भारत के लिये कैसा रहा 2025 वाला साल

How was the year 2025 for India?

गोवर्धन दास बिन्नानी “राजा बाबू”

प्राचीन रोमन काल से—आधुनिक रूप में १५ अक्टूबर, १५८२ से घोषित ग्रेगोरियन कैलेंडर दुनिया भर में सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला कैलेंडर बना हुआ है।

हालाँकि सनातन धर्मावलम्बी जिस तरह अपने नये साल विक्रम संवत् को अलग-अलग प्रदेशों में अलग-अलग नामों के साथ बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं, उस प्रकार यह पहली जनवरी वाला दिन नहीं मनाया जाता है। फिर भी यह इसलिए एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि हम सभी एक साथ एक जनवरी से ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार २०२६ का प्रयोग करना प्रारम्भ कर देंगे।

अब सबसे पहले उल्लेख करना चाहूँगा दो (मूल रूप से) बड़े आतंकी हमलों का, जिन्होंने पूरे देश को उद्वेलित कर दिया—

पहला कायराना हमला पाकिस्तानी आतंकियों ने अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हिन्दू पर्यटकों पर पहचान पूछकर किया, जिनमें छब्बीस लोगों की जान चली गई।

दूसरा हमला नवम्बर में दिल्ली के लाल किले के पास हुआ, जहाँ एक कश्मीरी डॉक्टर ने फिदायीन हमले में एक कार को ब्लास्ट से उड़ा दिया, जिसमें कम से कम पन्द्रह लोगों की जान चली गई और कई जख्मी हो गए।

अब कुछ महत्वपूर्ण दुःखद प्राकृतिक घटनाएँ, जिनसे हम रूबरू हुए—

अ) मई के अन्तिम सप्ताह में बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवात ‘रेमल’ ने न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि ओडिशा के भी तटीय इलाकों पर कहर बरपाया।

ब) जून में अरब सागर से उठा चक्रवाती तंत्र गुजरात तक पर अपना उग्र रूप दिखा गया और आठ लोगों की जान ले ली।

स) अगस्त माह में काफ़ी आपदाएँ आईं, जो इस प्रकार हैं—

i) अगस्त के प्रथम सप्ताह में उत्तरकाशी के शांत धराली-हर्षिल क्षेत्र में तड़के बादल फटने से मलबे में सत्रह लोगों की मौत हुई और पूरे क्षेत्र में तबाही मच गई।

ii) धराली के बाद १८ अगस्त को जम्मू-कश्मीर के रामबन ज़िले में प्रकृति ने वही दृश्य दोहराया और ग्यारह लोगों की जान चली गई; तबाही मची, वह अलग।

iii) १८ अगस्त को ही राजस्थान के सुरवाल डैम में अत्यधिक वर्षा के चलते पानी क्षमता से अधिक हो जाने से ग्रामीण इलाकों में बाढ़ आ गई और छह से आठ लोगों की मौत हो गई; खेतों आदि को नुकसान हुआ, वह अलग।

iv) अगस्त माह में ही अत्यधिक वर्षा के चलते पंजाब और हिमाचल में भी पूरी अफ़रा-तफ़री मची रही, और इस अफ़रा-तफ़री में पचपन से अधिक मौतें दर्ज हुईं। बाकी नुकसान भी काफ़ी हुआ।

द) अठ्ठाइस सितम्बर की रात को कोलकाता में क्लाउड बर्स्ट के चलते भयंकर वर्षा हुई, जिससे दो-तीन दिन पूरा कोलकाता अस्त-व्यस्त हो गया। काफ़ी नुकसान के अलावा दस-बारह लोग काल के गाल में समा गए।

ल) अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में भूटान स्थित ताला डैम से अचानक बढ़े जलप्रवाह से दार्जिलिंग व आसपास के इलाकों में बाढ़ व भूस्खलन हुआ। काफ़ी नुकसान हुआ और अठारह से तेईस लोगों की मृत्यु भी हुई।

ह) नवम्बर के अन्तिम सप्ताह में दक्षिण भारत के तटीय व आंतरिक इलाकों में सक्रिय चक्रवाती तंत्र के चलते भारी वर्षा, बाढ़ व भूस्खलन हुआ। तमिलनाडु, केरल व आंध्र में काफ़ी नुकसान हुआ और सैकड़ों मौतें भी हुईं।

उपरोक्त सभी घटनाओं में मृत व्यक्तियों को, इस कॉलम के माध्यम से, मैं अपनी सादर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूँ।

अब प्रस्तुत करूँगा वे अनेक उपलब्धियाँ, जो हमें पिछले २०२५ वाले वर्ष में प्राप्त हुई हैं।

सबसे पहले आस्था, संस्कृति और भारत की अद्वितीय विरासत से सम्बन्धित उपलब्धियाँ—

क) साल की शुरुआत में ही यह सब एक साथ दिखाई दिया, जब वृहद प्रयागराज महाकुंभ धार्मिक आयोजन पूर्ण रूप से शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ। इस सफलतम आयोजन ने पूरी दुनिया को चकित कर दिया।

ख) साल के अन्त में गौरवशाली तरीके से अयोध्या में राम मंदिर पर ध्वजारोहण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम ने हर भारतीय का सीना गर्व से भर दिया।

ग) स्वदेशी को लेकर भी लोगों का उत्साह खूब दिखाई दे रहा है। अब लोग वही सामान खरीद रहे हैं, जिसमें किसी भारतीय का पसीना लगा हो और जिसमें भारत की मिट्टी की सुगंध हो।

घ) यूनेस्को अंतर-सरकारी समिति का २०वाँ सत्र, जो ८ से १३ दिसम्बर २०२५ के दौरान सम्पन्न हुआ, उसमें आधिकारिक रूप से अंधकार पर प्रकाश के पर्व दीपावली को “मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत” की प्रतिनिधि सूची में शामिल कर वैश्विक धरोहर बना दिया गया। यह हम सभी के लिये गर्व और खुशी का समाचार है।

अब विज्ञान और अंतरिक्ष क्षेत्र से सम्बन्धित उपलब्धियाँ—

  • भारत ने स्पेस डॉकिंग तकनीक (SpaDeX) का सफल परीक्षण कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।
  • ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने।
  • भारत (ISRO) और अमेरिका (NASA) ने मिलकर दुनिया का सबसे उन्नत रडार सैटेलाइट ‘NISAR’ लॉन्च किया।
  • गगनयान से सम्बन्धित सभी निर्णायक परीक्षण—एबॉर्ट-टेस्ट, एयर-ड्रॉप और पैराशूट सिस्टम—पूर्णतः सफल रहे।
  • भारत ने अपना पहला २५-क्यूबिट (25-qubit) ‘QpiAI-Indus’ क्वांटम कंप्यूटर प्रस्तुत किया।
  • भारत ने अपना पहला ऑफ-ग्रिड ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट शुरू किया।
  • भारत ने २०३० तक ५०% गैर-जीवाश्म ऊर्जा लक्ष्य २०२५ में ही पूरा कर लिया।
  • भारत ने पहली पूरी तरह स्वदेशी हल्की MRI मशीन बनाई।
  • भारत में बायोटेक स्टार्टअप्स की संख्या लगभग नौ हज़ार हो गई है।
  • ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत ३८वें स्थान पर पहुँचा।
  • ध्रुव-६४ (DHRUV-64) माइक्रोप्रोसेसर विकसित हुआ।
  • विक्रम-३२०१ जैसे स्पेस-ग्रेड प्रोसेसर विकसित हुए।
  • ISRO ने LVM-3 रॉकेट से ६,१०० किलोग्राम का BlueBird Block-2 उपग्रह लॉन्च किया।
  • उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत ने बड़ी छलाँग लगाई है।

अब खेल उपलब्धियाँ—

खेल जगत जहाँ एक साथ कई खेलों में वैश्विक स्तर पर हमारे खिलाड़ियों ने अपनी ताकत का एहसास कराकर इस साल को ऐतिहासिक बना दिया—

०१] भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार विश्व कप अपने नाम किया।

०२] भारतीय महिला दृष्टिबाधित टीम ने टी-२० विश्व कप का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया।

०३] भारतीय पुरुष टीम ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी २०२५ जीतकर अपना दबदबा कायम रखा।

०४] एशिया कप टी-२० में भी भारत का तिरंगा शान से लहराया।

०५] एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गुलवीर सिंह ने ५,००० मीटर और १०,००० मीटर—दोनों में गोल्ड जीता।

०६] सम्राट राणा ने दस मीटर एयर पिस्टल इवेंट में विश्व चैंपियनशिप गोल्ड जीता।

०७] विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप फ़ाइनल्स में जैस्मिन लैंबोरिया ने महिला ५७ किग्रा श्रेणी में गोल्ड जीता, जबकि नुपुर सेरोन ने +८० किग्रा वर्ग में सिल्वर हासिल किया।

०८] भारतीय महिला खो-खो टीम ने खो-खो विश्व कप २०२५ का विश्व खिताब जीत लिया।

०९] भारत के युवा विश्व चैंपियन डी. गुकेश ने शतरंज में प्रतिष्ठित खेल रत्न सहित कई बड़े सम्मान हासिल किए।

१०] वहीं दिव्या देशमुख ने FIDE महिला वर्ल्ड कप जीतकर भारतीय शतरंज के स्वर्णिम भविष्य की झलक दिखाई।

११] हर बार की तरह एथलेटिक्स में नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में नब्बे मीटर का आँकड़ा पार कर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम की।

१२] ताइवान एथलेटिक्स ओपन में भारत ने ओवरऑल टेबल टॉप कर अपनी गहराई साबित की।

१३] पैरा-तीरंदाज़ शीतल देवी ने वर्ल्ड टाइटल जीतकर देश को गौरवान्वित किया।

१४] वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में बाईस पदक जीते।

१५] इटली में आयोजित स्पेशल ओलंपिक्स वर्ल्ड विंटर गेम्स में तैंतीस पदकों के साथ अब तक का सबसे सफल अभियान दर्ज किया।

१६] इसके अलावा नित्तेन किर्त्ताने ने पिकलबॉल वर्ल्ड कप में डबल गोल्ड हासिल किया।

१७] भारतीय महिला आइस हॉकी टीम ने एशिया कप में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतकर एक नया अध्याय जोड़ा।

१८] पैरा एथलीटों ने विश्व चैंपियनशिप में कई पदक जीते।

१९] विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में भारतीय पुरुष कंपाउंड टीम ने गोल्ड मेडल जीता।

खेलों के अलावा अन्य उपलब्धियाँ

खेलों के अलावा हमने जो इस साल हासिल किए, वे इस प्रकार हैं—

I] ०६–०७ मई की रात को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों—जैश-ए-मोहम्मद (JEM), लश्कर-ए-तैयबा (LET) और हिजबुल मुजाहिदीन—से जुड़े नौ ठिकानों पर जिस तरह एकदम सटीक निशाना बनाकर उन्हें नष्ट किया गया, वह काबिले-तारीफ़ रहा। इसके जवाब में पाकिस्तान द्वारा किए गए सभी प्रकार के आक्रमणों का शत-प्रतिशत सटीक प्रत्युत्तर देकर भारत ने विश्व के सभी देशों को अचंभित किया, क्योंकि उनका एक भी आक्रमण सफल नहीं हुआ। इस तथ्य के चलते विश्व में शत-प्रतिशत सफलता का आँकड़ा केवल भारत ने ही हासिल किया।

II] ‘वंदे मातरम्’ के १५० वर्ष पूरे होने पर भारतीय संसद सहित देशभर में पूर्ण रूप से ‘वंदे मातरम्’ का गायन हुआ और इसके रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गई।

III] भारत में चीतों की संख्या अब तीस से अधिक हो गई है।

अन्त में—
उपरोक्त वर्णन का सार यही है कि हम प्रगति की ओर अग्रसर हैं। अतः अब यह हमारा दायित्व है कि हम वही खरीदें, जिसमें किसी भारतीय का पसीना लगा हो और जिसमें भारत की मिट्टी की सुगंध हो।