प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका और मिस्र यात्रा के निहितार्थ

गोपेंद्र नाथ भट्ट

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी एक वर्ष और नौ महीनों के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा औरअपनी पहली मिस्र यात्रा के लिए मंगलवार को नई दिल्ली से न्यूयार्क के लिए रवाना हो गए । वे पिछली बारसितम्बर 2021 में अमरीका की आधिकारिक यात्रा पर गए थे। इस बार उनकी यूएस यात्रा का महत्वइसलिए भी बढ़ गया है कि वे न्यूयॉर्क में 21 जून को बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय (यूएनओ) में संयुक्तराष्ट्र के नेतृत्व और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनायेंगे और संयुक्त राष्ट्रमुख्यालय से योग के वैश्विक उत्‍सव का नेतृत्व करेंगे। भारत इस वर्ष जी-20 समूह की अध्यक्षता भी कर रहाहै। इस दृष्टि से भी इस यात्रा के अपने अलग ही मायने है।

अमरीका और मिस्र की यात्रा पर रवाना होने से पहलें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने बयान में कहा कि मैं उसीस्थान पर इस विशेष उत्सव की प्रतीक्षा कर रहा हूं जिसने दिसंबर 2014 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मान्यतादेने के भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया था। मोदी का 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर यूएनओ में अंतरराष्ट्रीयसमुदाय के मध्य उपस्थित होना एक नया इतिहास रचेगा।

प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति जोसेफ जे. बाइडेन और प्रथम महिला डॉ. जिल बाइडेन के निमंत्रण पर अमेरिका कीराजकीय यात्रा पर गए है। वे न्यूयॉर्क से वाशिंगटन डीसी जायेंगे जहाँ राष्ट्रपति बाइडेन और प्रथम महिला डॉ. जिल बाइडेन उनके सम्मान में राजकीय भोज देंगी। इस भोज में कई गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहेंगे।

विश्व की दो महान शक्तियों के इन दोनों नेताओं को वैसे तों विभिन्न मंचों पर कई बार आपस मिलने काअवसर मिला है लेकिन इस बार प्रधानमंत्री मोदी को अमरीका के प्रेसिडेंट एवं उनकी पत्नी द्वारा दिया गया यहविशेष निमंत्रण विश्व के दो सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देशों के मध्य साझेदारी की शक्ति और जीवंतता केप्रतिबिंब प्रदर्शित कर रहा है।

अमरीका की यात्रा के लिए रवाना होने से पहलें अपने आधिकारिक वक्तव्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कियह यात्रा हमारी साझेदारी की गहराई और विविधता को और अधिक समृद्ध करने का अवसर होगी।

भारत-अमेरिका के संबंध बहुआयामी हैं, जिसमें सभी क्षेत्रों में गहरा जुड़ाव रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका वस्तुऔर सेवाओं में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। दोनों देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में भी निकटतापूर्वक सहयोग कर रहें हैं। क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीजकी पहल में भी दोनों ने नए आयाम जोड़े हैं और रक्षा औद्योगिक सहयोग, अंतरिक्ष, दूरसंचार, क्वांटम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बायोटेक क्षेत्रों में सहयोग को व्यापक बनाया है। दोनों देश मुक्त, खुले औरसमावेशी हिंद-प्रशांत के हमारे साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए भी सहयोग कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन और अन्य वरिष्ठ अमेरिकी नेताओं के साथ मेरी चर्चा हमारे द्विपक्षीयसहयोग के साथ-साथ जी-20, क्वाड और आईपीईएफ जैसे बहुपक्षीय मंचों को और अधिक मजबूती प्रदानकरेगी।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस ने हमेशा भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत द्विदलीय समर्थन प्रदान किया है।अपनी यात्रा के दौरान, मैं कांग्रेस नेतृत्व के निमंत्रण पर अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को भी संबोधितकरूंगा। मोदी ने कहा है कि जन-जन के बीच मजबूत संपर्क हमारे देशों के बीच विश्वास विकसित करने मेंसहायक रहे हैं। मैं भारतीय-अमेरिकी समुदाय से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं जो हमारे समाजों का सर्वोत्तमप्रतिनिधित्व करता है। मैं दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को ऊपर उठाने और लचीली वैश्विकआपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण के अवसरों पर चर्चा करने के लिए कुछ प्रमुख सीईओ से भी मिलूंगा।

मुझे विश्वास है कि अमेरिका की मेरी यात्रा लोकतंत्र, विविधता और स्वतंत्रता के साझा मूल्यों पर आधारितहमारे संबंधों को मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि साझा वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए हम एकसाथ मजबूती से खड़े हैं।

पहली बार मिस्र की यात्रा पर भी जायेंगे प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के निमंत्रण पर वाशिंगटन डीसी से काहिराकी यात्रा पर भी जायेंगे। मोदी मिस्र की राजकीय यात्रा पर पहली बार जायेंगे।

मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी इस वर्ष भारत में राजधानी नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजितहुए गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। कुछ ही महीनों के अंतराल में दोनों देशोंके प्रमुखों की यें परस्पर यात्राएं दोनों देशों के मध्य तेजी से विकसित हो रही साझेदारी का प्रतिबिंब हैं, जिसेराष्ट्रपति सिसी की यात्रा के दौरान एक ‘रणनीतिक साझेदारी’ तक बढ़ाया गया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं दोनों देशों के बीच सभ्यतागत और बहुआयामी साझेदारी को और गति प्रदानकरने के लिए राष्ट्रपति सिसी और मिस्र सरकार के वरिष्ठ सदस्यों के साथ अपनी चर्चा के लिए उत्सुक हूं। साथही मुझे मिस्र में भारतीय समुदाय के लोगों के साथ बातचीत करने का भी सौभाग्य मिलेगा यह सौच रोमांचितहूँ।

उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमरीका और मिस्र की यात्राओं से वैश्विक स्तर पर उनका कद औरअधिक बढ़ेगा तथा वे भारत की प्रतिष्ठा की पताका को विश्व गगन में और अधिक ऊँचाइयों तक ले जाने मेंसफल होकर लोटेंगे।