जयंत देशपांडे
भारत के असंख्य घरों में, खासकर मच्छरों के पनपने के समय, मच्छर भगाने वाली अगरबत्तियां जलाना एक आम चलन बन चुका है क्योंकि ये सस्ती और आसानी से उपलब्ध होती हैं। हरे रंग की पैकिंग, पर्यावरण अनकूल डिज़ाइन और सिट्रोनेला या एलोवेरा जैसे तत्वों के दावे के साथ इन्हें अक्सर “हर्बल” या “नेचुरल” बताकर बेचा जाता है। ये कम्फर्ट, स्लीपवेल, रिलैक्स और हाई वोल्टेज जैसे आकर्षक नामों से बेचे जाते हैं, जिनके कई क्षेत्रों में अलग-अलग निर्माता हैं। उत्पाद का स्वरूप भले ही नुकसानदायक नहीं दिखता हो, लेकिन इनमें से मच्छर भगाने वाली अधिकतर अगरबत्तियां अवैध होती हैं और केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड द्वारा अप्रूव भी नहीं होतीं। यह प्रोडक्ट विशेष रूप से बच्चों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकती हैं।
बच्चों के स्वास्थ्य पर नजर रखें
अगर आपका बच्चा बार-बार बीमार पड़ रहा है, लगातार खांसी, जुकाम या बिना बुखार के गले में जलन होती है, तो आप सिर्फ संक्रमण पर नहीं, बल्कि घर के पर्यावरण पर भी ध्यान दें। हो सकता है, जो उत्पाद आप समाधान समझ रहे हैं, वही असल समस्या हो। जांचिए कि घर में जो मच्छर भगाने की अगरबत्ती इस्तेमाल हो रही है, वह किसी मान्यता प्राप्त प्राधिकरण से स्वीकृत है या नहीं।
सस्ते उत्पादों की लोकप्रियता के बावजूद, ये अवैध अगरबत्तियां सरकार द्वारा अनुमोदित नहीं हैं। इसका मतलब है कि उन्होंने आवश्यक सुरक्षा और प्रभावकारिता परीक्षण पास नहीं किए हैं और उनमें अनियमित या अस्वीकृत रसायन होते हैं। निर्माता अनुमोदित रसायनों का निर्धारित मात्रा में उपयोग करने या सुरक्षा नियमों का पालन करने जैसी उचित प्रक्रिया का पालन नहीं करते हैं। इन अनियमित उत्पादों को जब जलाया जाता है और इनसे निकलने वाला धुआं जब सांस के माध्यम से अंदर लिए जाते हैं, तो श्वसन तंत्रिका में जलन पैदा कर सकते हैं और बच्चों के विकासशील फेफड़ों को प्रभावित कर सकते हैं।
“हर्बल” दावों के झांसे में न आएं
हर्बल सामग्री के झांसे में कतई न आएं। केवल ‘सिट्रोनेला’ या ‘एलोवेरा’ कहने और पैक पर आकर्षक तस्वीर होने से यह गारंटी नहीं मिलती कि उत्पाद सुरक्षित है। इन आकर्षक शब्दों का उपयोग अक्सर हानिकारक सिंथेटिक एडिटिव्स की उपस्थिति को छिपाते हुए प्राकृतिक सुरक्षा की झूठी भावना पैदा करने के लिए किया जाता है। उत्पादों की पैकेजिंग हरी और डिज़ाइन आकर्षक हो सकती है, लेकिन ध्यान दें कि वे आयुर्वेदिक या प्राकृतिक नहीं हैं।
सुरक्षित और सरकार द्वारा अनुमोदित उत्पाद कैसे पहचानें
मच्छर भगाने वाले उत्पाद का चयन करते समय, हमेशा केवल केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (सीआईबीआरसी), जो कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत एक निकाय है, द्वारा अनुमोदित कानूनी और सुरक्षित समाधानों का चयन करें। हमेशा पैकेजिंग पर सीआईआर (सीआईआर) पंजीकरण संख्या की जांच करें। जिस तरह हम हेलमेट, इलेक्ट्रॉनिक्स या दवाओं के लिए आईएसआई (आईएसआई) या बीआईएस (बीआईएस) प्रमाणीकरण पर भरोसा करते हैं, उसी तरह सीआईआर संख्या पुष्टि करती है कि उत्पाद का सरकारी अधिकारियों द्वारा परीक्षण और अनुमोदन किया गया है। गुडनाइट जैसे विश्वसनीय और सरकार द्वारा अनुमोदित ब्रांड अपने लिक्विड वेपोराइज़र के पैक पर यह सीआईआर संख्या स्पष्ट रूप से अंकित करते हैं। यह प्रभावकारिता और सुरक्षा दोनों का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।
अनुमोदित उत्पादों पर चेतावनी लेबल क्यों मायने रखते हैं
कई माता-पिता सोचते हैं कि अगर उत्पाद पर चेतावनी वाले लेबल चिपकाए गए हैं तो शायद वह असुरक्षित है। लेकिन यह पूरी तरह गलत है। रासायनिक उत्पादों पर सावधानी व उपयोग निर्देश देना एक मानक प्रक्रिया है ताकि उपभोक्ता इन्हें जिम्मेदारी से इस्तेमाल कर सके, सुरक्षित तरीके से रख सके और किसी जलन या दुष्प्रभाव की स्थिति में उचित कदम उठा सके। यह लाल रंग के चेतावनी वाले लेबल ठीक वैसे ही होते हैं, जैसे आप सफाई करवनेवाले उत्पादों, दवाओं या यहां तक कि रसोई के कीटाणुनाशकों पर दिखाई देते हैं।
जागरूक रहें, समझदारी से उत्पाद चुनें
मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियां अब भी गंभीर खतरा बनी हुई हैं। मच्छरों से बचाव महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे सही तरीके से उपयोग करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। केवल सरकार द्वारा अनुमोदित उत्पादों का उपयोग करके और अवैध अगरबत्ती-आधारित उत्पादों से दूर रहकर, आप न केवल अपने बच्चे को वेक्टर-जनित बीमारियों से बचाते हैं, बल्कि उन्हें छिपे हुए विषाक्त पदार्थों से भी बचाते हैं। इसलिए बुद्धिमानी से मच्छर भगाने वाले सुरक्षित उत्पाद चुनें क्योंकि जब आपके बच्चों के सेहत की हो, तो हर सांस मायने रखती है। रात भर की सुरक्षा के लिए, विशेषकर जब बच्चे सबसे अधिक जोखिम में होते हैं, लिक्विड वेपोराइज़र सबसे अच्छा काम करते हैं। किस उत्पाद का उपयोग करना है, और कब करना है, यह जानने से परिवारों को साइड इफेक्ट्स की चिंता किए बिना सुरक्षित रहने में मदद मिलती है।
“विकास से आगे: दोहा शिखर सम्मेलन का मानव-केंद्रित विकास पर फोकस”
दोहा (क़तर) में 4 से 6 नवम्बर 2025 के बीच आयोजित होने जा रहे द्वितीय विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन (WSSD 2025) में दुनिया भर के राष्ट्र सामाजिक प्रगति, सतत विकास और मानव कल्याण के नए एजेंडे पर विचार करेंगे। इस वैश्विक मंच पर इंडिया वाटर फाउंडेशन (IWF) सक्रिय भूमिका निभाने जा रहा है, जो सामाजिक सुरक्षा, गरीबी उन्मूलन और सतत आजीविका के अपने समग्र दृष्टिकोण को साझा करेगा।
IWF का उद्देश्य सामुदायिक-आधारित मॉडल को सामने लाना है जो सतत विकास को स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसे सामाजिक संकेतकों से जोड़ता है, विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं के लिए। संस्था संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, सरकारों और सिविल सोसाइटी संगठनों के साथ मिलकर ऐसे बहु-हितधारक ढांचे (multi-stakeholder frameworks) को बढ़ावा देगी, जिनमें सामाजिक विकास को पर्यावरणीय और आर्थिक नीतियों का केंद्रीय तत्व बनाया जा सके।
तीस वर्ष पहले कोपेनहेगन में हुए पहले शिखर सम्मेलन ने गरीबी उन्मूलन, पूर्ण रोजगार और सामाजिक एकीकरण के वैश्विक लक्ष्य तय किए थे। किंतु आज भी दुनिया के कई विकासशील देशों में यह लक्ष्य पूरी तरह साकार नहीं हो पाए हैं — आर्थिक वृद्धि अभी तक समान अवसरों, सम्मानजनक रोजगार और सतत आजीविका में नहीं बदल सकी है। भारत जैसे उभरते देशों के लिए अब चुनौती यह सुनिश्चित करने की है कि विकास केवल आंकड़ों तक सीमित न रहे, बल्कि वह परिवर्तनकारी, समावेशी और लचीला (resilient) हो।
संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव सुश्री अमीना मोहम्मद ने कहा, “दुनिया भर में यदि हम सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को हासिल कर लेते हैं, तो यह न केवल वैश्विक चिंता को कम करेगा, बल्कि महिलाओं और पुरुषों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेगा और सभी समाजों में स्थिरता और शांति की ठोस नींव रखेगा। हमें युवाओं को सशक्त बनाना होगा ताकि वे शांति और विकास के वाहक बन सकें।”
इस दृष्टि को साझा करते हुए इंडिया वाटर फाउंडेशन ने कहा कि, “हमारा विश्वास है कि सामाजिक विकास और सततता एक-दूसरे के पूरक हैं। WSSD 2025 में हमारी भागीदारी इसी सोच को प्रतिबिंबित करती है कि समावेशी और मानव-केंद्रित प्रगति ही हर राष्ट्रीय और वैश्विक एजेंडे का मूल होनी चाहिए।”
द्वितीय विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन (WSSD 2025), जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित किया जा रहा है, में विश्व के शीर्ष नेता, अंतरराष्ट्रीय संस्थान, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र शामिल होंगे। यह सम्मेलन ऐसे समय पर हो रहा है जब असमानता, बेरोजगारी और सामाजिक बहिष्कार जैसी चुनौतियाँ वैश्विक स्तर पर फिर से बढ़ रही हैं। इस संदर्भ में दोहा शिखर सम्मेलन से यह उम्मीद की जा रही है कि यह मानव-केंद्रित विकास को वैश्विक नीतियों के केंद्र में लाने की दिशा में निर्णायक कदम साबित होगा।





