
दीपक कुमार त्यागी
- बंगाल में हिन्दुओ की दुर्दशा और लाशों पर चल रही राजनीति पर अति व्यथित महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज आये हरिद्वार श्रीमहंत हरि गिरी महाराज की शरण में
- श्रीपंचदसनाम जूना अखाड़े में होगा धर्म रक्षा हेतु मानव इतिहास का सबसे बड़ा महायज्ञ
- हर हिन्दू मंदिर की प्रार्थना में सनातन धर्म के सभी शत्रुओं के समूल विनाश के लिए प्रार्थना अनिवार्य करने के लिये सभी धर्माचार्यों से प्रार्थना करेंगे महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज
हरिद्वार : विश्व प्रसिद्ध शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज, डॉक्टर उदिता त्यागी व यति अभयानंद गिरी के साथ आज अपने गुरु श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरी महाराज की शरण में माया देवी मंदिर, हरिद्वार आए और उन्होंने उनसे बंगाल के हिंदुओं की दुर्गति पर ध्यान देने की प्रार्थना की।
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने श्रीमहंत हरि गिरी महाराज से कहा कि अगर सनातन के धर्मगुरु यूँ ही सोते रहे तो सनातन धर्म जड़ से मिट जाएगा। सनातन धर्म के साथ ही सम्पूर्ण मानवता का अस्तित्व मिट जाएगा। आज स्थिति यह है कि दुनिया के हर कोने में जिहादियों ने मानवता को त्रस्त कर दिया है और हिंदुओं का तो वो अमानवीय नरसंहार कर रहे हैं। पहले पाकिस्तान और बांग्लादेश के बाद अब पश्चिमी बंगाल में जो हो रहा है वह बहुत ही अमानवीय और शर्मनाक है पर इससे भी ज्यादा अमानवीय और शर्मनाक बात यह है कि मरने वालों के लिए कोई हिन्दू धर्मगुरु, हिंदू नेता, हिंदू बुद्धिजीवी या कोई हिन्दू संगठन रो भी नहीं रहा है, जिससे विश्व समुदाय को यह पता ही नहीं है कि हिंदुओ पर कहीं कोई अत्याचार भी हो रहा है। हिन्दू धर्मगुरुओं की यह अक्षम्य लापरवाही सनातन धर्म को समूल विनाश की ओर ले जा रही है। अब सनातन धर्म के धर्मगुरुओं को कुछ तो करना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अगर कुछ और अभी नहीं भी कर सकते तो अपने मंदिरों और पूजास्थलों में सनातन धर्म के सभी शत्रुओं के समूल विनाश के लिए पूजा अर्चना तो आरंभ करें जैसा कि मुसलमान इस्लाम के लिए करते हैं।
उनकी व्यथा को सुनकर श्रीमहंत हरि गिरी महाराज ने उनको सभी संतो के समक्ष उनकी पीड़ा रखने का आश्वासन देते हुए आदेश दिया कि वो सनातन धर्म की रक्षा का महानुष्ठान माया देवी मंदिर से ही आरंभ करें।यहां से महानुष्ठान आरंभ करने के बाद सभी संतो से इसके लिए अनुरोध किया जाएगा। उन्होंने महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज को आदेश दिया कि माया देवी मंदिर में मां और महादेव का एक ऐसा महायज्ञ किया जाए जो सनातन के अंत तक चलता रहेगा। उनके इस आदेश को महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने सहर्ष स्वीकार करते हुए इसके लिए संकल्प लिया।