तेज़ी से हो रहे प्रौद्योगिकीय विकास के साथ अनुकूलन में पुनः-अधिगम और कौशल उन्नयन का महत्व: राज्य सभा उपसभापति हरिवंश

Importance of re-learning and skill upgradation in adapting to rapid technological development: Rajya Sabha Deputy Chairman Harivansh

प्रमोद शर्मा

राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश ने गुरुवार को संसद भवन में राज्य सभा इंटर्नशिप कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि तेज़ी से हो रहे प्रौद्योगिकीय विकास के युग में कौशल उन्नयन का अपना महत्व है। उन्होंने कहा कि एआई के उद्भव से जुड़े अवसरों और चुनौतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला । उन्होंने प्रशिक्षुओं से पूरी तरह प्रौद्योगिकी पर निर्भर रहने की अपेक्षा सद्ज्ञान और कौशलों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया।

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि नई तकनीक को अपनाया जाना न केवल व्यक्तिगत स्तर पर उत्पादकता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि ज़मीनी स्तरों पर शासन को सुदृढ़ करने के लिए भी प्रासंगिक है। प्रधानमंत्री-जन धन योजना का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आधार की डिजिटल अवसंरचना और मोबाइल फ़ोन के प्रसार ने बैंकिंग कवरेज को बेहतर बनाने में सहायता की है, जो पारंपरिक तरीके से दशकों में संभव होता। विश्व बैंक के एक अध्ययन के अनुसार, यदि हम बैंक खाते खोलने के पारंपरिक तरीके अर्थात् ग्राहकों के भौतिक सत्यापन का उपयोग करते रहते, तो हमें वर्तमान संख्या में बैंक खाते खोलने में 47 वर्ष लग जाते। लेकिन जेएएम ट्रिनिटी और ई-केवाईसी प्रक्रिया ने आज लाभार्थियों का एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर दिया है।

उन्होंने कहा, आज हम भारत में और दुनिया भर में जो विकास देख रहे हैं, वह कोई रातोंरात नहीं घटित हुआ है। यह दशकों के नवाचार का परिणाम है जिसने हमें इस क्षण तक पहुंचाया है। इसके अलावा, दशकों से भारत की स्थिर आर्थिक वृद्धि ने युवाओं के लिए नवाचार करने, जोखिम उठाने और अपनी उद्यमशीलता की महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए सही मंच प्रदान किया है। आज, दुनिया नवाचार को बहुत महत्व दे रही है। उन्होंने आगे कहा कि युवा भारत के नए विचार और नवाचार 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में भारत की यात्रा में सहायक होंगे।