भारत ने श्रीलंका को एकतरफा फाइनल में 8 विकेट से हरा सातवीं बार जीता महिला क्रिकेट एशिया कप

  • भारत की जीत में रेणुका का कहर, स्मृति का तूफानी अद्र्धशतक
  • भारत की स्नेह और राजेश्वरी के बुने स्पिन के जाल में फंसा श्रीलंका

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : नौजवान तेज गेंदबाज रेणुका सिंह की कहर बरपाने वाली गेंदबाजी के साथ बेहद चुस्त फील्डिंग तथा ओपनर स्मृति मंधाना के तूफानी अविजित अद्र्धशतक की बदौलत भारत ने श्रीलंका को एसीसी महिला टी-20 एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट के बेहद एकतरफा फाइनल में सिलहट(बांग्लादेश) में शनिवार को आठ विकेट से हराकर सातवीं बार खिताब जीत लिया। भारत ने श्रीलंका को पांचवीं बार फाइनल में शिकस्त दी। भारत अकेली ऐसी टीम है जो कि अब तक हुए सभी आठों एशिया कप के संस्करणों के फाइनल में पहुंची और मात्र एक बार पिछले यानी 2018 में क्वालालंपुर में हरमनप्रीत कौर की कप्तानी अंतिम गेंद पर हार को छोड़ कर बाकी सभी सातों संस्करण में चैंपियन बनने में कामयाब रही। कप्तान हरमनप्रीत कौर के लिए यह खिताबी जीत इसलिए खास है कि वह अंतत: उनका भारत को महिला एशिया कप जिताने का सपना शनिवार को आखिर साकार हो गया। श्रीलंका ने पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में मात्र एक रन से जीत में गजब क जीवट दिखाया था। भारत के खिलाफ फाइनल में इसके ठीक उलट श्रीलंका की बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह ढह गई।

मैच की सर्वश्रेष्ठï खिलाड़ी तेज गेदबाज रेणुका सिंह(3/3) के नई गेंद से बरपाए कहर के बाद लेफ्ट आर्म स्पिनर राजेश्वरी गायकवाड़ (2/16) और ऑफ स्पिनर स्नेह राणा(2/13) के बुने स्पिन के जाल की बदौलत भारत ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका को 20 ओवर में नौ विकेट पर मात्र 65 रन पर रोक दिया। इनोका रणवीरा (नॉटआउट 18 रन, 22 गेंद, दो चौके) और ओशादी रणसिंहे (13) ही श्रीलंका की दो ऐसी बल्लेबाज रही जो कि दहाई के अंक तक पहुंच पाईं। इनोका और अचिनी कुलसूर्या (नॉटआउट 6) ने आखिरी विकेट श्रीलंका के लिए 22 रन की असमाप्त और पारी की सबसे बड़ी भागीदारी की। श्रीलंका की बाकी बल्लेबाजों का स्कोर टेलीफोन नंबर डायल की तरह रहा। श्रीलंका की पूरी पारी में मात्र चार चौके लगे और इनमें से दो इनोका और कप्तान चामरी अट्टïापट्टïू और नीलाक्षी डिसिल्वा ने एक लगाया। श्रीलंका को बस यह संतोष हो सकता है भारत उसकी पूरी टीम को आउट नहीं कर पाया।

जवाब में ओपनर स्मृति मंधाना की मात्र 25 गेंद पर तीन छक्कों और पांच चौकों की मदद से नॉटआउट 51 रन की तूफानी पारी की बदौलत भारत ने मात्र 8.3 ओवर में दो विकेट खोकर 71 रन बना फाइनल जीत लिया। स्मृति ने श्रीलंका की ऑफ स्पिनर ओशादी रणसिंहे के तीसरे ओवर की तीसरे गेंद को वाइड लॉग्ग ऑन के उपर से उड़ा अपनी पारी का तीसरा छक्का जड़ जोरदार अंदाज में भारत को जीत दिलाई। उपकप्तान स्मृति के साथ कप्तान हरमनप्रीत कौर एक चौके की मदद से 14 गेंद खेल कर 11 रन बनाकर अविजित रही। भारत ने छह ओवर के पहले पॉवरप्ले में शुरू के ओपनर शैफाली वर्मा (5) और जेमिमा रॉड्रिग्ज (2) के विकेट खोकर 42 रन बनाए थे। शैफाली वर्मा बेवजह ऑफ स्पिनर इनोका रणवीरा की गेंद को उड़ाने के फेर में फ्लाइट से मात खा गई और विकेटकीपर अनुष्का संजीवनी ने उन्हें स्टंप आउट किया। भारत ने शैफाली के रूप में पहला विकेट चौथे आोवर में 32 रन पर खोया और टीम के स्कोर में तीन रन ही ओर जुड़े थे कि अगले ओवर में ऑफ स्पिनर कविषा दिलहारी की नीची रहती गेंद को ड्राइव करने के प्रयास में जेमिमा रॉड्रिग्ज बोल्ड हो गई।भारत ने छह ओवर के पहले पॉवरप्ले में दो विकेट खोकर 42 रन बनाए थे।

भारत की रेणुका सिंह ने गेंद से धार व रफ्तार दिखा अपने शुरू के तीन ओवरों में तीन विकेट चटकाने के साथ बेहतरीन फील्डिंग का नमूना पेश कर कप्तान ओपनर चामरी अट्टïापट्टïू(6) को आउट कर श्रीलंका की पारी को बिखेरने का सिलसिला शुरू किया। भारत ने पहले पॉवरप्ले में शुरू के छह ओवर में ही 15 रन पर श्रीलंका की पांच बल्लेबाजों को आउट कर पैवेलियन लौटा दिया। रेणुका ने अपने दूसरे ओवर की तीसरी गेंद पर टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने में दूसरे स्थान पर रही हर्षिता मादवी विक्रमसिंहे (1) को ऑफ स्टंप के बाहर मूव होती गेंद पर विकेटकीपर ऋचा घोष के हाथों कैच कराया। उनकी अगली गेंद पर दूसरी ओपनर अनुष्का (1) को पूजा वस्त्रकर ने सीधे थ्रो से रनआउट किया। रेणुका ने पांचवी गेंद पर हसिनी परेरा (0) को स्मृति मंधाना के हाथों कैच कराया और श्रीलंका ने 3.5 ओवर में मात्र 9 पर चार विकेट गंवा दिए थे। रेणुका ने अपने तीसरे ओवर की दूसरी गेंद पर कविषा दिलहारी(1) को बोल्ड कर दिया और श्रीलंका की आधी टीम मात्र 16 रन पर पैवेलियन लौटने के बाद उसके विकेट गिरने का सिलसिला नहीं थमा। रेणुका के कहर बरपाने के बाद भारत की स्पिनरों ने मोर्चा संभाला और लेफ्ट आर्म स्पिनर राजेश्वरी गायकवाड़ ने नीलाक्षी डिसिल्वा (6) को बोल्ड किया। ऑफ स्पिनर स्नेह राणा ने अपनी चौथी ही गेंद पर मालशा शिहानी(0) को ड्राइव के लिए मजबूर कर कैच कर पैवेलियन लौटाया और राजेश्वरी गायकवाड़ ने अपने चौथे व आखिरी ओवर की अंतिम पूर्व गेंद पर ओशादी रणसिंहे (13) को आउट कर अपना दूसरा व आखिरी विकेट लिया और श्रीलंका ने 11.5 ओवर में आठ विकेट 32 रन पर खो दिए थे। स्नेह राणा ने सुगंधिका कुमारी (6) को बोल्ड कर अपना दूसरा विकेट लिया और श्रीलंका ने नौवां विकेट 16वें ओवर में 43 रन पर खो दिया था।

‘हमारी इस खिताबी जीत का श्रेय हमारी गेंदबाजों को’
‘हमारी इस खिताबी जीत का श्रेय हमारी गेंदबाजों को है। हमारे लिए हर गेंद अहम थी। हमारी टीम की फाइनल में जीत में सभी ने योगदान किया। पिच को पढऩे कर जब देखा की गेंद घूम रही थी मुझे सही जगह सही क्षेत्ररक्षक तैनात करने की जरूरत थी। हमने स्कोरबोर्ड की ओर नहीं देखा। हमने अपनी योजना की मुताबिक काम किया।

-हरमनप्रीत कौर, भारत की कप्तान

‘मैंने अपनी बेसिक्स पर ज्यादा ध्यान दिया’
‘पिछले कई मैचों मैंने अचछी गेंदबाजी नहीं की। मैंने फाइनल से पहले कोच, कप्तान और सपोर्ट स्टाफ के साथ इस बाबत चर्चा कर अपनी गेंदबाजी पर काफी मेहनत की। बेशक पिच स्पिनरों के लिए ज्यादा मुफीद थी, लेकिन मैंने अपनी बेसिक्स पर ज्यादा ध्यान दिया।’
– रेणुका सिंह, मैच की सर्वश्रेष्ठï खिलाड़ी

‘ हमारी टीम ने पहले मैच से फाइनल तक बेहतरीन प्रदर्शन किया’
‘मैं बहुत खश हूं कि हमारी भारतीय महिला टीम ने पहले से फाइनल तक बेहतरीन प्रदर्शन किया। मैंने अपनी ताकत पर भरोसा किया। धीमी पिच थी और गेंद खासी घूम रही थी। मैंने इस टूर्नामेंट से पहले अपनी बल्लेबाजी पर काफी मेहनत की। मैंने अपनी बल्लेबाजी पर खासी मेहनत की थी। यह टूर्नामेंट जीतने का लाभ हमें बेशक अगले सीरीज में मिलेगा।
-दीप्ति शर्मा, टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठï खिलाड़ी(कुल 13 विकेट, कुल 94 रन)