गोपेंद्र नाथ भट्ट
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेसी उम्मीदवारों के चयन के लिए मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में जो बातें निकल कर आ रही है,उसमें कम से कम मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जाने तथा जिताऊँ उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने की बात कही जा रही है।भाजपा की 41 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद कई मंत्रियों और विधायकों ने अपनी वर्तमान सीटें बदलने का आग्रह भी किया है। कुछ सीटों पर मौजूदा विधायकों का भी विरोध शुरू हो जाने और निकट भविष्य में अधिकृत उम्मीदवारों के विरूद्ध बगावत की सम्भावित परिस्थितियों से निपटने पर भी गम्भीरता से विचार किया जा रहा है।
नई दिल्ली के 15 रकाबगंज रोड स्थित कांग्रेस वार रूम में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन गौरव गोगोई ने की। इस बैठक में वरिष्ठ पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री, प्रदेश प्रभारी सूखजिंदर सिंह रंधावा , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा आदि ने भाग लिया।
कांग्रेस की चिन्ता संकट की घड़ी में गहलोत सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीयों और बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों के साथ ही अनुशासनात्मक कार्यवाही का सामना कर रहे विधायकों को टिकट देने को लेकर है। बताते है कि स्क्रीनिंग कमेटी ने मज़बूत मानी जाने वाली सीटों के लिए एक उम्मीदवार के नाम की सूची को हरी झण्डी दे दी है। शेष सीटों के लिए दो नामों के पेनल बनाए गए है जिसके बारे में हाई कमान ही कोई उचित फैसला लेंगा।
कांग्रेस की नई दिल्ली में केन्द्रीय चुनाव समिति की एक दो दिनों में होने वाली बैठक में सोनिया गाँधी मल्लिकार्जुन खड़गे राहुल गाँधी और समिति के अन्य सदस्य भी भाग लेंगे । इस बैठक के बाद राजस्थान के लिए कांग्रेसी उम्मीदवारों की पहली सूची और उसके बाद शेष सूचियाँ भी जारी होने का अनुमान है।
कांग्रेस इस रणनीति पर भी काम कर रही है कि पहले भाजपा की दूसरी सूची को देखा जायें और उसके बाद ही कांग्रेस अपनी सूची जारी करें। कुछ खास सीटों के बारे में कांग्रेस पहलें से ही अपने पन्ने खोलना नही चाहतीं है। कांग्रेस चाहती है कि प्रदेश में भाजपा के कथित कमजोर नेतृत्व और पार्टी में बगावत की परिस्थितियों तथा असन्तोष के हालातों को कांग्रेस अधिक से अधिक भुनायें ताकि हर पाँच वर्ष में सरकार बदलने की परम्परा को तोड़ कांग्रेस एक नया कीर्तिमान बना सकें।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को जयपुर से नई दिल्ली रवाना होने से पहले और दिल्ली में भाजपा पर विशेष कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर फिर से ज़ोरदार हमला बोला है और कहा है कि भाजपा ने देश के विभिन्न प्रदेशों में चुनी हुई सरकारों को साम दाम दंड भेद से बदल दिया लेकिन वे ऐसा करने में राजस्थान में असफल रहें जिसका अभी भी उनके ज़ेहन में दर्द है और फिर राजस्थान में हमारी सरकार की लोकप्रिय योजनाओं तथा उसे जनता से मिल रहे भारी समर्थन का उनके पास कोई जवाब ही नही है।
इधर कांग्रेस हाई कमान चुनाव को एक साथ मिल कर मज़बूती से लड़ना चाहता है और हाई कमान ने सभी नेताओं को साफ सन्देश दिया है कि इस समय किसी भी प्रकार की गुटबाज़ी बर्दाश्त नही की जायेंगी और प्रदेश की विवादास्पद सीटों का फैसला स्वयं हाई कमान ही करेगा और उसमें भी चुनाव जीतें जाने की केपेसिटी ही उम्मीदवार चुनने का मुख्य मापदण्ड होगा।
देखना है कांग्रेस हाई कमान राजस्थान के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली और अंतिम सूची कब तक निकालेगी और गहलोत सरकार को रीपिट करने के लिए भाजपा के समक्ष कैसी चुनौती रखेंगी?