सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : कप्तान हरमनप्रीत सिंह के दूसरे क्वॉर्टर तथा सुखजीत सिंह व गुरजंट सिंह के तीसरे क्वॉर्टर के अंतिम चार मिनट में दागे एक-एक गोल की बदौलत भारत ने मौजूदा विश्व कप चैंपियन जर्मनी पर लंदन में एफआईएच प्रो हॉकी लीग 2023-24 के ब्रिटेन और आखिरी चरण के पहले मैच में शनिवार 3-0 से शानदार जीत दर्ज की।पहले क्वॉर्टर में दोनों ही टीमों के बीच जोरदार खेल देखने को मिला कोई भी टीम खाता खोलने में नाकाम रही। भारत की अग्रिम पंक्ति में सुखजीत सिंह और मनदीप ने गोल के कई अच्छे मौके जरूर बनाए लेकिन गोल नहीं कर वहीं गोलरक्षक पीआर श्रीजेेश ने जर्मनी के इस दौरान जर्मनी को मिले सभी पेनल्टी कॉर्नर को बेहतरीन पूर्वानुमान लगा रोक कर बेकार कर दिया। अनुभवी श्रीजेश द्वारा कभी अर्जेंटीना के गोल करने के तुरुप के इक्के रहे पर पिछली विश्व कप से जर्मनी के लिए खेल रहे ड्रैग फ्लिकर गोंजालो पिलात के पेनल्टी कॉर्नर पर तेज फ्लिक को दाएं हाथ से रोक भारत को पहले क्वॉर्टर में पिछड़ने से बचाया।
दुनिया के बेहतरीन ड्रैग फ्लिकर कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने लंदन के ली वैली स्टेडियम में दूसरे क्वॉर्टर के पहले ही मिनट में जर्मनी ने पेनल्टी कॉर्नर पर जर्मनी के गोलरक्षक अलेक्जेंडर स्टैडलर के बाएं से गेंद को फ्लिक कर गोल में भारत का खाता खोला। इसके बाद जर्मनी की कोशिश गेंद को अपने कब्जे में रखने की रही और खेल की रफ्तार कुछ धीमी पड़ गई। गोंजालो पिलात के एक और पेनल्टी कॉर्नर को भारत के गोलरक्षक श्रीजेश ने रोक जर्मनी को एक-एक की बराबरी पाने से रोक दिया। भारत ने हाफ टाइम तक 1-0 की बढ़त बरकरार रखी।
भारत के लिए तीसरा क्वॉर्टर अपनी बढ़त को बढ़ा अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए बेहद अहम था। भारत की अग्रिम पंक्ति के खिलाड़ियों ने तीसरे क्वॉर्टर में शुरू से गेंद को अपने कब्जे में रखने के साथ अपने तेज हमलों से जर्मनी के गोल पर बराबर दबाव बनाया। सुखजीत सिंह ने तीसरा क्वॉर्टर खत्म होने से चार मिनट पहले अभिषेक द्वारा बाएं से मिले पास पर गेंद संभाली और जर्मनी के गोलरक्षक स्टैडलर को छका गोल कर भारत को 2-0 से आगे कर दिया, गोल कर भारत की बढ़त 2-0 कर दी। तीन मिनट बाद गुरजंट सिंह ने जर्मनप्रीत के बेहतरीन पास खूबसूरत मैदानी गोल कर भारत को 3-0 से आगे कर मैच पर उसकी मजबूत पकड़ बना दी। जर्मनी ने चौथे और आखिरी क्वॉर्टर में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए लेकिन गोल उतारने में नाकाम रही क्योंकि भारत की रक्षापंक्ति ने बेहद मुस्तैदी से अपने किले की चौकसी की।