पेंशन की समय पर अदायगी न होने और लंबित पड़े भत्तों की मांगों को लेकर किया शिमला में प्रदर्शन
रविवार दिल्ली नेटवर्क
शिमला: प्रदेश सरकार ने परिवहन निगम के कर्मचारियों व सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 28 अक्तूबर को वेतन, पेंशन डीए बढ़ोतरी के साथ देने का निर्णय लिया था लेकिन इस घोषणा के बाद भी सेवानिवृत कर्मचारियों को दीपावली से पहले पेंशन नहीं मिल पाई। समय पर पेंशन न मिल पाने से रूष्ट पेंशनर्स ने सरकार के मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने समय पर पेंशन न मिलने व लंबित पड़े भत्तों की मांग को लेकर हल्ला बोल दिया है और प्रदेश सरकार के खिलाफ जन जागरण अभियान छेड़ दिया है। पेंशनर्स ने शिमला के तारादेवी स्थित वर्कशॉप में बैठक से पहले धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
एचआरटीसी पेंशनर कल्याण संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने परिवहन निगम के कर्मचारियों व सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 28 अक्तूबर को वेतन, पेंशन डीए बढ़ोतरी के साथ देने का निर्णय लिया था लेकिन इस घोषणा के बाद भी सेवानिवृत कर्मचारियों को दीपावली से पहले पेंशन नहीं मिल पाई। दीपावली सहित सभी त्यौहार निकल गए और पेंशनर की दिवाली फीकी रही।उन्होंने कहा कि आज उन्हें मजबूरन उम्र के इस पड़ाव में सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। सरकार की घोषणा के बाद भी उन्हें पिछले कल 11 नंवबर को पेंशन मिली है। सरकार ने वादा किया था बावजूद इसके त्यौहारों में पेंशन का इंतजार करते रहे। सरकार के पास उनके करोड़ों रुपये की देनदारियां लंबित पड़ी है। इस समय प्रत्येक कर्मचारी की सरकार के पास 7 से 10 लाख के देनदारियां लंबित पड़ी है। भत्ते तो दूर यहां पेंशन भी सरकार के वायदे के बाद भी समय पर नहीं मिली। आज शिमला से आंदोलन का आगाज कर दिया है और यह जन जागरण अभियान उस समय तक चलता रहेगा जब तक सरकार उनकी देनदारियों की अदायगी नही कर देती।