विजय गर्ग
वायु प्रदूषण का स्तर बेहद गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। घने कोहरे और धुंध से हालत बेहद खराब हो गए हैं। इसके कारण सांस लेने में परेशानी हो रही है। धुंध, वायु, धुएं और धूल से मिलकर बनती है, इसे स्मॉग भी कहा जाता हैं। यह (स्मॉग) मानव शरीर के हर अंग पर दुष्प्रभाव डालता है। धुंध आमतौर पर सर्दी के मौसम में अधिक देखने को मिलती है। यह वातावरण में जलवाष्प की उच्च सांद्रता और तापमान के परिवर्तन के कारण उत्पन होती है। धुंध के कारण विभिन्न शारीरिक और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। धुंध में शामिल प्रदूषक कणों और हानिकारक गैसों के कारण श्वसन तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जब हम धुंध में सांस लेते हैं, तो ये कण हमारी नाक, गले, फेफड़ों में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, एलर्जी, सांस फूलना और खांसी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से श्वसन संबंधी समस्याओं से ग्रसित लोगों को अधिक खतरा होता है।
■ आंखों में संक्रमण : धुंध के दौरान वायुमंडल में धूल, धुएं और अन्य प्रदूषक तत्वों की अधिकता होती है, जो हमारी आंखों में जलन और खुजली का कारण बन सकती हैं। इससे आंखों में लालिमा, सूजन और कभी-कभी धुंधलापन भी महसूस हो सकता है। यदि प्रदूषण की समस्या गंभीर हो तो आंखों में संक्रमण का खतरा भी बढ़ सकता है। इसके अलावा, अत्यधिक धुंध में लंबे समय तक बाहर रहने से आंखों में दर्द और देखने में परेशानी हो सकती है।
■ सर्दी और बुखार : शोध के अनुसार, धुंध के दौरान वातावरण में संक्रमण फैलाने वाले सूक्ष्मजीवों और बैक्टीरिया की संख्या भी बढ़ जाती है, जो सर्दी, बुखार और अन्य वायरल संक्रमणों को फैलाने का कारण बन सकता है। धुंध के कारण शरीर के कमजोर होने की वजह से यह संक्रमण तेजी से शरीर में प्रवेश कर रोगों का कारण बन सकते हैं। त्वचा में जलन, सूजन : धुंध में उपस्थित प्रदूषण और धूल के कण त्वचा पर भी बुरा असर डाल सकते हैं। लंबे समय तक धुंध में बाहर रहने से त्वचा में जलन, सूजन और खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त, प्रदूषण के कारण त्वचा पर दाग-धब्बे और मुंहासे भी हो सकते हैं। यदि त्वचा की उचित देखभाल न की जाए तो इससे त्वचा के प्रकार में भी बदलाव हो सकता है।
■ जब निकलें बाहर धुंध के कारण मानव शरीर पर अनेक शारीरिक और मानसिक दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इससे बचने के लिए धुंध के दौरान बाहर जाने से बचना चाहिए। अगर बाहर जाना आवश्यक है तो मास्क और चश्मा जरूर पहनें। साथ ही श्वसन संबंधी समस्याओं से बचने के लिए धुंध के दिनों में घर के अंदर रहना और स्वच्छ वातावरण में सांस लेना बेहतर होता है।
विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रिंसिपल शैक्षिक स्तंभकार