प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में की गंगा घाटों की नियमित सफाई कर रहे कानपुर प्लॉगर्स ग्रुप के कार्यों की सराहना

In 'Mann Ki Baat', the Prime Minister praised the work of Kanpur Ploggers Group, which regularly cleans the Ganga Ghats

रविवार दिल्ली नेटवर्क

लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 116वें एपिसोड में उत्तर प्रदेश के कानपुर व लखनऊ की चर्चा की। यहां के युवाओं की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने इनके कार्यों को प्रेरक बताया। पीएम मोदी ने कहा कि साफ-सफाई को लेकर कानपुर में अच्छी पहल हो रही है। यहां मॉर्निंग वॉक पर निकलने वाले लोग गंगा घाट के किनारे फैले प्लास्टिक व अन्य कचरों को उठा लेते हैं। यह समूह कानपुर प्लॉगर्स ग्रुप के नाम से कार्य करता है। इस मुहिम की शुरुआत भी कुछ युवाओं ने की थी। इस ग्रुप के लोग कचरे से बने ट्री गार्ड से पौधों की भी सुरक्षा करते हैं। गौरतलब है कि योगी सरकार के निर्देशन में सभी नगर निगम भी स्वच्छता के अनेक कार्य कर रहे हैं। कानपुर में भी इस संस्था का नगर निगम से एमओयू है।

6 मार्च 2021 से शुरू किया था कार्य, वॉट्सऐप ग्रुप से लोगों को सफाई के लिए करती हैं एकत्र
कानपुर प्लॉगर्स ग्रुप की संस्थापक अध्यक्ष डॉ. संजीवनी शर्मा हैं। पेशे से दंत चिकित्सक डॉ. संजीवनी ने बताया कि छह मार्च 2021 (शनिवार) से सफाई का यह अभियान प्रारंभ किया गया था। इसके बाद 183 सप्ताह से गंगा घाट पर हर रविवार साफ-सफाई की जाती है। कोरोना काल के दौरान ही इसे रोका गया था। आमजन को इससे जोड़ने के लिए वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया है। साथ ही सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफॉर्म का सहारा लिया। वॉट्सऐप ग्रुप में 850 लोग हैं। इनके पास एक बार में मैसेज चला जाता है कि किस रविवार को कहां पर सफाई होगी। सूचना पर 40 से लेकर 200 लोग एकत्र हो जाते हैं। इससे गंगा तट की सफाई होती है। शर्मा के मुताबिक इस कार्य के पीछे भावना थी कि दूसरों का कचरा उठाने वाले कभी भी खुद कचरा नहीं कर सकते।

65 साल के सीनियर सिटीजन से लेकर सात साल के बच्चे तक सफाई अभियान से जुड़े
कानपुर प्लॉगर्स ग्रुप की सचिव पूजा श्रीवास्तव व उपाध्यक्ष अभिषेक पुरवार हैं। दोनों ने बताया कि 65 वर्ष के सीनियर सिटीजन से लेकर सात वर्ष के बच्चे भी इस मुहिम में शामिल हैं। यह सभी लोग मिलकर नियमित साफ-सफाई करते हैं। इसमें सबसे वरिष्ठ 65 वर्ष के अधिवक्ता अनूप द्विवेदी हैं तो सात वर्ष के विराज भी साफ-सफाई में बड़ों का हाथ बंटाते हैं। इस मुहिम में अब स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासन, नगर निगम के साथ-साथ हर छोटे-बड़े आयुवर्ग के साथ समाज के हर तबके के लोग भी जुड़ रहे हैं।

कानपुर प्लॉगर्स ग्रुप के कार्यों की चहुंओर सराहना
कानपुर प्लॉगर्स ग्रुप के इस कार्यों की चहुँओर सराहना हो रही है। डॉ. संजीवनी शर्मा ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट (तत्कालीन ट्विटर) पर 2021 में ट्वीट कर बताया था कि आज मैंने सैर के साथ प्लॉगिंग भी की। पीएम केरल के बीच पर जॉगिंग भी कर रहे थे और कचरा भी उठा रहे थे। यह शब्द और भावना तभी से मेरे भीतर आई। संजीवनी ने बताया कि तभी मैंने सोचा कि यह कार्य मैं क्यों नहीं कर सकती। फिर इस कार्य को शुरू किया, इसके बाद सोशल मीडिया के जरिए आमजन को जोड़ा। इसमें नगर निगम कानपुर ने भी काफी सहयोग किया।

कचरा करने वाला प्लास्टिक अब कर रहा पेड़ की रक्षा
डॉ. शर्मा ने बताया कि कानपुर में रनिया में प्लास्टिक रिसाइकिलिंग की फैक्ट्री है। हमारी संस्था से जुड़े सैकड़ों सदस्य व वॉलंटियर्स पिछले तीन वर्ष से यहां प्लास्टिक देते हैं। गंगा बैराज पर मैगी पॉइंट्स के दुकानदार भी मैगी के पैकेट हमें उपलब्ध कराते हैं। इसे भी रिसाइकिल के लिए फैक्ट्री में दे दिया जाता है। इनके मुताबिक 3750 प्लास्टिक पैकेट को गलाकर कचरे से एक ट्री गार्ड बनाया जाता है यानी कचरा करने वाला प्लास्टिक अब पेड़ की भी रक्षा कर रहा है।

नगर निगम कानपुर से है संस्था का एमओयू
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में प्रदेश के सभी नगर निगम स्वच्छता के अनेक कार्य कर रहे हैं। इसी क्रम में कानपुर में भी अनेक कार्य हो रहे हैं। इस संस्था ने भी नगर निगम कानपुर से एमओयू साइन किया है। प्लॉगिंग ड्राइव के दौरान नगर निगम से ट्रक उपलब्ध कराया जाता है। इससे कूड़ा एक जगह नहीं रखा जाता, बल्कि यहां का कूड़ा एकत्र करके संस्था के सदस्य नगर निगम को देते हैं। य़ह ट्रक कूड़ा ले जाकर वेस्ट प्लांट में निस्तारण कराता है। स्वच्छता के साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक निस्तारण में संस्था नगर निगम की भी मदद करती है और नगर निगम संस्था को सहयोग प्रदान करता है।

पीएम ने लखनऊ के वीरेंद्र की भी तारीफ की
प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में लखनऊ के वीरेंद्र की भी तारीफ की। पीएम ने कहा कि कई ऐसे युवा हैं, जो निःस्वार्थ भाव से समाज के लिए कार्य कर रहे हैं। इनमें से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के वीरेंद्र भी हैं, जो डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के काम में बुजुर्गों की मदद करते हैं। नियमतः सभी पेंशनर्स को साल में एक बार लाइफ सर्टिफिकेट जमा कराना होता है। 2014 तक इसकी प्रक्रिया यह थी कि बैंकों में जाकर बुजुर्ग को यह प्रमाण पत्र जमा करना पड़ता था। इससे काफी असुविधा होती थी, परंतु अब यह व्यवस्था बदल चुकी है। अब डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट देने से चींजें बहुत ही सरल हो गई हैं । बुजुर्गों को बैंक नहीं जाना पड़ता। टेक्नोलॉजी की वजह से बुजुर्गों को कोई दिक्कत न हो, इसमें वीरेंद्र जैसे युवा बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। इसके बारे में वे अपने क्षेत्र के बुजुर्गों को जागरूक करते रहते हैं। वे वृद्धजनों को टेक सेवी बना रहे हैं। ऐसे ही प्रयासों से आज डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट पाने वालों की संख्या 80 लाख के पार हो गई है। इनमें से दो लाख से ज्यादा बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनकी आयु 80 वर्ष से ज्यादा है।