कई इस्लामिक देशों में शरिया कानून की रूढ़िवादी व्याख्याएं बन रहीं महिला उत्थान में बाधा : डॉ. राजेश्वर सिंह

रविवार दिल्ली नेटवर्क

लखनऊ : सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरूल्लाह के समर्थन में लखनऊ में मुस्लिम धर्म गुरुओं के इकट्ठा होने की एक खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गुरुवार को अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) पर लिखा काश सभी मुस्लिम विद्वानों को एक साथ आकर इस्लामिक देशों में महिलाओं की खराब स्थिति की निंदा करनी चाहिए थी, उन्हें बराबरी का दर्जा देने के लिए आवाज उठानी चाहिए थी। यह शर्मनाक है कि वे भारत के बाहर आतंकवादी संगठनों के लिए आवाज उठाने के लिए एकत्र हुए।

डॉ. सिंह ने अपनी बात को आगे बढ़ाते इस्लाम और अरब देशों में महिलाओं के विरुद्ध प्रथाओं और कानूनों का उल्लेख किया। विधायक ने पारिवारिक मामलों में असमान कानूनी अधिकारों का उल्लेख करते हुए लिखा कई इस्लामी देशों में, पारिवारिक कानून पुरुषों के पक्ष में हैं। उदाहरण के लिए, सऊदी अरब और ईरान जैसे देशों में, पुरुष अपनी पत्नियों को एकतरफा और आसान तलाक दे सकते हैं।

सरोजनीनगर विधायक ने विरासत के मामले में शरिया कानून के तहत पुरुषों को अधिक अधिकार मिलने, बच्चों की कस्टडी के मामले में पुरुषों को अधिक अधिकार मिलने, ईरान और सऊदी अरब जैसे देशों में अनिवार्य हिजाब का उल्लेख किया। विधायक ने कुछ इस्लामिक देशों में महिलाओं की सीमित राजनीतिक और आर्थिक भागीदारी, सऊदी अरब जैसे देशों में वोट के अधिकार, यात्रा आदि के संबंध में पुरुषों के संरक्षण की आवश्यकता पर प्रश्न चिन्ह उठाया।

विधायक ने यमन में विवाह के लिए न्यूनतम आयु का न होने ईरान में न्यूनतम आयु 13 वर्ष होने और कट्टरपंथियों द्वारा इसे 9 वर्ष किए जाने की मांग पर भी चिंता व्यक्त की। डॉ. सिंह ने अफगानिस्तान, जॉर्डन, पाकिस्तान जैसे देशों में घरेलू महिलाओं के विरुद्ध अपराधों हिंसा, ऑनर किलिंग आदि का उल्लेख किया। विधायक ने ईरान और सऊदी अरब आदि देशों में महिलाओं द्वारा परिवार नियोजन, गर्भपात, प्रजनन स्वास्थ आदि विषयों पर महिलाओं के विरुद्ध प्रतिबंधों का उल्लेख किया।

अपने विस्तृत ट्वीट में सरोजनीनगर विधायक द्वारा सऊदी अरब में वर्ष 2018 तक महिलाओं द्वारा गाड़ी चलाने पर प्रतिबंध, तालिबान शासन में बेटियों की शिक्षा पर प्रतिबंध का भी उल्लेख किया। विधायक ने अपनी बात को समाप्त करते हुए लिखा कई इस्लामिक देश इन कानूनों में सुधार की बात कर रहे हैं, जबकि कई देशों में शरिया कानून की रूढ़िवादी व्याख्याएं और सांस्कृतिक मानदंड महिलाओं के अधिकारों को प्रतिबंधित रखना चाहते हैं।

बता दें कि सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक मुद्दों पर अपनी बात अकाट्य तर्कों और तथ्यों के साथ रखने के लिए जाने जाते हैं।