एचआईएल में खेल चुके कई खिलाड़ी आज भारतीय हॉकी टीम का अहम हिस्सा
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : 32 बरस के गोंजालो पिलात दुनिया के बेहतरीन ड्रैग फ्लिकरों में से एक हैं। पिलात 2016 में अर्जेंटीना की पहली बार रियो ओलंपिक में स्वर्ण व 2014 में कांसा और 2024 में जर्मनी की पेरिस ओलंपिक में रजत व 2023 में भुवनेश्वर एफआईएच हॉकी विश्व कप जीतने वाली टीम के अहम सदस्य रहे। सात बरस के लंबे अंतराल के बाद फिर शुरू हो रही हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) 2024-25सीजन के लिए पिलात को हैदराबाद तूफान ने उन्हें 68 लाख रुपये में खरीदा और इस लीग में बिके सबसे महंगे विदेशी हॉकी खिलाड़ी रहे।अर्जेंटीना में जन्मे सात बरस पहले हुए एचआईएल में भी खेल चुके पिलात कहते हैं, ‘एचआईएल में खेलने को ले जो बात मुझे सबसे ज्यादा रोमांचित करती है वह यह कि यह दुनिया के अलग अलग देशों के प्रतिभाशाली खिलाड़ियो के साथ खेलने का मौका मुहैया कराती है। एचआईएल मैदान और उससे बाहर एक दूसरे के खिलाफ खेलने और सीखने का बेहतरीन मौका है। भारत में हॉकी सबसे देश के सबसे प्रमुख खेलों में से एक है और इसे लेकर हॉकी प्रेमियों का मैदान के साथ अपने घर में भी हॉकी को देखने का जूनुन गजब का है। बतौर हॉकी खिलाड़ी इस तरह के माहौल का हिस्सा बनना बेहद रोमांचित करता है।’
अर्जेंटीना में जन्में और उसके लिए लंबे समय तक खेलने के बाद अब पिलात जर्मनी में बस चुके हैं और उसी के लिए हॉकी खेलते हैं। पिलात कहते हैं, ‘मुझे पूरा भरोसा है कि एचआईएल के फिर शुरू होने से हॉकी फिर उंची उठेगी। एचआईएल के फिर से शुरू होने का बहुत सार्थक प्रभाव पड़ेगा। एचआईएल पहले भी हॉकी में दुनिया में अपना बहुत असर छोड़ चुकी है और लंबे समय फिर से इसके शुरू होने पर इसका बहुत असर पड़ेगा और ज्यादा हॉकी प्रेमियों का ध्यान खीचेगी। हर कोई एचआईएल को करीब से देखेगा। मैं यह सोच कर रोमांचित हूं कि एचआईएल से वैश्विक स्तर पर हॉकी का मान और बढ़ेगा। पिलात को एचआईएल के स्थगित होने से पहले इसमें कलिंगा लांसर्स के लिए कई भारतीय खिलाड़ियों के साथ खेलना आज भी याद है और ये नौजवान खिलाड़ी अब भारतीय हॉकी टीम का अहम हिस्सा बन चुके हैं। भारतीय नौजवान खिलाड़ी एचआईएल में खेल अपने खेल का स्तर उंचा चुके हैं। अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ कम उम्र में खेल नौजवान खिलाड़ियों को पेशेवर ढंग से कैसे ट्रेनिंग करनी है यह सीखने को मिलता है। एचआईएल में खेलने से नौजवान खिलाड़ियों को जल्दी से खुद को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की जरूरतों और शीर्ष स्तर की हॉकी खेलने के मुताबिक खुद को ढाले का मौका मिलेगा।’
पिलात हॉकी के अलावा जर्मनी के मैनहीमर हॉकी क्लब को प्रायोजक दिलाने में मदद करते हैं।पिलात रियल एस्टेटमें निवेश करते हैं। पिलात कहते है, मेरा लक्ष्य न केवल पुरुष और महिला हॉकी टीमों बल्कि युवा टीमों की मदद करना है। मुझे जमीने खरीद कर उन्हें फिर से बना रहने बनाने का मौका मिला। एक बार जब निर्माण पूरा हो जाता है तो तब मैं इन मकानों को बेचने अथवा किराए देता हूं और इससे मुझे मेरी आमदनी बढ़ जाती है।