सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : करीब नौ महीने बाद भारतीय महिला हॉकी टीम में वापसी करने वाली हरियाणा की तेज तर्रार स्ट्राइकर और देश की पूर्व कप्तान प्रीतम सिवाच शिष्या शर्मिला देवी ने भरोसा दिलाया कि वह भारत के लिए निरंतर बढ़िया प्रदर्शन करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। शर्मिला देवी भारत के िलए आखिरी बार 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ महिला हॉकी टेस्ट में खेली थी। अब शार्मिला ने इस साल एफआईएच महिला हॉकी प्रो लीग में 2023-24 में चीन के खिलाफ मैच से भारतीय महिला हॉकी टीम में नौ महीने के बाद वापसी की।
भारत की नौजवान स्ट्राइकर शर्मिला देवी राष्टï्रीय टीम से बाहर रहने की बाबत कहती हैं, ‘मेरे लिए यह आसान वक्त नहीं था। करीब नौ महीने तक मैंभारतीय महिला टीम के लिए नहीं खेली। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हॉकी टेस्ट सीरीज के बाद मुझे फरवरी, 2024 में एफआईएच प्रो लीग में भारतीय महिला हॉकी टीम की ओर से खेलने का मौका मिला। भारत के लिए एशियाई खेलों और ओलंपिक महिला हॉकी क्वॉलिफायर्स के लिए मुझे भारतीय टीम से बाहर रखा गया और मेरे लिए बहुत मुश्किल वक्त था। मैं जेहनी तौर पर मजबूत बनी रही और धैर्य से भारतीय हॉकी टीम में खेलने के लिए मौके का इंतजार करती रही।मैं अब भारतीय टीम के लिए निरंतर बढ़िया प्रदर्शन कर उसे आने वाले समय में बराबर और मैच जिताने की कोशिश करूंगी।Ó’
शर्मिला जब भारतीय महिला हॉकी टीम में वापस स्थान बनाने को कृतसंकल्प थी और उन्होंने टीम से बाहर रहने के दौरान अपना खेल बेहतर करने पर काफी मेहनत की। शर्मिला कहती हैं, ‘मेरे बराबर अपना खेल बेहतर करने के लिए मेहनत की । मैं सर्वश्रेष्ठï खिलाड़ी बनना चाहती थी। मुझे मालूम था कि मेहनत के साथ अपना खेल बेहतर करके ही मैं भारतीय महिला टीम में फिर वापस जगह पा सकती हूं। मैंने बतौर स्ट्राइकर अपना कौशल बेहतर करने के साथ अपने डिफेंस पर काफी मेहनत की।
मुझे जब 2023-24 एफआईएच प्रो लीग में फरवरी में चीन के खिलाफ भारतीय महिला हॉकी टीम में फिर खेलने का मौका मिला था तो मैं बहुत रोमांचित थी। मुझे मेरी मेहनत का पूरा फल मिला और हम यह मैच जीतते तो मुझे और ज्यादा खुशी होती।
शर्मिला प्रो लीग में ब्रिटेन के खिलाफ मैच में भारत की 2-3 से हार के बावजूद अपनी टीम के िलए दखसरा गोल किया। चीन ने मैच के शुरू में ही 2-0 की बढ़त ले थी। हमने तीसरे क्वॉर्टर में अपना तीसरा गोल किया। हमने चीन पर बहुत दबाव डाला ।
और हमने दा-दो की बराबरी पा ली। हमारे बराबरी पाने के तुरंत बाद चीन ने फिर गोल कर 3-ं की बढ़त ले थी और इसके बाद हम बराबरी का गोल नहीं कर पाए। हम यह मैच जीतते तो मुझे ज्यादा खुशी होती। हम जब भी भारत के लिए मैदान पर खेलने उतरे हैं तो पूरी शिद्दत से खेलते हैं।