डवलपमेंट के लिए ईमानदारी ज़रूरी: टीएमयू कुलाधिपति

Honesty is necessary for development: TMU Chancellor

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी कैंपस में वंदे मातरम,भारत माता की जय सरीखे नारों के बीच आन,बान और शान के बीच ध्वजारोहण

रविवार दिल्ली नेटवर्क

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन बोले,आपकी सोच तरक्की करने वाली होनी चाहिए। तरक्की तभी होती है जब सोच ईमानदार होगी।डवलपमेंट के लिए ईमानदारी ज़रूरी है। ईमानदारी से सेल्फ कॉन्फिडेंस विकसित होता है। हमें अपने कमिटमेंट को भी जरूर पूरा करना चाहिए। चांसलर श्री जैन कैंपस में जश्न ए आज़ादी के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने वंदे मातरम,भारत माता की जय सरीखे नारों के बीच बड़ी आन,बान और शान के बीच ध्वजारोहण किया। जन गन मन अधिनायक राष्ट्रीय गान की धुन से कैंपस में देशभक्ति की बयार बही। इस मौके पर यूनिवर्सिटी की वीसी प्रो. वीके जैन,प्रो. हरबंश दीक्षित,प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी, प्रो. एमपी सिंह, प्रो. विपिन जैन, डॉ. विनीता जैन, हॉस्टलर्स आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। संचालन डॉ.माधव शर्मा ने किया। इससे पूर्व टिमिट, फैकल्टी ऑफ एजुकेशन, एग्रीकल्चर कॉलेज, हरियाना के मदन स्वरूप इंटर कॉलेज, सीसीएसआईटी,कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी में भी स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया। बिलारी के ग्राम हरियाना में चांसलर ने अपने पिता स्वर्गीय प्रेम प्रकाश जैन की मूर्ति पर माल्यार्पण के संग-संग स्मृति स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर श्री अनिल जैन भी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है, स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पूर्व यूनिवर्सिटी में चौथी तिरंगा यात्रा भी बड़े जोश ओ जुनून के संग निकाली गई।

कुलाधिपति अपने सारगर्भित संबोधन में बोले,आजादी का मतलब है कि हम हर दृष्टिकोण से आजाद हों। दुनिया की कोई भी ताकत हम पर दबाव न डाल सके। हमारी पॉलिसीज हमारे फायदे के लिए हों, इन पर किसी भी दूसरे राष्ट्र या व्यक्ति का प्रभाव न हो। यही सही मायने में आजादी है। हम स्पीड से आगे की ओर बढ़ रहे हैं। हमें इस स्पीड को ओर तेज करना है। हमारे साथ आजाद हुए कई मुल्क हमसे आगे जा चुके हैं। जो एक बार आगे निकल जाता है, वह हमेशा आगे बने रहना चाहता है। ये प्रतियोगिता केवल देशों तक ही सीमित नहीं है। ये यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेजों, शहरों, सूबों में भी है। हमें यह स्मृत रखना चाहिए,दुनिया में हर तरफ आगे बढ़ने की ललक है।

मैं अपने टीचर्स से कहना चाहता हूं, वे ऐसा कुछ जरूर करें, जिससे वे अपने आप को डवलप कर सकें। वे डवलप होंगे तो निश्चित ही कॉलेज डवलप होगा। यूनिवर्सिटी डवलप होगी और स्टुडेंट्स भी डवलप होंगे। जिंदगी का आनंद तभी है, जब आपका लक्ष्य कभी पूरा न हो। लोग कहते हैं, आपको अपना लक्ष्य पूरा करना है। तब मैं कहता हूं, आपका लक्ष्य वह होना चाहिए जो कभी पूरा न हो। इसी तरह जब किसी लक्ष्य को पूरा करते हैं उससे पहले आपके दिमाग में दूसरा लक्ष्य आ जाना चाहिए। तब उसका मतलब है आप ज्यादा निरंतर संवृद्धि कर रहे हैं। समृद्धि तो आ ही जाती है पर संवृद्धि आना मुश्किल है। यदि युवा गांव से आते हैं तो कुछ ऐसा जरूर करें अपने गांव का नाम रोशन हो, मां बाप का नाम रोशन हो, टीएमयू का नाम और ऊंचा हो ।