रविवार दिल्ली नेटवर्क
लखनऊ : लखनऊ के बंथरा क्षेत्र में प्रॉपर्टी डीलर ऋतिक पांडेय की हत्या का मामला राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। समाजवादी पार्टी के नेता इस मामले को प्रदेश की कानून-व्यवस्था का मुद्दा बना कर योगी सरकार पर हावी होना चाहते हैं। जबकि इस मामले में पूरे थाने को निलंबित करने के पश्चात सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
हत्या की घटना पर राजनीतिक रोटियां सेंकने के लालच में समाजवादी पार्टी के नेता जहां लगातार मृतक के घर पहुंच कर उसके परिजनों से मिलने और फोटो खिंचवाने में जुटे हैं, वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी योगी सरकार को घेरने और तीखी बयानबाजी करने में पीछे नहीं हैं। अखिलेश यादव की बयानबाजी का जवाब सरोजिनी नगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह लगातार दे रहे हैं। दो दिन के भीतर ही प्रदेश पुलिस की तत्परता से सभी आरोपियों की गिरफ़्तारी के बाद भी होहल्ला मचाने में लगे अखिलेश यादव को उनके कार्यकाल में होने वाले जघन्य अपराधों की याद दिलाते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने एक्स पर लिखा – ”आश्चर्य !! आज वो सुशासन का पाठ पढ़ा रहे हैं जिनकी सुशासन के विषय में फीस माफ़ थी! आप (अखिलेश यादव) भूल गए होंगे पर उत्तर प्रदेश की जनता आपकी जातिवाद और तुष्टीकरण की राजनीति नहीं भूली है।”
डॉ. सिंह ने अखिलेश यादव को चेताया कि, ”समाजवादी पार्टी की निकृष्ट मानसिकता की राजनीति और राम और परशुराम में भेद करने की दूषित मानसिकता का सरोजनी नगर में कोई स्थान नहीं है!”
एक्स पर डॉ. राजेश्वर सिंह ने श्री यादव को उनके कार्यकाल की याद दिलाते हुए लिखा, ”आप भूल गए हों पर उत्तर प्रदेश की जनता नहीं भूली, जब सपा के शासनकाल में आप की सरकार की गोलियों ने 40 राम भक्तों का सीना छलनी कर दिया था। कितनी माताओं की गोद सूनी हुई थी, कितनों का सुहाग उजड़ गया था। उनकी सिसकियाँ आज भी थमी नहीं है।”
उन्होंने आगे लिखा, ”सपा शासनकाल में पुलिस भी सुरक्षित नहीं थी। कर्तव्यनिष्ठ पुलिस क्षेत्राधिकारी श्री राजेश साहनी को सपा संरक्षित 5 गुंडों ने जीप की बोनट पर लटकाकर कैसरबाग से हजरतगंज तक खींचा था। कुंडा में पुलिस क्षेत्राधिकारी श्री जियाउल हक जी की नृशंस हत्या की गयी थी। जवाहर बाग, मथुरा में एसपी सिटी श्री मुकुल द्विवेदी जी की निर्मम हत्या कर उत्तर प्रदेश पुलिस को लज्जित किया गया था। तब क्या बेबसी थी आपकी?”
डॉ. राजेश्वर सिंह ने सपा प्रमुख को आईना दिखाते हुए एक्स पर लिखा, ”आपकी सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीति की सारी हदें तब पार कर दी थीं, जब 2013 में संकट मोचन मंदिर वाराणसी में हमले के दोषियों सहित 19 कुख्यात आतंकियों के मुकदमे आप और आपकी सरकार ने वापस लेने का प्रयास किया था। क्या मजबूरी थी आपकी?”
सपा के कार्यकाल का कच्चा चिट्ठा खोलते हुए डॉ. सिंह ने उस घटना की भी याद दिलाई जब वर्ष 2014 में बदायूं में दो नाबालिग बेटियों के साथ गैंगरेप कर उनकी निर्मम हत्या कर उनकी लाशों को पेड़ पर लटका दिया गया था। तब समाजवादी पार्टी सरकार की पुलिस ने उस घटना को ऑनर किलिंग के नाम देकर उनके परिजनों को ही दोषी बना दिया था। डॉ. सिंह ने सवाल उठाया कि तब किसको बचा रही थी आप की सरकार?
डॉ. सिंह ने उस भयावह घटना का भी जिक्र किया जब 2004 में कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ रहे वर्तमान सपा प्रमुख को भाजपा बूथ अध्यक्ष श्री नीरज मिश्रा जी ने बूथ कैप्चरिंग से रोका तो उनकी गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी गयी थी।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने अखिलेश यादव को याद दिलाया कि सपा के शासनकाल में देश भर की एक तिहाई घटनाएं यूपी में घटती थीं। एक दिन में 13 मर्डर, 24 रेप, 21 अटेम्प्ट टू रेप, 33 किडनैपिंग, 19 दंगे और 136 चोरी की घटनाएं प्रदेश में हुई हैं यानी एक दिन में औसतन 7650 क्राइम की घटनाएं दर्ज की गयी हैं। योगी सरकार की सख्त और चुस्त कानून-व्यवस्था पर ऊँगली उठाते हुए अखिलेश यादव को शर्म आनी चाहिए।
डॉ. सिंह ने कहा कि आज बंथरा में पीड़ित परिवार से मिलने और उनके आगे घड़ियाली आंसू बहा कर योगी सरकार को घेरने की कवायद के पीछे एक हारे हुए सिपहसालार का मकसद ढाई साल बाद अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने भर का है। वे वहाँ पीड़ित परिवार के आंसू पोछने और उनके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने नहीं बल्कि जातिवाद की राजनीति को हवा देने आये हैं। ये लोग किसी गरीब, किसान, मजदूर के दरवाजे पर उनके किसी मृतक को कंधा देने नहीं आते, मगर यहां अखबार की सुर्खियां बटोरने के लिए जमावड़ा लगाए हुए हैं। यह अत्यंत दुखद है।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि बंथरा में घटी इस दुखद घटना से पूरा सरोजिनी नगर परिवार आहत है। हम एकसाथ उस परिवार के साथ खड़े हैं। लापरवाही के दोषी चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है। सभी आरोपी सलाखों के पीछे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन में कोई अपराधी ना बचा है और ना ही बचेगा। अखिलेश यादव अपनी गलतबयानी से बाज आएं। प्रदेश की जनता को उनका माफिया राज और गुंडाराज दोबारा नहीं चाहिए।