विनोद कुमार सिंह
- संविधान में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है कि मुख्यमंत्री को ट्रायल के बहाने जेल में रखा जाए तो वो इस्तीफ़ा दें
देश की राजधानी की फ़िजा में परिवर्तन की ब्यार बह रही है। मौसम ने करवट लेते हुए दिल्ली वासियों के सर्दी को ले कर अपनी तैयारी कर लें। जैसा कि आप सभी को पता है दिल्ली व एन सी आर के वातावरण में जहरीली वायु प्रदूषण अपने चरम पर पहुँच गया है। त्योहार के इस मौसम में दिवाली आने वाली है ‘ जो अपने संग कई अन्य त्योहारों को लेकर आता है।ऐसे समय भारतीय राजनीति के गलियारों में एक दमदार पटाके फूट की सम्भावना जताई जा रही है। सुत्रों की माने तो देश की राजनीति घटना क्रम एक बडी उल्ट फेर हो सकती है। देश में पाँच राज्यों के विधान सभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सभी राजनीतिक दल अपने पार्टी व पार्टी के उम्मीदार के पक्ष में धुंआदार प्रचार में व्यस्त है।इस घटन क्रम में विगत ई डी का सम्मन की श्रंखला में दिल्ली के चुनी हुई सरकार के मुख्य मंत्री “आप ” के मुखिया अरविन्द केजरीवाल को भेजा गया था हालाकि अरविन्द केजरीवाल द्वारा उल्टे ही ई डी के इस नोटिश बताते हुए – सम्मन को वापस करने के लिए उल्टे सम्मन भेज दिया था । जिसके बाद से केन्द्र सरकार व अंध भक्तों द्वारा शोसल मीडिया वाक युद्ध छिड़ सा गया है। भारतीय राजनीति के क्षितिज पर आशा की नई किरणें समेटे आम आदमी की उम्मीद पर खरे उतरने वाली आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा सोमवार को पार्टी विधायक दल की बैठक की। इस बैठक ईडी के समन और उनकी गिरफ्तारी को लेकर हो रहे दावे के बीच यह अहम बैठक दिल्ली विधानसभा में हुई। इस संदर्भ मीडिया से जानकारी साझा करते हुए कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बैठक में सभी विधायकों ने अपनी बात रखी तथा सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सीएम अरविंद केजरीवाल अगर गिरफ्तार होते हैं तो वो जेल से ही दिल्ली सरकार चलाएंगे,क्योकि दिल्ली की जनता ने उनको ही जनादेश दिया है।संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि मुख्यमंत्री को ट्रायल के बहाने जेल में रखा जाए तो उनको इस्तीफा देना पड़ेगा।मोदी जी और भाजपा को सिर्फ अरविंद केजरीवाल से डर लगता है।भाजपा अब ये जान चुकी है कि अरविंद केजरीवाल को चुनाव लड़कर नहीं सत्ता से हटा सकते, उनको षड़यंत्र करके ही सत्ता से हटाया जा सकता है।वहीं वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि दिल्ली के अंदर हर किसी के जुबान पर बस एक बात है कि मोदी सरकार ने अब आम आदमी पार्टी के साथ अति कर दी है।
‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा को अगर किसी पार्टी से समस्या है तो सबसे ज्यादा आम आदमी पार्टी से है।अब तक जितने मुकदमें आम आदमी पार्टी के विधायकों -मंत्रियों पर हुए और जिस तरह से अब आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने की तैयारी है, इससे साफ है कि अगरप्रधानमंत्री और भाजपा को किसी से सत्ता का डर है तो वो अरविंद केजरीवाल से है।वो चाहते हैं कि किसी तरह से दिल्ली की सत्ता से अरविंद केजरीवाल को हटाया जाए।भाजपा चुनाव लड़कर देख ली।दिल्ली के अंदर आम आदमी पार्टी से भाजपा तीन-तीन चुनाव हार चुकी है। साथ ही, एमसीडी भी हार चुकी है।उन्होंने कहा कि अब ये बात जान चुके हैं कि अगर अरविंद केजरीवाल को सत्ता से हटाना है तो भाजपा चुनाव लड़कर नहीं हटा सकती है। अरविंद केजरीवाल को साजिश करके ही सत्ता से हटाया जा सकता है।पार्टी के सभी विधायकों ने एक बात कही कि अक्सर अरविंद केजरीवाल के उपर अलग-अलग तरीके से दबाव बनाया जाता है।अगर अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया तो दिल्ली की सत्ता कैसे चलेगी?अब तो अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ेगा।सभी विधायकों हाथ जोड़कर अरविंद केजरीवाल से कहा है कि भाजपा और प्रधानमंत्री तो चाहते हैं कि आप इस्तीफा दो और आपकी सत्ता छीन ली जाए।लेकिन कुछ भी हो जाए,चाहे जमीन से चले, चाहे आसमान से चले,चाहे जेल से चले,चाहे पुलिस हिरासत से चले या फिर न्यायिक कस्टडी से चले,अरविंद केजरीवाल ही दिल्ली की सरकार चलाएंगे, क्योंकि जनादेश अरविंद केजरीवाल का है।हम लोगों ने गली-गली जाकर अरविंद केजरीवाल के लिए वोट मांगा है। वे मुख्यमंत्री बनें और सरकार चलाएं दिल्ली की जनता ने यह आशीर्वाद केवल अरविंद केजरीवाल को दिया है।इस जनादेश के साथ खिलवाड़ करने या धोखा देने का हक किसी को भी नहीं है।
इस संदर्भ में संविधान विशेषज्ञों समेत कई लोगों से बात हुई है।आज तक के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ है कि एक सीटिंग मुख्यमंत्री को ट्रायल के बहाने जेल में डाल दिया गया हो।दोष सिद्धि होना एक अलग बात है। कानून और संविधान के अंदर ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि दिल्ली या किसी भी राज्य की जनता का जो वोट करने और अपनी सरकार चुनने का मौलिक अधिकार है,इसको चुनौती दे सकें। यह अधिकार जनता का है। संविधानs के किसी भी धारा में कोई ऐसा अंकुश नहीं है कि मुख्यमंत्री को ट्रायल के बहाने जेल में रखा जाए तो उनको इस्तीफा देना पड़ेगा।
हम कैबिनेट के साथी हैं, अरविंद केजरीवाल जब भी बुलाएंगे,हम लोग जेल में मिलने जाएंगे।मुझे लगता है कि आज जैसा माहौल है, हम लोग सच में बहुत जल्द जाएंगे। जिस तरह की तैयारियां प्रधानमंत्री कर रहे हैं,बाकी कैबिनेट मंत्री भी मुख्यमंत्री के साथ जेल में जाएंगे।जेल में ही कैबिनेट की मीटिंग करेंगे और फैसला करेंगे।मुख्यमंत्री को जब जरूरत होगी,तब अफसरों को जेल में बुलाएंगे। हमारे विधायक जो बाहर रह जाएंगे,वो लोग उस फैसले को कार्यांवित कराएंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल दिल्ली के लोगों के लोगों के काम रूकने नहीं देंगे। हम कोर्ट भी जाएंगे और अनुमति मांगेंगे कि कैबिनेट की मीटिंग जेल से हो सके। ज़रूरत पड़ी,तो सारे अफ़सर वहां जाएंगे,फाइल ले जाने की अनुमति कोर्ट से लेंगे।अरविंद केजरीवाल दिल्ली की सरकार जेल से चलाएंगे और जेल से भी दिल्ली की जनता का काम रुकने नहीं देंगे। उन्होंने बताया कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि विधायकों के बाद अब वो दिल्ली में आम आदमी पार्टी के पार्षदों, पंजाब के मुख्यमंत्री व विधायकों समेत देशभर में आम आदमी पार्टी के संगठन से चर्चा करेंगे और दिल्ली के विधायकों ने जो प्रस्ताव दिया उस पर विचार करेंगे।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की अरविन्द केजरीवाल की सरकार व केन्द्र मे भाजपा व सहयोगी दलों की नरेन्द्र मोदी सरकार की आपसी तकारार अपनी चरम सीमा पर है। पाँच राज्यों के विधान सभा चुनाव व अगले वर्ष 24 में लोक सभा के चुनाव होने वाली है।दो राष्टीय राजनीतिक दलों के बीच में इस तरह से आरोप प्रत्यारोप के वाक्य युद्ध ‘ लालफीता शाही के अपसर व स्वतंत्र जाँच ऐजेन्सीयाँ की शाख दाव पर लग गया है। जिस तरह केन्द्र सरकार के ईशारे पर विपक्षी पार्टी की राज्य सरकार के मुख्य मंत्रीयों ,मंत्रियों ‘ समथकों को स्वतंत्र जाँच ऐजेन्सी निशान पर ले रही है।कुछ राजनीति दल के जाँच के नाम पर नेताओं कैद कर जेल में डाल दिया है।उससे तो शक व शंका की सुई केन्द्र सरकार की नीति व नियत पर उंगुली उठना स्वाभाविक है।
विश्व के सबसे बड़े प्रजातंत्र भारत की वर्तमान राजनीति की दिशा व दशा से भारतीय राजनीति के पंडितयो की चिन्ता से स्पष्ट होता है कि भारतीय राजनीति की वर्तमान स्थिति इन्दिरा गाँधी की घोषित अपातकाल से भयानक व भयावह है।उस समय के प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि देश में आपातकाल घोषित था । वर्तमान की केद्र सरकार द्वारा एक स्पष्ट गाईड लाईन थी। लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार ने हद कर दीं है कि कभी भी किसी को जाँच के नाम पर जाँच ऐजेसी के सम्मन ‘छापा व जेल में डाला जा रहा है। हमारा बडे बुजूर्ग कहते है जिसका उदय हुआ है उसका अंत भी होता है। अति किसी भी नही चलती है। फिलहाल पाँच राज्यों के विधान सभा के चुनाव व अगले वर्ष लोक सभा के आम चुनाव में देश की जनता को अपना भाग्य विधाता चुनने का स्पर्णिम अवशर है।