- तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के रिसर्च एंड डवलपमेंट सेंटर, टीएमयू आईक्यूएसी और आईआईसी की ओर से रोल ऑफ स्टेटिस्टिक्स इन रिसर्च पर अतिथि व्याख्यान, जीबी पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, पंतनगर (उत्तराखंड) के पूर्व वीसी प्रो. एके शुक्ला ने की शिरकत
रविवार दिल्ली नेटवर्क
- शोधार्थियों को बताईं डाटा कलेक्शन की तमाम विधियां
- डॉ. ज्योति पुरी ने गेस्ट की शैक्षणिक यात्रा पर डाला प्रकाश
- 93 रिसर्च फेलो, स्कॉर्ल्स, फैकल्टीज़ भी रहे मौजूद
- अंत में प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट्स वितरित किए
जीबी पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, पंतनगर (उत्तराखंड) के पूर्व वीसी प्रो. एके शुक्ला ने कहा, स्टेटिस्टिक्स की रिसर्च में अति महत्वपूर्ण भूमिका है। रिसर्च वर्क स्टेटिस्टिकल डाटा के बिना अनुपयोगी या अधूरा-सा है। ऐसे में डाटा को संग्रह करते वक्त किसी भी शोधार्थी को संजीदा होना चाहिए। सच्चाई यह है, एक्यूरेट डाटा के बूते ही करेक्ट रिजल्ट मिल सकता है। प्रो. शुक्ला तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के रिसर्च एंड डवलपमेंट सेंटर, टीएमयू आईक्यूएसी और आईआईसी की ओर से रोल ऑफ स्टेटिस्टिक्स इन रिसर्च पर आयोजित गेस्ट लेक्चर में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इससे पूर्व पूर्व वीसी प्रो. एके शुक्ला ने बतौर मुख्य अतिथि, ज्वाइंट रजिस्ट्रार रिसर्च एंड डवलपमेंट एवम् ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. ज्योति पुरी, ज्वाइंट रजिस्ट्रार एडमिन डॉ. अलका अग्रवाल, ज्वाइंट रजिस्ट्रार एआरसी प्रो. निखिल रस्तोगी, नर्सिंग की प्राचार्या डॉ. पूनम शर्मा, फार्मेसी के प्राचार्य डॉ. अनुराग वर्मा, फार्मेसी के वाइस प्रिंसिपल डॉ. पीयूष मित्तल, एफओई की वाइस प्रिंसिपल डॉ. पंकज गोस्वामी, श्री रामनिवास आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि का बुके देकर गर्मजोशी से स्वागत किया और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। अंत में सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट्स भी वितरित किए गए। गेस्ट लेक्चर में 93 रिसर्च फेलो, रिसर्च स्कॉर्ल्स, फैकल्टीज़ आदि मौजूद रहे। संचालन मेडिकल की रिसर्च फेलो डॉ. अलीशा राय ने किया।
प्रो. शुक्ला ने शोधार्थियों से सहज सवालों के संग अपने व्याख्यान का श्रीगणेश किया। न्यू मेडिकल एलटी में तीन घंटे तक चले अतिथि व्याख्यान में पीपीटी, बोर्ड और सवाल-जवाब के बूते रोल ऑफ स्टेटिस्टिक्स इन रिसर्च के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला गया। प्रो. शुक्ला बोले, स्टेटिस्टिक्स से डाटा को इन्फॉर्मेशन में बदलने में महत्वपूर्ण मदद मिलती है। इन्फॉर्मेशन से डिसीजन मेंकिंग होती है। डिसीजन से ही पॉलिसी मेकर्स को अपने लक्ष्य को प्राप्त करना आसान हो जाता है। प्रो. शुक्ला ने रिसर्च में स्टेटिस्टिक्स की उपयोगिता और उसके लाभ के बारे में भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने डाटा कलेक्शन की विधियों- प्रश्नावली, ऑब्जर्वेशन, एक्सपेरिमेंट्स आदि के बारे में बताया। उन्होंने डाटा के क्लासिफिकेशन के संग-संग डाटा का एनालिसिस और टेबल निर्माण की प्रक्रिया के बारे में समझाया। अंत में रिसर्च स्कॉर्ल्स ने स्टेटिस्टिक्स से जुड़े तमाम सवाल भी पूछे। ज्वाइंट रजिस्ट्रार रिसर्च एंड डवलपमेंट डॉ. ज्योति पुरी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा, स्टेटिस्टिक्स के बिना कोई भी रिजल्ट ऑथेंटिक नहीं माना जा सकता है। रिसर्च में स्टेटिस्टिक्स डाटा के बिना किसी भी रिजल्ट पर नहीं पहुंच सकते। इससे पूर्व ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. ज्योति पुरी ने अपने मेहमान प्रो. शुक्ला की शैक्षणिक विकास यात्रा पर प्रकाश डाला।