विधानसभा में महत्वपूर्ण बिल राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण और विनियमन विधेयक 2025 पारित

Important bill passed in assembly Rajasthan Coaching Center Control and Regulation Bill 2025

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

एक सितम्बर से शुरू हुआ राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र का कार्यशील दूसरा दिन बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से संचालित हुआ। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने प्रश्न काल से शुरू हुई सदन की कार्यवाही में सदन में विभिन्न विषयों पर चर्चा के साथ विधायी कार्यों को भी पूरा कराया।

बुधवार को विधानसभा में एक महत्वपूर्ण बिल राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण और विनियमन विधेयक 2025 पारित हुआ । यह बिल विधानसभा में ध्वनिमत के साथ पारित हुआ। इस विधेयक का उद्देश्य कोचिंग संस्थानों में हो रहे मनमानी संचालन, छात्रों पर बढ़ते दबाव और आत्महत्या जैसे गंभीर मुद्दों पर नियंत्रण लाना है।अब राजस्थान में कोई भी कोचिंग सेन्टर जहां 100 या उससे अधिक छात्र पढ़ते हों बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित नहीं हो सकेगा। कोचिंग के लिए एक रेगुलेटरी भी बनाई जाएगी। इस विधेयक पर हुई चर्चा में पक्ष प्रतिपक्ष के कुल 11 सदस्यों ने भाग लिया। इस बिल को लेकर हुई चर्चा के जवाब में उप मुख्यमंत्री डॉ.प्रेमचंद बैरवा ने सदन में बताया कि इस विधेयक को लेकर प्रवर समिति की कुल चार बैठकें हुई हैं। इसमें कोचिंग सेन्टर की फीस शास्ति की राशि को कम किया गया है. जिससे कोचिंग संस्थान भय से नहीं बल्कि जवाबदेही के साथ काम करे।

डॉ.प्रेमचंद बैरवा ने सदन में कहा कि आज कोचिंग सेंटरों के जरिए लाखों बच्चे अपने सपनों को साकार कर रहे हैं. राजस्थान में कोटा आज बच्चों के सपनों का सबसे बड़ा केंद्र है. यहां लाखों छात्र कोचिंग के लिए आते हैं. वे साथ किताबें नहीं बल्कि उम्मीद और आकांक्षाओं को साथ लाते हैं। कोटा कोचिंग सेंटरों ने राज्य की अर्थव्यवस्था में भी अपना योगदान दिया है. इस चमक दमक के पीछे एक अंधेरा सच भी है. जो चिन्ता का विषय है। पिछले चार वर्षों में राज्य में 88 बच्चों ने आत्म हत्याएं की है। डॉ बैरवा ने बताया कि ये बिल कोचिंग सेंटरों के खिलाफ नहीं है लेकिन जब शिक्षा लाभ कमाने का साधन बन जाती है तब सरकार को दखल करना होता है। भारत ही नहीं अन्य देशों में भी ऐसे कदम उठाए गए हैं। चाहे दक्षिण कोरिया हो या चीन आदि में लेकिन राजस्थान सरकार का यह विधेयक काफी संतुलित है। हम ना तो कोचिंग सेंटर्स को समाप्त करना चाहते हैं और ना ही बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना चाहते है। यह विधेयक कौशल विकास की दिशा में भी एक अहम बिल है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार का मानना है कि शिक्षा तनाव मुक्त और गुणवत्ता पूर्ण होनी चाहिए।

राजस्थान विधानसभा में पारित हुए “राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक, 2025” इस बिल के मुख्य प्रावधानो में अनिवार्य पंजीकरण के अलावा फीस वसूली पर नियंत्रण और रिफंड की सुविधा तथा कोचिंग संस्थानों को एकमुश्त (लम्प-सम) फीस वसूलने की अनुमति नहीं होगी। यदि कोई छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ता है, तो उसे ट्यूशन और हॉस्टल फीस लौटानी होगी।नियम का उल्लंघन करने पर कोचिंग सेन्टर के विरुद्ध जुर्माना और सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। पहली बार ₹50,000 का जुर्माना लगेगा। दूसरी बार ₹2 लाख का जुर्माना होगा तथा लगातार उल्लंघन पर: ₹5 लाख तक जुर्माना भुगतना पड़ेगा । साथ ही कोचिंग सेन्टर का पंजीकरण रद्द और संपत्ति भी ज़ब्त की जा सकती है। समय-समय पर नियमों के अनुपालन की निगरानी के लिए एक राज्य-स्तरीय कोचिंग सेंटर प्राधिकरण और जिला-स्तरीय समिति (जिसके अध्यक्ष कलेक्टर होंगे) का गठन होगा। इनके पास सिविल कोर्ट जैसी शक्तियाँ होंगी। हर जिले में 24-घंटे काम करने वाला कॉल सेंटर, एवं शिकायत वेब पोर्टल और हेल्पलाइन शुरू की जाएँगी ताकि छात्र और अभिभावक अपनी शिकायत दर्ज करा सकें। छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन के लिए कोचिंग सेंटर्स में नियमित तनाव प्रबंधन सत्र आयोजित करना अनिवार्य होगा, ताकि छात्रों का मानसिक दबाव कम किया जा सके।

उम्मीद है यह विधेयक राजस्थान में कोचिंग संस्थानों में कोचिंग सेंटर्स के सही तरीके से संचालन, छात्रों पर बढ़ते दबाव और आत्महत्या जैसे गंभीर मुद्दों पर नियंत्रण लाने में सफल होगा।