भाजपा के गठन के 45 वर्षों में राजस्थान में पांच बार बनी भाजपा की सरकारें

In the 45 years since the formation of BJP, BJP governments have been formed five times in Rajasthan

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भारत ही नहीं विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी हैं ।भाजपा रामनवमी 6 अप्रेल को अपना स्थापना दिवस मनाएगी। इस अवसर पर पार्टी देश भर में सप्ताह भर के कार्यक्रम आयोजित करेंगी। यह भाजपा का 45वां स्थापना दिवस है। आज केन्द्र में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपानीत सरकार है। वहीं राजस्थान सहित 21 राज्यों में भी भाजपा की अपने बलबूते पर अथवा अपने सहयोगी दलों की मदद से सरकार चल रही है।

भाजपा के 45 वें स्थापना दिवस की इस कड़ी में राजस्थान में भी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की अगुवाई में कई कार्यक्रम होंगे। राजस्थान भाजपा 6 से 13 अप्रेल तक राज्य के विभिन्न भागों में कई कार्यक्रम आयोजित करेगी।

भारतीय जनता पार्टी की अप्रैल 1980 में नींव रखी गई थी। इसके पूर्व भाजपा की पहचान, भारतीय जनसंघ की रूप में जानी जाती थी। आपातकाल के पश्चात 1977 में अन्य विपक्षी दलों के साथ मिल कर बनाई गई जनता पार्टी में जनसंघ के भी विलय हो जाने से पार्टी का पृथक अस्तित्व नहीं रहा था लेकिन, जनता पार्टी के घटक दलों में मतभेद होने के कारण केन्द्र में मोरार जी भाई देसाई के नेतृत्व में बनी जनता पार्टी की सरकार 1977 से 1980 तक ढाई वर्षों तक ही चल पाई । तब राजस्थान में भी भैरोसिंह शेखावत के नेतृत्व में भी जनता पार्टी की पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनी थी। वर्ष 1980 के दशक में जनता पार्टी के घटक दलों के बिखराव की परिस्थितियों में जनता पार्टी से अलग होकर अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एक नई पार्टी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का उदय हुआ ।

अपनी स्थापना और गठन के साथ ही भाजपा ने पूरे देश में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए तथा भगवा का रंग देश के अन्य भागों के साथ ही राजस्थान में भी तेजी से फैलता गया। जिसका परिणाम यह रहा कि भाजपा के गठन के दस वर्षों बाद राजस्थान में 1990 से लेकर अब तक करीब 5 बार भाजपा की सरकारें बन चुकी है। भाजपा के गठन के बाद वर्ष 1980 में हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा के 32 विधायकों ने जीत दर्ज कर सत्ताधारी कांग्रेस को चौंका दिया था।

यदि हम राजस्थान की राजनीति के इतिहास के पन्नों को पलटते है तो पायेंगे कि भाजपा ने राजस्थान में पहली बार वर्ष 1990 में अपने बलबूते पर सत्ता का स्वाद चखा था। तब राज्य में भाजपा के 85 विधायकों ने जीत हासिल की थी तथा भैरोसिंह शेखावत 4 मार्च 1990 को राजस्थान के मुख्यमंत्री बने थे। इसके साथ ही राजस्थान में एक नई राजनीतिक परम्परा शुरू हो गई जिसमें हर पांच वर्षों में एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा ने बारी-बारी से राज करने का सिलसिला कायम रहा । भाजपा के कद्दावर नेता भैरोसिंह शेखावत के बाद उनकी उत्तराधिकारी वसुंधरा राजे ने राजस्थान विधानसभा और लोकसभा आम चुनावों में भाजपा की विजय के कई नए रिकॉर्ड बनाए। 1990 से अब तक राजस्थान में भाजपा ने 5 बार सत्ता संभाली है। वर्तमान में प्रदेश की बागडोर जयपुर की सांगानेर विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री का दायित्व संभाल रहे हैं।

राजस्थान में भाजपा की सरकारें बनने का सिलसिले का क्रम इस प्रकार रहा है –

1980 – राजस्थान विधानसभा की कुल 200 सीटों में से भाजपा के 32 विधायक जीते।
1985 में भाजपा के 39 विधायक जीते।
1990 में भाजपा और जनता दल गठबंधन के 85 विधायक जीते और भैरों सिंह शेखावत मुख्यमंत्री बने।
1993 में भाजपा के 95 विधायक जीते और पार्टी की सरकार बनी तथा भैरों सिंह शेखावत फिर मुख्यमंत्री बने।
1998 में भाजपा के 33 विधायक जीते।
2003 में भाजपा के 120 विधायक जीते।
तथा भाजपा की पहली पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तथा वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री बनी)
2008 में भाजपा के 78 विधायक जीते।
2013 में भाजपा के 163 विधायक जीते और
वसुंधरा राजे दूसरी बार मुख्यमंत्री बनीं।
2018 में भाजपा के 73 विधायक जीते।
2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा के 115 विधायक जीते है तथा एक नया चेहरा के रुप मेवभजन लाल शर्मा मुख्यमंत्री बनें है।

भाजपा की प्रदेश में बनी अब तक की पांच सरकारों में राजस्थान में मुख्यमंत्री पद पर सबसे अधिक वसुंधरा राजे का कार्यकाल रहा है। वे 12वीं विधानसभा में 5 वर्ष 3 दिन तक सीएम रहीं,फिर 14वीं विधानसभा में 5 वर्ष 3 दिन तक मुख्यमंत्री रहीं। इस प्रकार वे कुल 10 वर्ष 6 दिन मुख्यमंत्री के पद पर बनी रहीं। इसके बाद भैरों सिंह शेखावत ने अपनी 2 कार्यकालों में 7 वर्ष 281 दिन तक राज किया। वर्तमान में भजनलाल शर्मा राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने 15 दिसंबर 2023 को सी एम के रूप में अपना पहला कार्यभार संभाला है। पिछले लगभग डेढ़ साल से वे अपना कार्य दायित्व बखूबी निभा रहे हैं। पिछले विधानसभा उप चुनाव में उन्होंने और पहली बार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बने मदन राठौड़ ने भाजपा को जीत दिलाने के अहम भूमिका निभाई थी। मदन राठौड़ हाल ही दूसरी बार प्रदेश अध्यक्ष बने है तथा मुख्यमंत्री भजन लाल और उनके कंधों पर अब भाजपा को आगामी निकाय और पंचायत राज चुनाव जिताने की अहम जिम्मेदारी हैं।

देखना है आने वाले समय में भाजपा प्रदेश ने भजन लाल मंत्रिपरिषद का विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों और निकाय एवं पंचायती राज चुनाव की चुनौतियों का सामना कैसे करेंगी?