भारत ने मलयेशिया को रोमांचक फाइनल में हरा चौथी बार एशियन चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी खिताब जीत इतिहास रचा

  • भारत ने खिताब जीत एशियाई खेलों से पहला इम्तिहान पास किया

सत्येन्द्र पाल सिंह

चेन्नै : ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह की अगुआई में मेजबान भारत ने आखिरी दो क्वॉर्टर में फिर अपनी लय पा ‘स्ट्रक्चर’ पर लौटते हुए मलयेशिया को सांस रोकने वाले पुरुष एशियन चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी के बेहद रोमांचक फाइनल में शनिवार को यहां 1-3 से पिछडऩे के बाद अंतत 4-3 से हरा कर चौथी बार खिताब जीत कर नया इतिहास रच दिया। भारत की मध्यपंक्ति में उपकप्तान और मध्यपंक्ति की रीढ़ हार्दिक सिंह और विवेक सागर प्रसाद ने तीसरे क्वॉर्टर में आगे सुखजीत सिंह,गुरजंट सिंह , अनुभवी आकाशदीप सिंह और मनदीप सिंह ने हमलों का ऐसा तांता बाधा उसका किला बिखर गया। भारत ने राउंड रॉबिन लीग मैच में मलयेशिया को 5-0 से हराया था। भारत की एशियन हॉकी चैंपियनशिप के चारों खिताबी जीत में गोलरक्षक पी आर श्रीजेश और पिछली बार मस्कट में 2018 में पाकिस्तान के साथ संयुक्त विजेता रही टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह तीन का हिस्सा रहे। भारत ने सबसे पहले 2011, 2016 और 2018 में यह खिताब जीता था। मलयेशिया की खिताब जीतने की साध एक बार फिर अधूरी रही।

भारत ने यहां मेयर राधाकृष्ण स्टेडियम मलयेशिया के खिलाफ जीत के साथ अपनी श्रेष्ठता बरकरार रखी। भारत के जुगराज सिंह, हरमनप्रीत सिंह , गुरजंट सिंह, और आकाशदीप सिंह एक एक गोल किया। वहीं मलयेशिया की ओर से अबु कमल अजराई, राजी रहीम और अमीनुद्दीन ने एक-एक गोल दागा। इस रोमांचक फाइनल में 1-3 से पिछडऩे के बाद तीसरा क्वॉर्टर खत्म होने से ठीक एक मिनटं पहले कप्तान हरमनप्रीत सिंह के पेनल्टी स्ट्रोक और फिर गुरजंट सिंह और आकाशदीप सिंह के गजब के एक एक मैदानी गोल से रोमांचक फाइनल जीत लिया। मस्कट में संयुक्त विजेता रही भारतीय टीम के 12 खिलाड़ी शनिवार को यहां मेयर राधाकृष्णन स्टेडियम में मलयेशिया के खिलाफ फाइनल जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। भारतीय टीम ने अपने नए उस्ताद क्रेग फुल्टन के मार्गदर्शन में ‘स्ट्रक्चर’ तीसरे क्वॉर्टर में वापस स्ट्रक्चर पर लौट खिताब जीत हांगजू(चीन) में अगले महीने होने एशियाई खेलों से पहले ‘पहला ‘इम्तिहान’ पास कर लिया।

भारत ने आक्रामक अंदाज में आगाज जरूर किया लेकिन मलयेशिया ने मजबूती से अपनी किलेबंदी की। भारत की मध्यपंक्ति में मनप्रीत और शमशेर की मजबूत घेरेबंदी दूसरे क्वॉर्टर में मलयेशिया उसके ‘स्ट्रक्चर’ को ही तोड़ती लगी। सेल्वम कार्ति को गलत ढंग से रोकने पर भारत को नौवें मिनट में पहले पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिकर जुगराज सिंह ने गोल कर 1-0से आगे कर दिया। अजुआन हसन के दाएं से गेंद को निकले उनसे गेंद को छीनने की कोशिश में अमित रोहिदास गिर पड़े और गेंद को अबु कमल अजराई ने संभाला और दूसरे प्रयास में गोलरक्षक कृष्ण बहादुर पाठक को छका गोल कर मलयेशिया को पहला क्वॉर्टर के ठीक पहले गोल कर एक-एक की बराबरी दिला दी। सेल्वम कार्ति ने भारत को लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर दिलाए लेकिन इन पर कप्तान हरमनप्रीत सिंह के ड्रैग फ्लिक को रोक उसे फिर भारत बढ़त लेने से रोक दिया। राजी रहीम ने दूसरा क्वॉर्टर शुरू होने के दूसरे मिनट में दूसरे पेनल्टी गोल कर मलयेशिया को 2-1 से आगे कर दिया। भारत ने धीमे धीमे पकड़ बनाने की कोशिश की लेकिन मलयेशिया ने सेल्वम कार्ति और विवेक सागर प्रसाद के डी के भीतर शॉट को गोलरक्षक हफीजुद्दीन ऑथमैन ने रोक कर बेकार कर दिया।

अमीनुद्दीन मुहम्मद ने चौथे पेनल्टी कॉर्नर पर गोल कर मलयेशिया को 3-1 से आगे कर दिया। सुखजीत सिंह और सेल्वम कार्ति ने मानों नींद से जाग गए। भारत सुखजीत की हॉकी खींचने पर तीसरा क्वॉर्टर खत्म होने से ठीक मिनट भर पहले मिले पेनल्टी स्ट्रोक कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने गोल में बदल कर स्कोर 2-3 कर दिया। अगले ही क्षण हार्दिक सिंह और कप्तान हरमनप्रीत सिंह गेंद को दाएं से लेते देते आगे बढ़े और गेंद डी के भीतर कार्ति सेल्वम ने संभाली और उनसे गेंद सुखजीत आगे बढ़ते गुरजंट सिंह ने संभाली और तेज वॉली जमा गोल कर भारत को तीसरा क्वॉर्टर खत्म होने से ठीक क्षण भर गोल कर तीन-तीन की अहम बराबरी क्या दिलाई की स्टेडियम दर्शकों की करतल ध्वनि से गूंज उठा। मनदीप सिंह बाएं से गेंद को लेकर डी में घुसे शॉट लगाने की जगह न देख गेंद डी के भीतर पहुंच आकाशदीप की ओर बढ़ाई और उन्होंने रिवर्स हट जमा गोल कर भारत को खेल खत्म होने से चार मिनट पहले गोल कर भारत को 4-3 से आगे कर दिया। आकाशदीप का यह गोल निर्णायक साबित हुआ।

आज ही दिन भारत ने जीता आजाद भारत में पहला ओलंपिक स्वण
बहुत कम लोगों को याद होगा कि आज यानी 12 अगस्त, 1948 के ही दिन आजादी के बाद भारत ने दादा किशन लाल की अगुआई में बलबीर सिंह सी. के दो गोल से करीब दो सौ बरस के बाद उसी ब्रिटेन को फाइनल में उसी का खेल समझे जाने वॉले हॉकी के फाइनल में 4-0 से हरा कर ब्रिटिश साम्राज्य की बेडिय़ों से आजाद होने के बाद पहली बार स्वर्ण पदक जीता।

एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में अंतिम स्थिति

1. भारत
2. मलयेशिया,
3.जापान
4.दक्षिण कोरिया
5. पाकिस्तान
6. चीन

जापान ने द. कोरिया को 5-3 से हरा तीसरा स्थान पाया: स्ट्राइकर रयोमा ओका , रयोसी काता, केंतारो फुकुदा ,शोता यमादा के बेहतरीन एक-एक मैदानी गोल तथा केन नागायोशी के पेनल्टी स्ट्रोक पर दागे गोल की बदौलत पिछली उपविजेता जापान ने शुरू से अपना दबदबा बनाए रखते हुए दक्षिण कोरिया को यहां पुरुष एशियन चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी में शनिवार को 5-3 से हरा कर तीसरा स्थान हासिल किया। कप्तान ड्रैग फ्लिकर जोंगहयुन के पेनल्टी कॉर्नर पर दो और चियोलियन पार्क के एक गोल की बदौलत पिछडऩे के बाद तीन बार बराबरी पाने के बावजूद पिछली चैंपियंन दक्षिण कोरिया की टीम यह मैच हार गई।