मैत्री होगी तो वैमनस्य और संघर्ष नहीं होगा – आचार्य चन्दना, पद्मश्री अवार्डी

रविवार दिल्ली नेटवर्क

नई दिल्ली| वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में संत समाज से अपनी भूमिका का दायरा बढ़ाने की अपील करते हुए पद्मश्री आचार्य चन्दना ने आज कहा कि युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है।

महावीर जयन्ती से पूर्व यहाँ मीडिया से वार्ता के दौरान उन्होंने कहा “हमें जाति, धर्म, वर्ग के भेद के बिना मानवजाति की सुरक्षा के लिए काम करना है। इसके लिए सकारात्मकता का प्रसार जरुरी है और मीडिया को इसमें अहम् भूमिका निभानी होगी।”

समाज सेवा के क्षेत्र में वर्ष 2022 के लिए पद्मश्री से सम्मानित जैन साध्वी ने कहा “धर्मगुरु प्रेम, सहिष्णुता और एकता की बात करते है। सभी धर्मगुरुओं को मिलकर युद्धबंदी और अहिंसा का सन्देश देना चाहिए। यह वर्तमान समय की सबसे बड़ी जरुरत है।”
उन्होंने कहा कि तीर्थंकर महावीर का विश्वमैत्री का सन्देश मौजूदा समय में और भी प्रासंगिक है।

पद्मश्री से सम्मनित प्रथम साध्वी ने कहा “महावीर ने प्रकृति एवं पशुओं को बचाने के लिए अहिंसा और विश्वमैत्री का सन्देश दिया था। मैत्री होगी तो वैमनस्य और संघर्ष नहीं होगा। शास्त्रों का निर्माण नहीं होगा और मानवता सुरक्षित रहेगी।

आचार्य चन्दना जी उर्फ़ “ताई माँ” ने 50 वर्ष पूर्व बिहार के राजगीर में “वीरायतन” संस्था की स्थापना की जो आज देश-विदेश के 25 केंद्रों में अंतराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य और जनकल्याण के क्षेत्र में सक्रिय है।