भजनलाल सरकार मना रही है “एक वर्ष परिणाम उत्कर्ष “
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
राजस्थान की भजन लाल शर्मा की भाजपा सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल रविवार 15 दिसम्बर को पूरा हुआ है। संयोग से रविवार को मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का जन्म दिवस भी था। आज से ठीक एक साल पहले जब भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बड़े बड़े नामों को दरकिनार कर संगठन में लंबा अनुभव रखने वाले भजनलाल शर्मा पर भरोसा किया तो हर कोई हैरान रह गया था। एक वर्ष पहले भजन लाल शर्मा के नाम से प्रदेश की जनता इतनी वाकिफ भी नहीं थी। वे जयपुर को सांगानेर विधानसभा सीट से पहली बार विधायक चुने जाने से पहले कभी विधायक भी नहीं रहें। इससे पूर्व भरतपुर जिले में अपने जन्म स्थल और गाँव अटारी के 2000 से 2005 तक ग्राम पंचायत में सरपंच जरुर रहें। हालांकि उन्होंने प्रदेश भाजपा में संगठन का काम लम्बे समय तक किया और राजस्थान प्रदेश भाजपा के महामंत्री एवं उपाध्यक्ष भी रहें।
राज्य के विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिलने के बाद वसुन्धरा राजे जैसी दिग्गज हस्तियों के मुकाबले बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री चुना गया। दरअसल, पर्यवेक्षक केन्द्रीय रक्षा मन्त्री राजनाथ सिंह के साथ राजे ने ही पार्टी हाईकमान द्वारा भेजी गई ‘‘पर्ची’’ को पढ़कर उनके नाम की घोषणा की थी।नयी सरकार के गठन के एक महीने के भीतर ही भाजपा ने एक नई परम्परा बनाते हुए करणपुर में अपने पार्टी उम्मीदवार सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को मंत्री बनाया इसके बावजूद पार्टी किसान बहुल श्रीगंगानगर जिले के करणपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गई और सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को मंत्री पद छोड़ना पड़ा। कांग्रेस उम्मीदवार की मृत्यु के कारण करणपुर में चुनाव स्थगित कर दिया गया था राज्य विधानसभा चुनाव के साथ यहाँ चुनाव नहीं हो पाया था।
इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव 2024 के प्रदेश में आये नतीजों से भजन लाल शर्मा के समक्ष स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो गई। लोकसभा चुनाव में भाजपा को राज्य की 25 में से 14 सीटें ही मिलीं जबकि कांग्रेस को आठ और उसके ‘इंडिया’ गठबन्धन (इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस) के सहयोगियों ने शेष तीन सीट जीतीं जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की सभी 25 सीटों पर कब्जा जमाया था और 2019 में एनडीए (राजग – राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने सभी सीटें (भाजपा ने 24 और हनुमान बैनीवाल की राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक पार्टी ने एक) सीट जीतीं थी। बाद में किसान आन्दोलन को लेकर हनुमान बैनीवाल एनडीए से अलग हो गये थे।
बीते साल भजन लाल मन्त्रिपरिषद के सबसे वरिष्ठ मंत्री कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा काफी चर्चित रहे। कभी उन्हें मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल माना जा रहा था। उन्होंने लोकसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान की कुछ सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों को जीत दिलाने में विफल रहने का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे कर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की मुश्किलें बढ़ाई । हालांकि, डॉ किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया, लेकिन मीणा ने कई बार सरकार के लिए ‘‘परेशानी’’ वाले हालात पैदा किए।
इन तमाम चुनौतियों और दबावों के बावजूद मुख्यमन्त्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में भाजपा ने राज्य में हाल ही में हुए उपचुनावों में सात में से पांच सीट जीत कर पूरी कहानी ही बदल दी। शर्मा और उनकी टीम ने चुनौतियों का सामना किया और सरकार के पहले साल को महत्वपूर्ण उपलब्धियों वाला साल बनाया ।हालांकि, राज्य सरकार 2021 की एसआई भर्ती पर अभी कोई फैसला नहीं ले पाई है। शर्मा को यह फैसला लेना है कि परीक्षा रद्द की जाए या नहीं। इसके अलावा मंत्रीमंडलीय उप समिति तथा पूर्व आई ए एस डॉ ललित के पवार समिति की समीक्षा के बावजूद नवगठित जिलों पर फैसला अभी भी लंबित है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राजस्थान सरकार की पहले साल की प्रमुख उपलब्धियों में 1.24 लाख से अधिक नौकरियां, पेपर लीक माफिया पर कार्रवाई और पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी )के संबंध में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को शामिल किया जा रहा है। पिछली सरकारों ने केन्द्र सरकार पर ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं देने का आरोप लगाया था। भजन लाल सरकार ने सत्ता में आने के बाद इस परियोजना को प्राथमिकता से लिया तथा मध्य प्रदेश और केन्द्र सरकार के साथ पुनर्संशोधित पी के सी – ईआर सी पी परियोजना के लिए एम आई यू किया।
भजन लाल सरकार ने अपने पहले साल में ही जयपुर में अन्तर्राष्ट्रीय निवेश शिखर सम्मेलन आयोजित किया और 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। यह राजस्थान की अर्थव्यवस्था को बढ़ाकर अगले पाँच वर्षों में 350 अरब डॉलर करने के भजनलाल सरकार के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।इसके लिए राज्य सरकार ने इस साल के बजट में पूंजीगत व्यय में 65 प्रतिशत की वृद्धि की है।
भजन लाल सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले ही वर्ष में ‘राइजिंग राजस्थान निवेश शिखर सम्मेलन’ का साहसिक फैसला कर इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों कराया।मुख्यमंत्री भजनलाल की यह पहल पहले वर्ष में ही करने के पीछें यह दृष्टिकोण रहा कि अगले चार वर्षों में निवेश प्रतिबद्धताओं को जमीन पर उतारा जा सके। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नौ दिसंबर को शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा था, ‘‘बहुत ही कम समय में यहां भजन लाल जी और उनकी पूरी टीम ने शानदार काम करके दिखाया है। भजनलाल जी जिस कुशलता और प्रतिबद्धता के साथ राजस्थान के तेज विकास में जुटे हैं, वो प्रशंसनीय है।’’
पिछलें एक साल में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के विजन की चर्चा पूरे देश विदेश और सियासी हलकों में हो रही है। पिछले वर्ष 15 दिसंबर को भाजपा के विधायक दल ने राजस्थान में मुखिया के तौर पर भजनलाल शर्मा को कमान सौंपी थी। इसके बाद उन्होंने पीछें मुड कर नहीं देखा फिर चाहे पूर्वी राजस्थान में ईआरसीपी समझौते की बात हो या फिर शेखावाटी अंचल को पेयजल की सौगात देने वाली यमुना जल समझौते की बात की जाए। यहां तक की चुनाव पूर्व भाजपा के संकल्प पत्र के वादे के मुताबिक 450 रुपए में गरीबों को रसोई गैस सिलेंडर देने की योजना हो।इसके अलावा कर्ज से डूबे हुए प्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करके राहत देने का दावा भी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने पहले कार्यकाल के पहले साल में ही पूरा किया है। यही वजह है कि प्रदेश भाजपा ने इस एक साल के कार्यकाल को “एक वर्ष परिणाम उत्कर्ष ” के नारे के साथ मनाने का फैसला किया है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा हैं कि एक साल पहले बनी भजनलाल शर्मा की सरकार ने एक और बड़ी पहल की है। इस दौरान सरकार के लिए नासूर बन चुके पेपर लीक करने वाले गिरोह पर एक्शन लिया है।कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए पेपर लीक के अपराधियों को सलाखों के पीछे तो पहुंचाया ही, साथ ही एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का भी गठन किया है ताकि प्रदेश के युवाओं में फिर से सरकार के प्रति भरोसा पैदा किया जा सके और पारदर्शी तरीके से प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित हो सके।प्रतियोगी परीक्षाओं के सरलीकरण की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाते हुए सरकारी भर्तियों के लिए पहली बार समयबद्ध कलेंडर जारी किया है। इसके साथ ही बालिका शिक्षा को बढ़ाने देने के लिए लाडो प्रोत्साहन योजना के जरिये प्रदेश में जन्म लेने वाली बच्चियों के लिए एक-एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता लागू की गई है।भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बताते हैं कि राज्य में पीएम किसान निधि को वादे के अनुरूप बढ़ाया गया हैं और मीसा बंदियों की फिर से पेंशन शुरू की गई हैं।इसके साथ ही बिजली संकट की समस्या को सुलझाने के लिए ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कवायद शुरू की। उन्होंने सीएम भजन लाल के दावे को दोहराया कि साल 2027 में राजस्थान बिजली लेने वाला नहीं, बल्कि देने वाला प्रदेश बनेगा।
भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ के मुताबिक राजस्थान के लिए वर्ष 2024 कई मायनों में खास रहा और भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश में विकास की राह पर रफ्तार भी पकड़ी हैं।सरकार अब जनता के बीच अपने एक साल का हिसाब रख रही है। बीजेपी के नेता इस एक साल को ” एक वर्ष परिणाम उत्कर्ष ” बता रहे हैं। राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि भजनलाल सरकार एक वर्ष में राजस्थान की तकदीर बदलने में जुटी रही है।विकास की तरफ कदम बढ़ा रही है. राइजिंग राजस्थान समिट में हुए 35 लाख करोड़ के एमओयू जल्द धरती पर उतरते हुए दिखाई देंगे।उन्होंने कहा कि भाजपा की यह वह सरकार है, जो कहती है वह करती है। संकल्प पत्र के 65 फीसदी विवादों को पूरा कर दिया गया है। युवाओं के रोजगार के अवसर इस सरकार में देखने को मिल रहे हैं। राठौड़ ने कहा कि भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान अग्रणी राज्यों में शामिल होने के लिए आगे बढ़ रहा है, विकसित देश की कल्पना में राजस्थान सबसे आगे रहने वाला है।
राजस्थान की राजनीति में भजनलाल सरकार का ये एक साल कई मायनों में बेहद ख़ास रहा है।सरकार के इस पहले साल में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने न केवल कई बड़े और महत्वपूर्ण फ़ैसले लिए हैं बल्कि अपने राजनीतिक कौशल और संगठनात्मक अनुभव के ज़रिए उपचुनाव में भी पार्टी को बड़ी जीत दिलाने में कामयाबी हासिल की है,लेकिन इस एक साल में बतौर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने कुशल नेतृत्व और संगठनात्मक अनुभव के ज़रिए पार्टी के फैसले को ना केवल सही साबित किया है बल्कि साहसिक फैसलों वाली राजनीति की एक बड़ी लकीर भी खींच दी है।
भजन लाल सरकार के इस पहले साल में पेपर लीक, नक़ल माफ़ियाओं और बड़े बदमाशों के ख़िलाफ़ एक्शन के लिए टास्क फ़ोर्स का गठन हो या फिर महिला रिज़र्वेशन का दायरा बढ़ाने की बात सरकार ने बड़े फ़ैसले लिए हैं।इस एक साल में आम आदमी और कर्मचारी वर्ग को राहत दी गई, साथ ही युवाओं के लिए नौकरियों की बहार भी नज़र आई है।सबसे बड़ी बात सरकार ने अपने पहले ही साल में राइज़िंग राजस्थान के ज़रिए प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था को मज़बूत करने की दिशा में बड़ा क़दम उठाया है।मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान में महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी कई बड़े क़दम उठाए हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में महिला आरक्षण के दायरे को बढ़ाकर 50फ़ीसदी करना और पुलिस भर्ती में महिला रिज़र्वेशन के कोटे 30 से बढ़ाकर 33 फ़ीसदी करना शामिल है। मुख्यमन्त्री के इस फ़ैसले को महिलाओं से भरपूर समर्थन मिला है।
राजस्थान में भाजपा ने विधानसभा चुनाव में वैट में कमी कर जनता को महँगाई से राहत देने का वादा किया था। सीएम बनने के बाद मुख्यमंत्री ने ये वादा पूरा किया और पेट्रोल डीज़ल पर वैट में 2 प्रतिशत की कटौती कर जनता को महँगाई से बड़ी राहत दी है।विधानसभा चुनाव में महँगाई बड़ा चुनावी मुद्दा था और सी एम पद की शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री ने इस दिशा में गंभीर प्रयास शुरू किए थे इसी दिशा में सरकार ने उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 450 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने का वादा पूरा किया. गरीब परिवार की महिलाओं को 450 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने बजट में पाँच साल में चार लाख सरकारी और 10 लाख प्राइवेट सेक्टर में नौकरी देने का वादा किया था सरकार इस साल अभी तक अलग अलग विभागों में क़रीब 70 हज़ार नौकरियों की विज्ञप्ति जारी कर चुकी है।मुख्यमंत्री बनने के बाद भजन लाल शर्मा ने केंद्र सरकार के सहयोग से मध्य प्रदेश सरकार के साथ जो सबसे पहले एम ओ यू किया वह ईआरसीपी को लेकर था पिछले कुछ सालों से राजस्थान में ईआरसीपी एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना हुआ था। इस योजना से अब पूर्वी राजस्थान के सिंचाई और पेयजल की समस्या का समाधान हो सकेगा।साथ ही यमुना जल समझौते के ज़रिए शेखावाटी की बरसों पुरानी माँग भी पूरी हो पाएगी। परियोजना से राजस्थान के 21 जिलों को पानी की आपूर्ति होगी।योजना में 70 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत आएगी। परियोजना के पहले चरण का काम लगभग 4 साल में पूरा होगा। 2028 तक बीसलपुर और ईसरदा बांध तक चंबल का पानी लाने की योजना है। परियोजना से 158 बांध-तालाब एवं अन्य जल स्रोतों तक पानी पहुंचेगा। हालाँकि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस एम ओ यू को सार्वजनिक करने की माँग की है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जब कार्यभार संभाला था। तब राजस्थान में बिजली की हालत अच्छी नहीं थी यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने राजस्थान में ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड़े एम ओ यू साइन किए हैं। 2 लाख 24 हजार करोड़ का निवेश लाने के लिए केन्द्र सरकार के साथ एम ओ यू हुआ तो सोलर पार्क स्थापित करने के लिए 4 स्थानों पर जमीन का आवंटन भी किया गया है। इससे बीकानेर के पूगल एवं छत्तरगढ़ तहसील में 2450 मेगावाट के 3 सोलर पार्क स्थापित हो सकेंगे।राइजिंग राजस्थान में भी सबसे ज़्यादा एम ओ यू ऊर्जा के क्षेत्र में ही किए गए हैं।
राजस्थान में सरकारी कामकाज के सरलीकरण और निवेश सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने 5 विभागों में नौ नई नीतियों को शुरू किया है। इसमें एमएसएमई नीति, निर्यात संवर्द्धन, एक जिला-एक उत्पाद, पर्यटन इकाई, स्वच्छ ऊर्जा, खनिज, एम-सेण्ड और क्लस्टर विकास योजना शामिल हैं।
लंबे समय से कर्मचारियों की लंबित माँग पर कैबिनेट में मोहर लगाते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सातवें राज्य वित् आयोग का गठन किया है।विगत 30 नवंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में पंचायती राज संस्थाओं एवं नगरपालिकाओं के लिये 7वें राज्य वित्त आयोग के गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इस आयोग के अवार्ड का समय 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2030 तक होगा।
भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने राजस्थान में नए धर्मांतरण क़ानून के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है। अब सहमति से धर्मांतरण करने से पहले भी सरकारी स्तर पर अनुमति अनिवार्य होगी। ज़बरन धर्मांतरण करवाने पर कठोर सजा का प्रावधान किया गया है विधानसभा में बिल लाकर इसे क़ानून का रूप दिया जाएगा।चुनावी वादा पूरा करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान के किसानों को प्रधानमंत्री किसान नीति की दूसरी किस्त भी जारी कर दी है।महिलाओं को लखपति बनाने का वादा भी पूरा किया है.
सीएम बनने के बाद भजनलाल शर्मा को राजस्थान का ख़ज़ाना ख़ाली मिला था और विकास के चक्र को तेज़ी से घुमाने के लिए आर्थिक बाधाएँ बड़ी परेशानी थी लेकिन सीएम भजन लाल ने पहले ही साल में राजस्थान राइज़िंग राजस्थान का आयोजन 35 लाख करोड़ के निवेश के ज़रिए राजस्थान में विकास का नया अध्याय लिख दिया है।
भजनलाल शर्मा जब मुख्यमंत्री बने तब उनके राजनीतिक कौशल को लेकर भी सवाल उठे थे लेकिन उन्होंने सरकार में साहसिक फैसलों के साथ साथ अपने संगठनात्मक कौशल और माइक्रो मैनेजमेंट के ज़रिए उपचुनावों में 7 में से पाँच सीटें जीतकर ये बता दिया कि राजस्थान में भाजपा का भविष्य उनके नेतृत्व में बिलकुल सुरक्षित है। राजस्थान की भजनलाल सरकार को आज एक साल पूरा हो गया है और प्रदेश में सरकार की वर्षगांठ का जश्न मनाया जा रहा है। लेकिन, क्या आपको पता है कि सरकार ने पहले ही साल में कौन-कौनसी बड़ी पहल की। भजनलाल सरकार ने राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्मेंट समिट के माध्यम से सभी 50 जिलों में विकास करने की दिशा में बड़ी पहल शुरू की है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इन उपलब्धियों के साथ मुख्यमन्त्री भजन लाल के समक्ष अभी भी कई चुनौतियाँ हैं। उनके मंत्रिमंडल में 80 प्रतिशत नए चेहरे हैं। उन्हें मंत्रिमंडल में एकजुटता की कमी को दूर करनी होगी।साथ ही ब्यूरोक्रेसी हावी न हो, इस बात को भी देखना होगा।राजनीतिक गलियारों में यह कहा जाता है कि भजन लाल सरकार पर अधिकारी ज्यादा हावी हैं। सीएम को यह धारणा बदलनी होगी।वित्तीय घाटा कम करने के लिए ठोस कदम उठाना सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए उन्हें वित्त प्रबंधन को और अधिक बेहतर बनाने की जरूरत हैं।साथ ही नए जिलों के बारे में भी शीघ्र निर्णय करना होगा।पिछली गहलोत सरकार ने 19 जिलों का गठन किया था, जिस कारण प्रदेश में 50 जिले हो गए हैं। मौजूदा सरकार ने इसकी समीक्षा के लिए मंत्री मंडलीय कमेटी गठित की, लेकिन अभी तक किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाए है ।साथ ही मुख्यमंत्री भजन लाल को नए संभागों पर भी ध्यान देना होगा क्योकि संभाग मुख्यालयों को अभी पूरे संसाधन नहीं मिले हैं। यहां संभाग स्तरीय संस्थान भी खोले जाने हैं। इस दिशा में जल्द पहल की जरूरत है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भजन लाल सरकार को पर्ची की सरकार और रिमोट से संचालित सरकार बता कर उस पर कई सवाल उठा रहें है।
देखना है कि भजन लाल सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर जयपुर के निकट दादिया गाँव में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की सत्रह दिसंबर को प्रस्तावित विशाल जनसभा में मुख्यमन्त्री शर्मा प्रदेश वासियों के सामने कौन सा नया रोडमेप रखने वाले है?