
रविवार दिल्ली नेटवर्क
भोपाल : नव दुर्गा महोत्सव एवं दशहरा के दौरान शांति, सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था के मद्देनजर वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में पुलिस उपायुक्त हेडक्वॉर्टर श्रद्धा तिवारी, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त नीतू ठाकुर के मार्गदर्शन में बल्वा मॉक ड्रिल रिहर्सल परेड का आज प्रातः पुलिस लाइन नेहरू नगर में आयोजन किया गया, जिसमें थानों का बल, यातायात का बल, रक्षित केंद्र के अधिकारी कर्मचारियों समेत करीब 300 पुलिस जवानों ने भाग लिया।
बलवा ड्रिल परेड से पूर्व पुलिस उपायुक्त श्रद्धा तिवारी ने समस्त जवानों को संबोधित करते हुए बलवा ड्रिल परेड का महत्व बताया एवं कानून व्यवस्था के दौरान विपरित परिस्थितियों में क्या सावधानियां बरती जानी चाहिए एवं पुलिस जवानों की जिम्मेदारी होती है। इस बारे मे विस्तृत मार्गदर्शन दिया।
बलवा मॉक ड्रिल में पुलिस जवानों की अलग-अलग टीमें बनाई गई, जिससे टियर गैस पार्टी, अश्रु गैस पार्टी, लाठी पार्टी, राइफ़ल पार्टी, मेडिकल पार्टी, वाटर केनन पार्टी को अपना-अपना कार्य तय कर राइफ़ल, लाठी एवं अश्रु गैस के गोले कैसे फेंकना है इत्यादि दिशा निर्देश दिए गए। एक्सीडेंट हादसे में युवक की हुई मौत के मामले में उचित मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे मृतक के परिजनों से पुलिस ने बात की एवं समझाने की कोशिश की किन्तु लोगों की भीड़ अचानक उग्र हो गई एवं पुलिस पर पथराव करने लगे। जान माल का नुकसान एवं जनहानि की आशंका को देखते हुए पुलिस ने पहले उग्र भीड़ को चेतावनी दी। इसके बाद भी भीड़ के नहीं मानने पर टियर गैस पार्टी ने आवाज़ वाले गोले दागे, उपरांत आंसू गैस के गोले छोड़े तब भी प्रदर्शनकारी सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे, तब पुलिस द्वारा अलाउंसमेंट कर चेतावनी दी गई, किन्तु प्रदर्शनकारियों को उग्र होता देख पुलिस टीम द्वारा लाठी चार्ज किया गया।
उपरांत अनियन्त्रित भीड़ को रोकने एवं सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान से बचाने के लिए मजिस्ट्रेट के आदेश उपरांत फायर किए गए, जिसमें कुछ प्रदर्शनकारी घायल हो गए एवं कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए जिन्हें उपचार हेतु डॉक्टर की टीम द्वारा एम्बुलेंस से तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। बलवा मॉक ड्रिल में दोनों ही भूमिकाओं में पुलिस अधिकारी और कर्मचारी थे। कानून-व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए तथा विपरित परिस्थितियों में भीड़ पर नियंत्रण पाने के लिए अमले को प्रशिक्षण देने और अपनी क्षमताओं की परख करने के लिए समय-समय पर इस तरह की मॉक ड्रिल आयोजित की जाती है, ताकि कानून व्यवस्था ड्यूटी, धरना-प्रदर्शन इत्यादि के दौरान विपरित परिस्थितियों में पुलिसकर्मी अपने आप को सुरक्षित रखते हुए अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन कर भीड़ नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।