- अरिजित हुंडल के चोट से बाहर होने से गुरजोत पर है बड़ी जिम्मेदारी
- चैंपियन जर्मनी, अर्जेंटीना,फ्रांस व स्पेन भी खिताब के मजबूत दावेदार
- 14 वें जू पुरुष हॉकी विश्व कप में रिकॉर्ड 24 टीमें शिरकत करेंगी
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : पिछले दो ओलंपिक में बतौर गोलरक्षक बेहतरीन बचाव कर कांसा जिताने वाले पीआर श्रीजेश के मार्गदर्शन में दो बार खिताब जीतने और पिछले दो संस्करण में चौथे स्थान पर रहने वाला मेजबान भारत शुक्रवार से शुरू हो रहे 14 वें एफआईएच पुरुष जूनियर हॉकी विश्व कप तमिलनाडु 2025 में तीसरी बार खिताब जीतने की हसरत लिए खेलने उतरेगा। इस बार 14 वे जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में रिकॉर्ड सबसे ज्यादा 24 टीमें शिरकत करेंगी। इसके मैच तमिलनाडु के चैन्ने और मदुरै में खेले जाएंगे। सभी टीमें अपने अपने पूल की टीमों के खिलाफ राउंड रॉबिन लीग आधार पर खेलेगी। हर पूल की विजेता और सर्वश्रेष्ठ दूसरे स्थान पर रहने वाली टीमें क्वॉर्टर फाइनल में खेलेंगी । 5 दिसंबर को चारों क्वॉर्टर फाइनल, 7 दिसंबर को दोनों सेमीफाइनल तथा 10 दिसंबर को फाइनल और कांसे के लिए मुकाबले चैन्ने में होंगे।
इस जूनियर हॉकी विश्व कप से भारत ही नहीं दुनिया को आने वाले कल के नए सितारे मिलेंगे। इससे पहले 2009 में मलयेशिया व सिंगापुर में हुए नौवें संस्करण में 20 टीमों ने शिरकत की थी। ड्रैग फ्लिकर फुलबैक रोहित की अगुआई में मेजबान भारत के सामने अपने घर अपने प्रशंसकों के सामने उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौती है। बेशक अपने ऑलराउंडर अरिजित सिंह हुंडल का कंधे की चोट के चलते बाहर होना बड़ा झटका है। अरिजित सिंह हुंडल की गैर मौजूदगी में लिंकमैन के रूप उतरने वाले गुरजोत सिंह पर भारत की अग्रिम पंक्ति में स्ट्राइकर अर्शदीप सिंह, सौरभ आनंद कुशवाहा व दिलराज सिंह के लिए आगे गेंद बढ़ा गोल के अभियान बनाने की बड़ी जिम्मेदारी रहेगी। अरिजित हुंडल बेहतरीन स्ट्राइकर होने के साथ बढ़िया ड्रैग फिलकर भी हैं। ऐसे में भारत के लिए हुंडल की जगह की भरपाई करना बड़ी चुनौती होगा। भारत की जूनियर टीम को पूल बी में चिली, स्विटजरलैंड और पाकिस्तान के इसमें शिरकत करने से इनकार करने के बाद खेलने का मौका पाने वाले ओमान की टीमों के साथ रखा गया है। मौजूदा और सबसे ज्यादा सात बार खिताब जीतने वाली जर्मनी, दो दो बार चैंपियन रह चुके भारत और अर्जेंटीना , पिछले संस्करण की उपविजेता फ्रांस तीसरे स्थान पर रहे स्पेन का खिताब जीतने का दावा मजबूत है। भारत 2013 में दिल्ली, 2016 में लखनउ व2021 में भुवनेश्वर में लगातार तीन बार टूर्नामेंट की मेजबानी करने के बाद 2025 में चौथी बार इसकी मेजबानी करेगा। भारत अपने अभियान का आगाज के चिली के खिलाफ शुक्रवार को पहले दिन के आखिरी मैच से करेगा। भारत का पहला लक्ष्य पूल बी में शीर्ष स्थान पर रह क्वॉर्टर फाइनल में स्थान बनाने का होगा।
रोहित ने हाल ही में सुलतान ऑफ जोहोर कप जूनियर हॉकी टूर्नामेंट में मलयेशिया में बढ़िया प्रदर्शन कर भारत को अपनी कप्तानी में रजत पदक जिताने में अहम भूमिका निभाई। भारत के पास रोहित और पिछले जूनियर पुरष हॉकी विश्व कप में खेल चुके फुलबैक आमिर अली और शारदा नंद तिवारी के रूप में मजबूत रक्षापक्ति है। भारत की रक्षापंक्ति में कप्तान रोहित, आमिर अली, अनमोल एक्का और प्रियव्रत की किले की मजबूत चौकसी करने भी अहम भूमिका रहेगी। अरिजित हुंडल के बाहर होने पर सौरभ आनंद कुशवाहा, अर्शदीप सिंह, अजित यादव और दिलराज सिंह जैसे स्ट्राइकरों को खुद गोल करने के साथ पेनल्टी भी बनाने होंगे। रोहित ने हाल ही में सुलतान ऑफ जोहोर कप जूनियर हॉकी टूर्नामेंट में मलयेशिया में बढ़िया प्रदर्शन किया और भारत को अपनी कप्तानी में रजत पदक जिताने में अहम भूमिका निभाई। भारत के पास रोहित और पिछले जूनियर पुरष हॉकी विश्व कप में आमिर अली और शारदा नंद तिवारी के रूप में मजबूत रक्षापक्ति है। अरिजित हुंडल के कंधे की चोट से जूनियर विश्व कप से बाहर होने पर आक्रामक मिडफल्डर गुरजोत सिंह पर बतौर लिंकमैन भारत को हमले बनाने में मदद करने के साथ पीछे आकर रक्षापंक्ति में कप्तान रोहित, आमिर अली, अनमोल एक्का और प्रियव्रत की किले की चौकसी में मदद करने में भी अहम भूमिका रहेगी। गुरजोत हुलनबीर में पुरुष एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की सीनियर टीम के लिए खेल चुके हैं।
जू पुरुष हॉकी विश्व कप हमारी तैयारियों का इम्तिहान : पीआर श्रीजेश
भारत के चीफ कोच पूर्व ओलंपियन पीआर श्रीजेश ने कहा, ‘ यह जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप हमारी तैयारियों, मानसिकता और टीम वर्क का आखिरी इम्तिहान है। हमारा ध्यान बेखौफ, तेज और अनुशासित हॉकी खेलने पर है, जो की हमारी भारतीय हॉकी की विरासत को दर्शाती हो। हमारी टीम के खिलाड़ियों ने इस मौके को पाने के लिए खूब पसीना बहाया है। हमें विश्वास है कि हमारे ये खिलाड़ी इस जूनियर विश्व कप में भारत का नाम रोशन करेंगे। हमने इसके लिए जांचे परखे ऐसे खिलाड़ियों को चुना है। हमारे खिलाड़ियों में ज्यादातर जानते हैंकि जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप जैसे बड़े शिरकत करने के लिए किस चीज की जरूरत है। हमने खिलाड़ियों की शारीरिक क्षमता,हॉकी कौशल और टीम की जरूरत के मुताबिक क्षमता और मानसिक मजबूती को देखते हुए भी भारतीय टीम चुनी है। हमारी टीम को जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप से पहले अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने का अच्छा अनुभव मिला। हमारी जूनियर टीम ने भारतीय सीनियर टीम के साथ भी साई बेंगलुरू में कई अभ्यास मैच खेले । जब जूनियर खिलाड़ी सीनियर टीम के खिलाफ खेलते है तो इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। हमारी टीम के हौसले बुलंद है और हमारी निगाह अपने घरेलू दर्शकों के सामने बढ़िया प्रदर्शन करने पर लगी हैं।
चिली के कप्तान रिचर्ड बोले, हमारी टीम विश्वास से भरी है
चिली के कप्तान फिलिन रिचर्ड ने कहा, ‘हमारी टीम खासी युवा है। हमारी टीम का मुख्य मकसद अंतर्राष्ट्रीय मंच के लिए लय पाना जो कि पैन अमेरिकी टूर्नामेंटों से अलग है। जब भी हम मैदान पर खेलने उतरते हैं हम हमेशा बढ़िया मैच खेलने में कामयाब हती है और हमारी टीम विश्वास से भरी है।
जर्मनी ने सबसे ज्यादा 7 बार जीता है जू पुरुष हॉकी विश्व कप
अब तक हुए कुल 13 संस्करणों में मौजूदा चैंपियन जर्मनी ने सबसे ज्यादा सात बार खिताब जीता है और दो बार उपविजेता और तीन बार कांसा जीता है। भारत ने अब तक 2001 में चीफ कोच राजिंदर सिंह सीनियर के मार्गदर्शन में 2001 में होबार्ट (ऑस्ट्रेलिया) में अर्जेंटीना को फाइनल में 6-1 से हरा तथा 2016 में लखनउ में चीफ कोच हरेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में बेल्जियम को 2-1 से हरा कर दो बार खिताब जीता जबकि 1997 में फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से 2-3 से हार कर उपविजेता रही और तीन बार कांसा जीता। भारत की तरह अर्जेंटीना (2005, 2021) ने दो बार खिताब जीता और 2001 में उपविजेता रही। ऑस्ट्रेलिया (1997) और पाकिस्तान (1979) ने एक एक बार खिताब जीता है। भारत की जूनियर टीम पिछले दो संस्करणों 2021 में अपने घर भुवनेश्वर में सेमीफाइनल में जर्मनी से 2-4 से और कांसे के लिए हुए मैच में फ्रांस से 1-3 से हार कर तथा 2023 में क्वलालांपुर में सेमीफाइनल में जर्मनी से 1-4 और कांसे के लिए मुकाबले में स्पेन से 1-4 से हार कर चौथे स्थान पर रहा था। भारत ने 2013 में नई दिल्ली में 2016 में लखनउ में र 2021 में भुवनेश्वर में जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप की मेजबानी की। भारत 2013 में नई दिल्ली में पाकिस्तान से शूटआउट में हार दसवें स्थान पर रहा और 2016 में बेल्जियम को फाइनल में 2-1 से हराकर खिताब जीता और 2021 भुवनेश्वर में चौथे स्थान पर पदक जीतने से चूका।
जूनियर हॉकी विश्व कप में शिरकत करने वाली कुल 24 टीमों को चार चार टीमों के छह पूल बांटा गया है। ये छह पूल हैं :
पूल ए : कनाडा, जर्मनी, आयरलैंड, द.अफ्रीका।
पूल बी : भारत, चिली, ओमान,स्विटजरलैंड।
पूल सी: अर्जेंटीना, चीन, जापान,न्यूजीलैंड।
पूल डी : बेल्जियम, मिस्र, स्पेन, नामिबिया।
पूल ई : ऑस्ट्रिया,इंग्लैंड, मलयेशिया, नीदरलैंड।।
पूल एफ :ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, फ्रांस, दक्षिण कोरिया
पूल चरण के मैच 28 नवंबर से 2 दिसंबर तक होंगे और नॉकआउट मुकाबले 5 से 10 दिसंबर तक होंगे।
जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप के लिए भारतीय टीम : गोलरक्षक : बिक्रमजीत सिंह, प्रिंसदीप सिंह।रक्षापंक्ति :रोहित (कप्तान), तलेम प्रियव्रत , अनमोल एक्का, आमिर अली, सुनील पलकक्षप्पा बिनूर, शारदानंद तिवारी। मध्यपंक्ति :अंकित पाल, थॉनउजम इगेलम्बा लुआंग, एड्रोहित एक्का, रोसन कुजूर, मनमीत सिंह, गुरजोत सिंह। अग्रिम पंक्ति : अर्शदीप सिंह, सौरभ आनंद कुशवाहा, अजित यादव, दिलराज सिंह।वैकल्पिक खिलाड़ी : रवनीत सिंह, रोहित कुल्लू।
भारत के पूल मैच : 28 नवंबर को चिली(रात साढ़े आठ बजे से)। 29 नवंबर को ओमान
(रात आठ बजे) , 2 नवंबर को स्विटजरलैंड(रात आठ बजे से)





