जज़्बा और लगन हो तो कोई भी मुकाम हासिल हो सकता है : सुदेश सांगवान

If you have passion and determination, you can achieve anything: Sudesh Sangwan

  • उम्र नहीं बाधा,सुदेश सांगवान ने अंतरराष्ट्रीय केटलबैल खेल में रचा इतिहास
  • स्पेन में सुदेश सांगवान व उनके कोच बेटे ने बढ़ाया भारत का गौरव
  • अंतरराष्ट्रीय केटलबैल मैराथन चैंपियनशिप में मॉ-बेटे ने गोल्ड, सिल्वर व ब्रॉन्ज़ मेडल जीतकर रचा इतिहास

संजय गोयल

नई दिल्ली : 69 साल की उम्र में, जब ज़्यादातर लोग रिटायरमेंट के बारे में सोच रहे होते हैं, सुदेश सांगवान नये आयाम लिख रही हैं। दिल्ली की रहने वाली सुदेश भारत की सबसे उम्रदराज महिला अंतरराष्ट्रीय केटलबेल एथलीट बन गई हैं, उन्होंने स्पेन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय केटलबैल मैराथन चैम्पियनशिप में सिल्वर और ब्रॉन्ज़ मेडल हासिल कर न केवल भारत का नाम रोशन किया बल्कि यह साबित कर दिया है कि जब व्यक्ति में कुछ नया करने का जुनून और दृढ़ संकल्प हो तो उम्र कोई बाधा नहीं होती। इतना ही नहीं सुदेश सांगवान के कोच बेटे ने भी इस चैंपियनशिप में गोल्ड व सिल्वर पदक जीत भारत का सिर ऊँचा किया ।बता दे कि बाहरी दिल्ली की रहने वाली सुदेश सांगवान जीवन में कुछ कर गुज़रने के जुनून के साथ अपने जीवन में व देश का गौरव बढ़ाने के लिए कुछ भी कर गुज़रने के लिए लालायित हैं ।

गत 2 से 4 मई 2025 तक स्पेन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय केटलबैल मैराथन चैम्पियनशिप में सुदेश सांगवान व उनके कोच बेटे विनय सांगवान सहित दिल्ली व देश के आठ खिलाड़ियों के साथ भाग लिया ।वैसे इस चैंपियनशिप में 18 देशों के क़रीब 250 खिलाड़ियों ने शिरकत की।

चैंपियनशिप में भारत के खिलाड़ियों ने कुल 12 मेडल जीतकर इतिहास रचते हुए भारत का गौरव बढ़ाया ।

1- सबसे उम्रदराज़ 69 वर्षीय महिला एथलीट सुदेश सांगवान ने सिल्वर और ब्रॉन्ज़ मेडल जीता और इतिहास रचा।
2- सुदेश सांगवान के कोच एवं बेटे युवा एथलीट विनय सांगवान ने गोल्ड व ब्रॉन्ज़ मेडल जीत इतिहास रच भारत का गौरव बढ़ाया ।
3- एथलीट प्रेमचंद ने सिल्वर एवं ब्रॉन्ज़ मेडल जीता ।
4- दानिश नौशाद ने गोल्ड मेडल जीत भारत का नाम रोशन किया ।
5- वीना मलिक ने सिल्वर व ब्रॉन्ज़ मेडल जीता
6- नीरव कोली ने सिल्वर मेडल जीता
7- एथलीट मनीष कुमार रुहेल ने सिल्वर मेडल जीता ।
8- दिव्यांशी शेखावत ने सिल्वर मेडल जीत अपनी विशेष पहचान बनाई ।

चैंपियनशिप में अंतरराष्ट्रीय केटलबैल मैराथन फेडरेशन इंडिया के प्रतिनिधि अरनव सरकार भी खिलाड़ियों के साथ थे। चैंपियनशिप समाप्त होने के बाद दिल्ली के सभी खिलाड़ियों ने सपेन में भारत के एम्बेसडर दिनेश कुमार पटनायक से मुलाक़ात की । दिनेश पटनायक ने सभी विजेता खिलाड़ियों को बधाई दी ।

दिल्ली पहुँचने पर सभी खिलाड़ियों का दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता डॉक्टर योगानंद शास्त्री ने स्वागत किया व सभी खिलाड़ियों को चैंपियनशिप में 12 मेडल जीत कर भारत का गौरव बढ़ाने के लिए बधाई दी ।

बता दें कि सुदेश सांगवान ने गत नवंबर 2024 में अपने बेटे और कोच विनय सांगवान के मार्गदर्शन में केटलबेल की ट्रेनिंग शुरू की – जो छह बार केटलबेल विश्व चैंपियन रह चुके हैं। एक समर्पित बेटे की प्रेरणा से शुरू हुआ यह खेल जल्द ही एक निजी जुनून में बदल गया। कुछ ही महीनों में सुदेश राष्ट्रीय स्तर पर सनसनी बन गईं, उन्हें इस कठिन खेल से प्यार हो गया और उन्होंने नए मानक स्थापित किए। गत फरवरी 2025 में उन्होंने दिल्ली में आयोजित भारतीय केटलबेल स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में भाग लिया। हाफ मैराथन इवेंट में स्नैच और हाफ स्नैच डिसिप्लिन में कड़ी प्रतिस्पर्धा करते हुए सुदेश ने क्रमशः एक रजत और एक स्वर्ण पदक जीता। उन्हें पैरालंपियन पद्मश्री डॉ दीपा मलिक द्वारा सम्मानित किया गया, जिन्होंने भारत के लिए कई पुरस्कार जीते हैं। मार्च में दिल्ली में और एक आयोजित केटलबेल प्रतियोगिता में भाग लेने के दौरान उनका प्रदर्शन सिर्फ पदक जीतने तक ही सीमित नहीं था।

उन्होंने 30 मिनट में 8 किग्रा केटलबेल के साथ 416 बार लगातार स्नैच दोहराकर इतिहास रच दिया – यह एक ऐसी उपलब्धि है जो उनकी उम्र की किसी भी भारतीय महिला ने कभी हासिल नहीं की है।

बता दें कि सुदेश सांगवान की यात्रा पदकों और रिकॉर्ड की कहानी से कहीं ज़्यादा है; यह एक साहसिक अनुस्मारक है कि महत्वाकांक्षा और जनून की कोई समाप्ति तिथि नहीं होती। सुदेश सभी पीढ़ियों के एथलीटों के लिए प्रेरणा की किरण के रूप में खड़ी हैं, खासकर उन महिलाओं के लिए जिन्हें अक्सर कहा जाता है कि उनके बेहतरीन साल पीछे छूट गए हैं। धैर्य, शालीनता और हाथ में केटलबेल के साथ, सुदेश सांगवान सिर्फ़ इतिहास का पीछा नहीं कर रही हैं – वह इसे लिख भी रही हैं । विश्व मंच पर कदम रखते हुए सुदेश सांगवान अपने साथ एक राष्ट्र की आशाएं और यह संदेश लेकर आई हैं कि फिर से शुरुआत करने, बड़े सपने देखने और नई राह बनाने मेंकभी देर नहीं होती।