़क एवं औद्योगिक दुर्घटना अथवा प्राकृतिक आपदा में पीडित को राज्य के अंदर एवं बाहर शासकीय अथवा निजी चिकित्सालय में निशुल्क परिवहन किया जाएगा। आयुष्मान कार्डधारी के लिए राज्य के अंदर एवं राज्य के बाहर सभी शासकीय एवं आयुष्मान सम्बद्ध अस्पतालों तक पहुंचाने में निशुल्क परिवहन किया जाएगा। जो आयुष्मान कार्डधारी नहीं हैं, उनके उपचार के लिए राज्य के अंदर शासकीय अस्पतालों में निःशुल्क परिवहन जबकि राज्य के बाहर के किसी भी अस्पताल में अनुबंधित दर पर सशुल्क परिवहन किया जाएगा।
लोक स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभागों का विलय
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग का विलय कर “लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग” के रूप में पुनर्गठित किया गया है। इस निर्णय से मेडिकल कॉलेज रूटीन चिकित्सा सेवाएं देने के बजाय अति गंभीर/विशिष्ट उपचार, चिकित्सा शिक्षा पर ध्यान केन्द्रित कर सकेंगे। शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर की प्रभावी निगरानी हो सकेगी।
मेडिकल कॉलेजों से जिला चिकित्सालयों को संबद्ध करना आसान हो जाएगा। स्वास्थ्य नीति और विभागीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन एवं नियंत्रण में सुविधा मिलेगी।
महाकाल लोक परिसर में स्थापित देश का पहला प्रसादम
स्वास्थ्य सेवाओं के साथ पर्यावरण स्वच्छता, पौष्टिक और हाइजैनिक भोजन की उपलब्धता के लिए फ़ूड एंड सेफ्टी स्टैण्डर्ड अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (FSSAI) के ‘क्लीन स्ट्रीट फूड हब’ प्रोग्राम में उज्जैन के श्री महाकाल महालोक के नीलकंठ वन परिसर एवं अवंतिका हाट के मध्य 1 करोड़ 75 लाख रुपये की लागत से प्रसादम् विकसित किया गया है। इसमें 17 दुकानों का निर्माण कर एक स्वच्छ स्ट्रीट फूड हब बनाया गया है।
महाकाल लोक परिसर में श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को ध्यान मे रखते हुए महाकाल लोक परिसर, नीलकंठ द्वार पर औसतन प्रतिदिन 1 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य को ध्यान मे रखते हुए मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक का संचालन जल्दी ही शुरू हो रहा है। इसमें आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा दी जा सकेगी। महाकाल लोक परिसर में स्थापित प्रसादम देश का पहला ऐसा मॉडल है।
स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ाने मेडिकल कॉलेज के साथ नर्सिंग कॉलेज भी
प्रदेश के 13 जिलों दतिया, खंडवा, रतलाम, शहडोल, विदिशा, छिंदवाड़ा, शिवपुरी, सतना, राजगढ़, नीमच, मंदसौर, श्योपुर एवं सिंगरौली में नर्सिंग कॉलेज बनने जा रहे हैं। प्रत्येक नर्सिंग कॉलेज के लिये 14.80 करोड़ रूपये की स्वीकृति दे दी गई है। मेडिकल कॉलेजों के साथ नये नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना के लिये मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने पहल करते हुए 192.40 करोड़ रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। इससे इन जिलों एवं आस-पास के सभी नागरिको को चिकित्सा सुविधा का लाभ एवं छात्र-छात्राओं को सुगमतापूर्वक नर्सिंग संवर्ग की शिक्षा मिल सकेगी।
सिंहस्थ-2028 के दृष्टिगत स्वास्थ्य सेवाएँ होगी सुदृढ़
उज्जैन में सिंहस्थ 2028 आयोजन के दृष्टिगत स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिये नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण के लिये सिविल कार्यों के लिये 592.30 करोड़ रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण से आस-पास के जिलों की जनता को भी उच्च स्तर की चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
शासकीय अस्पतालों में उपचार के दौरान संस्थागत मृत्यु, सड़क दुर्घटना/आपदा में मृत्यु पर मृतक की पार्थिव देह को ससम्मान नि:शुल्क शव वाहन से गंतव्य स्थल तक पहुँचाया जायेगा।
चिकित्सा महाविद्यालयों को पीपीपी मोड पर स्थापित करने की स्वीकृति दी गयी है। चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना होने से जिले के मरीजों को तृतीयक स्तर की सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए मानव संसाधन उपलब्धकराने के लिये एवं जिला अस्पतालों का उन्नयन करमरीजों को उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
रिकॉर्ड 4 करोड़ आयुष्मान कार्ड
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) में देश में अब तक 34 करोड़ आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। सबसे ज्यादा आयुष्मान कार्ड बनाने में उत्तर प्रदेश (5.09 करोड़) के बाद मध्य प्रदेश (4 करोड़) दूसरे नंबर पर और तीसरे नंबर पर बिहार (2.91 करोड़) है। मध्य प्रदेश में 19 लाख से अधिक पात्र नागरिकों को 40 लाख से ज्यादा गुणवत्तापूर्ण इलाज मिला है। समाज के वंचित वर्गों को स्वास्थ्य सेवाएं मिली हैं।
केंद्र और राज्य सरकार के परस्पर प्रयासों से स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाया गया है। हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देकर कर स्वस्थ, समृद्ध और विकसित भारत के निर्माण की दिशा में प्रदेश आगे बढ़ रहा है।