(पत्रकार नरेंद्र तिवारी के सवाल पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन के जवाब)
मध्यप्रदेश में कमलनाथ आदिवासी समाज के सबसे बड़े हितैषी है। उनके पास भाजपा के संगठन से निपटने की बेहतर और विश्वनीय योजना है। यह कहना है एमपी के पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन का उनसे प्रदेश की राजनीति, आदिवासी समाज की स्थिति, जयस के बढ़ते कदम, आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की तैयारियां, प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री सहित अनेकों सवाल किये। हर सवाल का बेबाकी और पूर्ण आत्मविश्वास से जवाब दिया गया। बाला बच्चन एमपी में कांग्रेस पक्ष की और से बड़ा आदिवासी चेहरा है। वे पांच बार बड़वानी जिले से विधायक रहे, कमलनाथ की सरकार में गृहमंत्री रहें, दिग्विजयसिंह सरकार में भी मंत्री रह चुके है। वें विपक्ष के नेता का पद भी सम्भाल चुके है। विधानसभा चुनाव 2023 हेतु मध्यप्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति एवं प्रचार अभियान समिति के सदस्य भी बनाए गए है। उनका साफ कहना है कि 2023 के अंत मे होने वाले विधानसभा चुनाव में एमपी में पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनेगी। इस सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ होंगे। एमपी में आदिवासी एवं दलित समुदाय के विरुद्ध हो रहे अत्याचार के बारे में उनका साफ कहना है, प्रदेश मे कानून व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर हो गयी है।
सीधी की घटना शिवराज सरकार की नाकामी का उदाहरण है। इस घटना में भाजपा कार्यकर्ता का नाम सामने आया है। प्रदेश में आदिवासी दलितों और महिलाओं पर हो रहें अत्याचार, अन्याय में हर जगह सत्ता के नशे में चूर भाजपा कार्यकर्ताओं का नाम शामिल है। शिवराज सरकार आदिवासियों और दलितों पर अत्याचार रोकने में असफल सिद्ध हुई है। कांग्रेस की सरकार बनते ही हम कानून व्यवस्था को दुरुस्त करेंगे। प्रदेश में आदिवासियों, दलितों, महिलाओं और आमजनता के साथ हो रहे अन्याय, अत्याचार को रोकेंगे। प्रदेश में व्याप्त जंगल राज को खत्म करंगे, कानून का राज स्थापित करेंगे।
मध्यप्रदेश में लंबे समय से आदिवासी मुख्यमंत्री चेहरे की मांग की जा रही है, इस पर उन्होंने साफगोई से कहा कमलनाथ आदिवासी समाज के सबसे बड़े हितैषी है। उनके मन मे आदिवासियों के प्रति गहरी संवेदना हैं, समाज के लिए बहुत चिंताए है, वे आदिवासी समाज की बेहतरी, विकास एवं सामाजिक उत्थान के लिए लगातार काम कर रहें है। छिंदवाड़ा आदिवासी बाहुल्य जिला हैं। जहां से 9 बार सांसद सदस्य रहें है। उन्हें कार्य करने का लम्बा ओर पर्याप्त अनुभव है। जहाँ तक आदिवासी मुख्यमंत्री की बात है कांग्रेस में विधायक दल का नेता चुना जाता है। उसे ही मुख्यमंत्री बनाया जाता है। कमलनाथ के मन मे प्रदेश के आदिवासियों के विकास और उन्नति की जो चिंताए है। वह उन्हें आदिवासी समाज के हित मे सोचने वाला बड़ा चेहरा बनाती है।
जमीनी स्तर पर भाजपा के मजबूत संगठन से कैसे निपटेगी कांग्रेस जबकि भाजपा के जवाब में काँग्रेस की सांगठनिक क्षमता बेहद कमजोर नजर आती है? इस सवाल के जवाब में बाला बच्चन का कहना है कि कमलनाथ ने कांग्रेस संगठन में सक्रियता लाने हेतु बूथ प्रभारी, मंडलम प्रभारी, सेक्टर प्रभारी और पन्ना प्रभारी नियुक्त किये है। इन नियुक्तियों पर सम्पूर्ण प्रदेश में कार्य हो रहा है। कांग्रेस की प्रादेशिक इकाइयों को मजबूत किया है, महिला कांग्रेस, सेवादल, युवक कांग्रेस, एनएसयूआई को भी सक्रिय, भरोसेमंद और जवाबदेह बनाने की दिशा में काम किया है। संघठनो को जनता के लिए लड़ने हेतु प्रेरित किया है। अब कमलनाथ के प्रयास रंग लाने लगे है। कांग्रेस का संगठन प्रदेश में भाजपा के कुशासन के खिलाफ लगातार लड़ता भी दिखाई दे रहा है। प्रदेश में कांग्रेस संगठन में बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया है। वर्ष 2018 के चुनाव के पहले एमपी विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या मात्र 57 थी। कमलनाथ ने 6 महीने पूर्व ही जिम्मेदारी ग्रहण की थी और एमएलए की संख्या 114 तक पहुचा दी थी। वें कुशल संगठनकर्ता है। अब जबकि उन्हें 5 वर्ष का समय मिला है।
कांग्रेस संगठन प्रदेश में मजबूत स्थिति में है, भाजपा का मुकाबला करने में सक्षम है। प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चल रहे 15 महीने बनाम 15 साल की बहस को उन्होंने जनता की आवाज बताते हुए कहा कि यह जनता के मन की आवाज है। 15 महीने का कमलनाथ सरकार का कार्यकाल 15 बरस के भाजपा के शिवराज के शासन से अधिक कारगर एवं जनहितैषी रहा है। किसानों के कर्जे माफ करने की प्रक्रिया चल रही थी। अपराधियों, माफियाओं पर कढ़ी कार्यवाहियां की जा रही थी। मिलावट के खिलाफ एक आंदोलन खड़ा हुआ था, शुद्ध के खिलाफ युद्ध का शंखनाद शुरू हुआ था। बिजली का बिल कम हुआ था। प्रदेश में असली सुशासन का दौर शुरू हुआ था। औधौगिक जगत में उत्साह का माहौल था। इन्वेस्टर्स मप्र आना चाह रहे थै, उन्हें कमलनाथ पर विश्वास था। इसलिए जनता में 15 माह के सुशासन ओर 15 साल के कुशासन की तुलना होती है। 15 माह के सुशासन की जनता तारीफ करती है। यही कारण है कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार बनाने के लिए प्रदेश की जनता आतुर है।
इंजीनियर से नेता बने बाला बच्चन ने शिवराज सरकार में व्याप्त बेरोजगारी और नियुक्तियों में गड़बड़ी का जिक्र भी किया। उन्होंने पटवारी परीक्षा में व्याप्त अनियमितता को प्रदेश के बेरोजगार नवयुवकों के साथ अन्याय बताया। कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम को पुनः लागू करने की योजना भी बताई। पुरानी पेंशन कांग्रेस के संकल्प-पत्र में शामिल है। एमपी में कांग्रेस शासन में मनमाड इंदौर रेल लाइन के प्रयासों में कमलनाथ की सरकार के दौरान किये गए प्रयासों का जिक्र किया। सरकार आने पर मनमाड इंदौर रेल लाइन के लिए पूरे प्रयास किये जाएंगे।
शिवराज की लाडली लक्ष्मी योजना के मुकाबले कमलनाथ की नारी सम्मान योजना में अलग और बेहतर क्या है ? इस बारे में कांग्रेस नेता बाला बच्चन ने कहा कमलनाथ की 15 माह की सरकार में निराश्रित, विधवा, बुजुर्ग पेंशन बढ़ाई गई थी। कन्या विवाह की राशि मे भी वृद्धि की गई थी। अब जबकि 2023 में चुनाव है कांग्रेस ने अपने संकल्प-पत्र में नारी सम्मान योजना को शामिल किया है। जिसमे 1500 रु माह 18 से अधिक आयु की महिलाओ को प्रदान किये जाएंगे। भाजपा के राज में गैस के भाव आसमान छू रहे है। इस महंगी गैस ने आमजन की कमर तोड़ दी है। इस मंहगाई के दौर जनता और गृहणियों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से 500 रु गैस सिलेंडर के लिए दिया जाना सुनिश्चित किया गया है।
अमित शाह सहित केंद्रीय नैतृत्व का बार-बार भोपाल आना क्या प्रदर्शित कर रहा है? भाजपा का नैतृत्व बार-बार हिमाचल भी गया था, बंगाल भी गया था और कर्नाटक भी गया था। वहां भी पीएम नरेंद्र मोदी का चेहरा सामने था। वहां की जनता ने भाजपा को अस्वीकार कर दिया। एमपी में भी जनता भाजपा के कुशासन से नाराज है। सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग पर उन्होंने कहा कि मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जनता बड़ी उत्साहित है। राजपुर विधानसभा सहित खरगोन-बड़वानी जिले की आदिवासी बाहुल्य 10 विधानसभाओं में तो कांग्रेस विजयी होगी ही, कमलनाथ के नैतृत्व में सम्पूर्ण प्रदेश में 150 से अधिक विधायक कांग्रेस के विजयी होंगे। मध्यप्रदेश में कमलनाथ के नैतृत्व में कांग्रेस की सरकार गठित होगी।
आदिवासी छात्र संगठन जयस द्वारा कांग्रेस उम्मीदवारों के सामने चुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा इन परिस्थितियों में आदिवासी छात्र संगठन ही नही सम्पूर्ण आदिवासी समाज भाजपा की आदिवासी विरोधी नीति से परेशान है। वह भाजपा को फायदा पहुचाने का कोई काम नहीं करेगा। एमपी सरकार के पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन ने शिवराज सिंह को असफल मुख्यमंत्री और भाजपा के शासन को गरीब, आदिवासी, महिला, व्यापारी, बेरोजगार आदि के साथ अन्याय, अत्याचार तथा शोषण करने वाली सरकार बताया। टिकिट चयन के बारे में उनका यह कहना था कि कांग्रेस और कमलनाथ एमपी में अपना सर्वे करा रहें है। टिकिट उन्हीं को दिया जाएगा जिनपर जनता ने सर्वे में विश्वास जताया है। जिनका जनता से जुड़ाव है। जिनकी विजयी होने की संभावना है।