उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

Important decisions taken in Uttarakhand cabinet meeting

रविवार दिल्ली नेटवर्क

देहरादून : मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया कि महिलाओं, युवाओं और भूतपूर्व सैनिकों के रोजगार के साधन बढ़ाने, कौशल विकास, सरकारी और निजी संस्थानों में नौकरी प्रदान करने के लिए तीनों वर्गों के लिए अलग-अलग नीति बनाई जाएगी।

प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे सरकारी सेवाओं, नीट, नर्सिंग, विदेशी भाषाओं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विषयों में युवाओं के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, बड़े स्तर पर युवा महोत्सव और रोजगार मेलों का आयोजन कर युवाओं को मंच दिया जाएगा।

व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु आईटीआई, पॉलिटेक्निक और स्कूल आपसी समन्वय से कार्य करेंगे। युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए अल्पकालिक, मध्यमकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं पर काम किया जाएगा।

महिलाओं और युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मौन पालन, एप्पल मिशन और बागवानी जैसी योजनाएं शुरू होंगी। प्रत्येक ब्लॉक में प्रारंभिक चरण में 200 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

कैबिनेट ने राज्य में स्वैच्छिक चकबंदी योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही कृषि विभाग और आईटीबीपी के बीच एमओयू किया गया है, जिससे स्थानीय उत्पादों जैसे फल, सब्जी और दूध की खरीद सुनिश्चित होगी।

स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एसएसबी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ भी एमओयू किए जाएंगे। उद्योग विभाग के माध्यम से निजी क्षेत्रों में भी मार्केट लिंकेज की व्यवस्था होगी, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका मजबूत होगी।

भूतपूर्व सैनिकों को उपनल के माध्यम से रोजगार और स्वरोजगार उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा और उनकी योग्यता के आधार पर विभिन्न संस्थानों में सेवाओं से जोड़ने की दिशा में कार्य होगा।

कैबिनेट ने “उत्तराखण्ड अपराध से पीड़ित सहायता (संशोधन) योजना, 2025” को मंजूरी दी। इसके अंतर्गत पोक्सो पीड़ितों के लिए न्यूनतम एवं अधिकतम क्षतिपूर्ति राशि निर्धारित की जाएगी, जिससे उन्हें समयबद्ध और प्रभावी सहायता मिल सके।

“उत्तराखण्ड साक्षी संरक्षण योजना, 2025” को भी मंजूरी प्रदान की गई है। इसका उद्देश्य साक्षियों को भय, दबाव या प्रतिशोध से मुक्त रखकर न्यायालय में स्वतंत्र व सत्यनिष्ठा से गवाही देने हेतु सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराना है।

साक्षी संरक्षण योजना में पहचान गोपनीयता, स्थान परिवर्तन, सम्पर्क विवरण में बदलाव, भौतिक सुरक्षा और वित्तीय सहायता जैसी व्यवस्थाएं होंगी। न्यायपालिका, पुलिस और वरिष्ठ अधिकारियों की समिति समयबद्ध रूप से सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। यह न्याय व्यवस्था को और सशक्त बनाएगी।