भारत को मिली कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी : एक ऐतिहासिक उपलब्धि

India awarded the Commonwealth Games 2030 hosting rights: A historic achievement

  • राजस्थान और पड़ोसी राज्यों को भी होगा लाभ
  • ओलंपिक 2036 की मेजबानी का मार्ग भी होगा प्रशस्त

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

भारत ने अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में एक बड़ा मील का पत्थर स्थापित करते हुए वर्ष 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी का गौरव हासिल कर लिया है। ग्लास्गो में आयोजित कॉमनवेल्थ स्पोर्ट की जनरल असेंबली की बैठक में अहमदाबाद को आधिकारिक रूप से इन खेलों के आयोजन के लिए चुना गया है। यह निर्णय न केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा को दर्शाता है, बल्कि देश की खेल अधोसंरचना, प्रबंधन क्षमता और उभरती आर्थिक शक्ति का भी प्रतीक है। उल्लेखनीय है कि भारत इससे पहले वर्ष 2010 में राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी कर चुका है। लगभग दो दशक बाद भारत को यह सुनहरा अवसर पुनः मिलना अपने आप में भारत के लिए गर्व का विषय है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह प्रदेश में अहमदाबाद को मेजबानी का हक मिलने के पीछे कई कारण हैं। पिछले एक दशक में अहमदाबाद शहर और निकटवर्ती गुजरात की राजधानी गांधी नगर ने इंफ्रास्ट्रक्चर (अवसंरचना) के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम नरेंद्र मोदी स्टेडियम भी इसी शहर में है, जिसने कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के सफल आयोजन से अपनी क्षमता को प्रमाणित किया है। इसके अलावा शहर में अंतरराष्ट्रीय दर्जे की सड़कें, एयरपोर्ट विस्तार, खेल गाँव की प्रस्तावित सुविधाएँ और होटल नेटवर्क ने भी इसे एक मजबूत दावेदार बनाया। गुजरात सरकार और केंद्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तुत व्यापक योजनाओं और निवेश प्रस्तावों ने भी भारत की दावेदारी को मजबूती दी।चार वर्ष के बाद अहमदाबाद में होने वाले 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स विशेष महत्व रखते हैं, क्योंकि यह खेलों की 100वीं वर्षगांठ होगी। ऐसे में देश को इस ऐतिहासिक आयोजन की मेजबानी मिलना भारत की खेल कूटनीति के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इस आयोजन से देश की छवि और भी दमदार होगी और भविष्य में ओलंपिक 2036 की मेजबानी के सपने को भी गति मिलेगी। अहमदाबाद गांधी नगर पहले से ही ओलंपिक इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में योजनाएँ तैयार कर रहें है। कॉमनवेल्थ गेम्स के सफल आयोजन से भारत को वैश्विक खेल केंद्र के रूप में स्थापित होने में मदद मिलेगी। खिलाड़ियों के नजरिये से भी यह आयोजन अत्यंत महत्वपूर्ण है। घरेलू मैदान पर खेलना हमेशा खिलाड़ियों में आत्मविश्वास बढ़ाता है। देश की युवा पीढ़ी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा देखने, सीखने और प्रेरणा लेने का अवसर मिलेगा। साथ ही, यह आयोजन भारत में खेल संस्कृति को विकसित करने, स्कूल-कॉलेज स्तर पर खेलों के प्रति रुचि बढ़ाने तथा नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।आर्थिक दृष्टि से भी यह आयोजन अहम है। अहमदाबाद एवं आसपास के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। पर्यटन, होटल उद्योग, परिवहन, मीडिया और अन्य सेवाओं में तेजी आएगी। अनुमान है कि हजारों करोड़ रुपए के निवेश से शहर के विकास को नई दिशा मिलेगी और यह “स्पोर्ट्स कैपिटल” के रूप में उभर सकता है। 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी भारत के लिए केवल खेल आयोजन नहीं, बल्कि विकास, कूटनीति, रोजगार और वैश्विक छवि निखारने का अवसर है। अहमदाबाद को मिली यह जिम्मेदारी न केवल गुजरात बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। अब भारत की निगाहें इस आयोजन को विश्व के सर्वश्रेष्ठ खेल आयोजनों में शामिल करने पर टिकी हैं।

अहमदाबाद में होने जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 का प्रभाव केवल गुजरात तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली-हरियाणा जैसे राज्यों को भी व्यापक रूप से लाभ मिलेगा। बड़े खेल आयोजनों का दायरा सामान्यतः बहु-राज्यीय होता है और उनका आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यटन संबंधी प्रभाव दूर-दराज तक पहुँचता है। राजस्थान इस दृष्टि से सबसे अधिक लाभान्वित होने वाले राज्यों में शामिल होगा। अहमदाबाद और गुजरात के अन्य शहरों तथा केवड़िया स्थित स्टेच्यू ऑफ यूनिटी में आने वाले लाखों पर्यटक, खिलाड़ी, तकनीकी दल और विदेशी पत्रकारगण क्षेत्रीय यात्राएं भी करेंगे। निकटवर्ती राजस्थान के उदयपुर, माउंट आबू, जैसलमेर, जोधपुर,जयपुर, अजमेर-पुष्कर जैसे शहर अहमदाबाद से सड़क मार्ग से बेहद सुगम हैं।आयोजन के दौरान इन स्थानों पर होटल बुकिंग, टैक्सी सेवाओं और पर्यटन से आय बढ़ेगी।विदेशी मेहमान आमतौर पर एक देश में कई शहर घूमने की योजना बनाते हैं बीएन इससे राजस्थान के पर्यटन और होटल उद्योग को सीधा फायदा एवं बड़ा लाभ मिलेगा।

अहमदाबाद को अंतरराष्ट्रीय आयोजन के अनुरूप विकसित करते समय पश्चिम भारत के प्रमुख राज्यों के बीच कनेक्टिविटी को भी बढ़ाया जाएगा। अहमदाबाद- डूंगरपुर – उदयपुर, गांधीनगर – माउन्ट आबू, गांधीनगर–वाडोदरा- मुम्बई, अहमदाबाद–इंदौर मार्गों पर हाईवे अपग्रेड होंगे। दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेस वे का प्रभाव क्षेत्रीय आवाजाही को और तेज करेगा। तब तक मुम्बई- अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का आगमन भी हो जाएगा तथा अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से देशी विदेशी हवाई सेवाओं का भी और अधिक विस्तार होगा। इससे पार्सल, लॉजिस्टिक्स, व्यापारिक आवाजाही और पर्यटन सभी सेक्टरों में सुधार होगा। भारत सरकार और निजी कंपनियाँ आयोजन के पहले और बाद में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर निवेश बढ़ाएँगी। इससे राजस्थान में जयपुर, कोटा, उदयपुर, जोधपुर,जालोर-बाड़मेर (राजस्थान–गुजरात बार्डर) आदि क्षेत्रों में खेल अकादमियों, प्रशिक्षण केंद्रों और स्टेडियम सुधार परियोजनाएँ गति पकड़ेंगी। होटल और रिज़ॉर्ट चेन भी निवेश बढ़ाएँगी क्योंकि पश्चिम भारत एक संयुक्त पर्यटन-स्पोर्ट्स हब के रूप में उभर रहा है।

कॉमन वेल्थ गेम्स से बड़े खेल आयोजन से संबंधित क्षेत्रों में भारी रोजगार पैदा होता है । जैसे आयोजन प्रबंधन, सुरक्षा सेवाएँ, पर्यटन संचालन, आतिथ्य (हॉस्पिटैलिटी), मीडिया और स्पोर्ट्स कम्युनिकेशन,इवेंट टेक्नोलॉजी आदि क्षेत्रों में भारी रोजगार क्षेत्रों में भारी रोजगार. क्षेत्रों में भारी रोजगार की संभावनाओं में वृद्धि होगी । साथ ही राजस्थान और निकटवर्ती क्षेत्रों के हजारों युवा, विशेषकर होटल मैनेजमेंट, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट, मीडिया और टूरिज़्म सेक्टर से जुड़े छात्र अहमदाबाद और आसपास के क्षेत्रों में अवसर पा सकेंगे।राजस्थान और गुजरात के बीच व्यापार पहले से मजबूत है। खेलों के इस महाकुंभ के लिए भारी मात्रा में निर्माण सामग्री,सजावटी सामग्री,हैंडीक्राफ्ट,फर्नीचर,टेक्सटाइल,फूड सप्लाई आदि क्षेत्रों में राजस्थान की भागीदारी बढ़ेगी, जिससे स्थानीय उद्योगों को सीधा आर्थिक फायदा मिलेगा। इसी प्रकार जब विदेशी खिलाड़ी और पर्यटक क्षेत्रीय यात्राएँ करेंगे, तब राजस्थान की लोक कला, हस्तशिल्प, संगीत और त्योहारों को वैश्विक मंच मिलेगा। विशेष रूप से जैसलमेर एवं जोधपुर बाड़मेर,बीकानेर आदि का डेज़र्ट फेस्टिवल, उदयपुर की झीलें, जयपुर की विरासत इमारतें दुनिया भर में अधिक लोकप्रिय होंगी।
राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों, विशेषकर डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, प्रतापगढ़, सिरोही और जोधपुर आदि जिलों में सड़क, होटल और सेवाओं का विकास तेज होगा, क्योंकि यह क्षेत्र अहमदाबाद के नजदीक है और मुख्य पर्यटन मार्गों का हिस्सा बनेगा।

इस तरह देखा जाये तो अहमदाबाद में होने वाले 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स केवल गुजरात राज्य की उपलब्धि ही नहीं है बल्कि पूरे पश्चिम एवं मध्य भारत के लिए सर्वांगीण विकास का एक बड़ा अवसर है। विशेष कर गुजरात से सटे राजस्थान और महाराष्ट्र आदि राज्यों और दमन एवं दीव जैसे केन्द्र शासित प्रदेशों को पर्यटन, व्यापार, रोजगार, खेल और सांस्कृतिक पहचान आदि के क्षेत्र में बहुआयामी लाभ मिलेगा। आने वाले वर्षों में यह प्रभाव और भी व्यापक रूप से दिखाई देगें इसमें कोई सन्देह नहीं है।