- जब भी बल्लेबाजी के लिए उतरता तो मैं उसका पूरा लुत्फ उठाने की कोशिश करता हूं
- हमारे गेंदबाजों ने आखिर में हमारी मैच में वापसी कराई
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : सूर्य कुमार ने विस्फोटक 80 रन की तूफानी खेल कर बतौर कप्तान अपने पहले ही मैच भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विशाखापट्टनम में पांच टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों की सीरीज के पहले ही मैच में फिनिशर रिंकू सिंह के मिलकर दो विकेट से जीत दिला बीते रविवार को सम्पन्न आईसीसी वन डे क्रिकेट विश्व कप के औसत से भी कम प्रदर्शन की निराशा को भुला दिया। भारत के कप्तान सूर्य कुमार ने कप्तानी के बोझ की बाबत कहा, ‘ मैं कप्तानी के बोझ को ड्रेसिंग रूम में ही छोड़ आया था। मैं जब भी बल्लेबाजी के लिए उतरता तो मैं उसका पूरा लुत्फ उठाने की कोशिश करता हूं चाहे मैं 10 गेंदें खेलूं या 40 गेंदे। शुरू के दस ओवर में हमारे लिए स्थिति एक दम बढिय़ा थी हमें अंतिम 60 गेंदों में जीत के लिए मात्र 103 बनाने थे। इस तरह की स्थिति आईपीएल में हर दूसरे मैच में आती है। मेरा मानना था जब हम बाद में बल्लेबाजी करने जाएंगे तो ओस पड़ेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैं जानता था कि विशाखापट्टनम का मैदान छोटा है और पिच बाद में बल्लेबाजी के लिए बेहतर होती जाएगी। जिस तरह हमारे लड़कों ने मैदान पर अपनी प्रतिभा दिखाई उससे बहुत खुश हूं। मैच में ऑस्ट्रेलिया ने हम पर दबाव बनाया लेकिन जिस तरह हमारी टीम में हर किसी ने मैच में वापसी की वह शानदार थी, जहां तक कप्तानी का की बात तो मेरे लिए भारत को जिताना गौरव का क्षण था। जब भी आप क्रिकेट खेलते हैं तो भारत के लिए खेलने की बाबत सोचते है। हमने एक समय सोचा था कि हमें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत के लिए 230 रन के लक्ष्य का पीछा करना होगा लेकिन आखिर में हमारे गेंदबाजों ने हमारी मैच में वापसी कराई। हम मैच में सकारात्मक रहना चाहते थे। रही बात बल्लेबाजी की तो हम खुलकर कर खेल इसका पूरा लुत्फ उठाना चाहते थे। मैंने इशान किशन से बस यही कहा कि बस अपने अंदाज में बल्लेबाजी करते रहे, लक्ष्य की बाबत न सोचे। शुरू के दस ओवरों के बाद हालात एकदम हमारे माफिक थे। हम जानते थे कि बाद में क्या हो सकता है। जिस तरह लड़कों ने संयम दिखाया वह शानदार था। रिंकू के लिए यह स्थिति उनके मनमाफिक थी। उनके धैर्य ने मुझे एकदम सहज कर दिया। रही बात मुकेश कुमार के पारी के आखिरी ओवर की तो 16 वें ओवर के बाद हमारे तीनों गेंदबाज ने जिस तरह हमारी वापसी कराई वह शानदार थी।’
ऑस्ट्रेलिया के लिए तूफानी शतक जडऩे वाले जोश इंग्लिश ने मैच के बाद सूर्य कुमार यादव की पारी की तारीफ करते हुए कहा, ‘सूर्य ने वही किया जैसा वह अमूमन करते हैं।
सच तो यह है कि भारत की बृहस्पतिवार को ऑस्ट्रेलिया पर पहले टी-20 मैच की जीत ने मेजबान टीम के क्रिकेट प्रेमियों को ऑस्ट्रेलिया के हाथों बीते रविवार को वन डे विश्व कप में फाइनल की इकलौती हार के साथ खिताब चूकने का दर्द जरूर कुछ कम दिया। सूर्य ने वन डे विश्व कप में फाइनल सहित कुल सात मैच खेले और इनमें वह इंग्लैंड को छोड़ कर बाकी छह में 25 रन के पार नहीं पहुंच पाए।
जोश इंग्लिश (110) के तूफानी शतक और स्टीव स्मिथ (५२) के साथ उनकी दूसरे विकेट की 130 रन की भागीदारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाए जाने पर निर्धारित 20 ओवर में तीन विकेट पर 208 रन बनाए। बृहस्पतिवार को जब सूर्य बल्लेबाजी के लिए उतरे तब भारत ने शुरू के पांच ओवर में ऋतुराज गायकवाड़ (0) और यशस्वी जायसवाल (21 रन) के रूप में दो विकेट 22 रन पर खो दिए थे। सूर्य (80 रन, 42 गेंद, 4 छक्के, 9 चौके) पहले इशान किशन (58 रन, 39 गेंद, पांच छक्के , दो चौके)के साथ तीसरे विकेट के लिए 112 और फिर पांचवें विकेट के लिए फिनिशिर रिंकू सिंह(अविजित 22 रन, 14 गेंद, चार चौके) के साथ 40 रन की भागीदारी करने के बाद जब पारी के 18 वें ओवर में जेसन बेहरनडर्फ की गेंद को उड़ाने के फेर में हार्डी को कैच थमा पांचवें बल्लेबाज के रूप में आउट होकर पैवेलियन लौट तो तब भारत का स्कोर पांच विकेट पर 194 था। भारत ने अंतिम के मैच और स्यां एबट के अंतिम ओवर में उनकी तीसरी गेंद पर अक्षर पटेल(0) का , चौथी गेंद पर रवि बिश्नोई (0) और पांचवीं पर अर्शदीप के रूप में तीन गेंद पर तीन विकेट खोए अगली गेंद पर हालांकि रिंकू सिंह ने छक्का जड़ा, लेकिन इसे छक्का नहीं माना गया क्योंकि यह नो बॉल थी और भारत ने एक गेंद के बाकी आठ विकेट पर 209 रन बना मैच जीत लिया।