रविवार दिल्ली नेटवर्क
मुंबई: कुछ दिन पहले एक पिता-पुत्र ने चलती ट्रेन के नीचे आकर आत्महत्या कर ली थी. इसका सीसीटीवी वीडियो वायरल हुआ तो सनसनी मच गई. इससे यह तस्वीर सामने आई है कि मुंबई में लोकल ट्रेन या लंबी दूरी की ट्रेन के नीचे आकर आत्महत्या करने की दर बढ़ी है। यह बात सामने आई है कि ये आत्महत्याएं कई कारणों से होती हैं जैसे पारिवारिक विवाद, बीमारी, आर्थिक तंगी, डिप्रेशन, प्यार में ब्रेकअप आदि। पिछले 6 महीनों में मध्य और पश्चिमी रेलवे पर 51 लोगों ने अपनी जान दे दी है। इसमें पुरुषों का अनुपात अधिक है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पिछले 6 महीने में 47 पुरुषों और 4 महिलाओं ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इन 51 आत्महत्याओं में से 34 मध्य रेलवे में हुई हैं। इसमें 31 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं। तो वहीं इसी अवधि में पश्चिमी रेलवे पर 17 लोगों ने आत्महत्या कर ली। इसमें 16 पुरुष और 1 महिला शामिल है। मिली जानकारी के मुताबिक, सेंट्रल रेलवे पर सबसे ज्यादा आत्महत्याएं कल्याण रेलवे पुलिस स्टेशन की सीमा के भीतर हुई हैं। इस दौरान यहां 20 लोगों ने आत्महत्या की है। इसके अलावा, पालघर रेलवे पुलिस स्टेशन की सीमा के भीतर पश्चिम रेलवे पर 12 लोगों ने आत्महत्या की है।
इस बीच, जहां रेलवे पर दुर्घटनाओं की संख्या पहले से ही बढ़ रही है। वहीं आत्महत्याओं की संख्या भी बढ़ रही है। ऐसे में रेलवे प्रशासन की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े होते हैं। चलती ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या करने, सामने से ट्रेन आती देख पटरी पर लेटने के मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन इसका असर लोकल के साथ-साथ एक्सप्रेस ट्रैफिक पर भी पड़ता है। आत्महत्या के बाद शवों को ट्रैक से या ट्रेन के नीचे से हटाने में समय लगता है। इसके लिए आवागमन रोकना होगा। इससे रेल यातायात बाधित होता है और यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है। इसलिए रेलवे प्रशासन को इन आत्महत्याओं पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाना जरूरी है।