भारत ने सोचा नहीं था कि जापान से स्थान निर्धारण मैच खेलने फिर बिरसामुंडा स्टेडियम आना पड़ेगा

  • भारत का पलड़ा रहा भारी, पर पिछले दो मैचों में जापान ने दी कड़ी टक्कर
  • भारत के कोच रीड व कप्तान हरमनप्रीत को देंगे होंगे कई सवालों के जवाब

सत्येन्द्र पाल सिंह

हरमनप्रीत सिंह की अगुआई वाली भारतीय टीम और उसके समर्थकों ने यह तो सपने में भी नहीं सोचा था कि उसे जापान से बृहस्पतिवार को राउरकेला के खूबसूरत बिरसामुंडा स्टेडियम में मौजूदा हॉकी विश्व कप में स्थान निर्धारण मैच (नौंवे से 16) के लिए खेलने वापस आना पड़ेगा। बदकिस्मती से ऐसा हुआ। 1975 के चैंपियन भारत ने अपना अभियान स्पेन के खिलाफ 2-0 की जीत से आगाज के बाद इंग्लैंड से मैच गोलरहित ड्रॉ खेला। भारत कलिंगा स्टेडियम, भुवनेश्वर में वेल्स को आखिरी मैच में 4-2 से हरा पूल डी में में दूसरे स्थान पर रहने के बाद न्यूजीलैंड से क्रॉसओवर में 3-1 की बढ़त गंवा 3-3 से बराबरी के बाद शूटआउट मे भी 3-3 के बाद सडन डेथ में 1-2 से क्वॉर्टर फाइनल और पदक की होड़ से बाहर हो गया। जापान तीनों मैच हार पूल बी चौथे और अंतिम स्थान पर रहा। इस हार से उसका 48 बरस बाद पदक जीतने का सपना फिर टूट गया। भारत अब यदि बृहस्पतिवार को जापान से राउरकेला में जीतता है फिर नौवें से 12 वें स्थान के लिए खेलेगा। भारत, फ्रांस, अर्जेंटीना और मलयेशिया क्रॉसओवर में हार क्वॉर्टर फाइनल में पहुंचने से चूक गए थे। चौथी बार विश्व कप में शिरकत करने वाली जापान का सर्वश्रेष्ठï प्रदर्शन दो बार इसमें स्थान हासिल करना है। दोनों टीमों के बीच 2013 के बाद से हुए 26 मुकाबलों में भारत 23 बार जीता और तीन बार उसने जापान से ड्रॉ खेला है और मात्र तीन बार हारा। जापान ने बीते बरस एशिया कप में भारत से दो मैचों हारने के बावजूद उसे कड़ी टक्कर दी। भारत को एशिया कप में जापान के लिए सबसे ज्यादा छह गोल करने वाले कोजी यामासाकी से चौकस रहना होगा।

भारत के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और चीफ कोच ग्राहम रीड को अब जापान के खिलाफ बृहस्पतिवार को राउरकेला में हॉकी विश्व कप में बाकी अपने दो मैच जीतने सहित आगे के बड़े हॉकी टूर्नामेंट और उनकी तैयारियां को लेकर कई मुश्किल सवालों के जवाब देने होगे। हरमनप्रीत जब गोल नहीं कर पा रहे तो उन्हें कप्तानी छोड़ किसी और को यह विश्व कप के बीच यह जिम्मेदारी दे देनी चाहिए थी। रीड चाहे जो कहे इस बात के लिए कोई बहाना नहीं है कि भारतीय टीम नाजुक मौकों पर पेनल्टी कॉर्नर के साथ मैदानी गोल करने ये चूकी जबकि वेल्स और यहां तक न्यूजीलैंड जैसी टीमों इनका लाभ उठा गोल किए। क्रिकेट को अक्सर हॉकी के मुकाबले ज्यादा तवज्जो की चर्चा बराबर होती है। अब मौजूदा टीम प्रबंधन कह रहा हैपदक की आस में उस पर ऐसा जेहनी दबाव डाला गया कि यहां भारतीय टीम ही दबाव में बिखर गई। क्रिकेट इसीलिए भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है चूंकि टीम इंडिया आईसीसी के अलग-अलग फॉर्मेट के यानी टी-20 और वन डे विश्व कपों के सेमीफाइनल में कमोबेश बराबर पहुंचती ही है। खैर इसे एकबारगी छोड़ फिर मौजूदा हॉकी विश्व कप में लौटते हैं। भारत का तीन पूल और एक क्रॉसओवर सहित हॉकी विश्व कप में अब तक चार में से महज दो जीतना, एक ड्रॉ और एक हारना चीफ कोच ग्राहम रीड की रणनीति पर सवाल उठाता है। भारत के चार मैचों में कुल दागे नौ गोल में चार गोल -आकाशदीप सिंह(2) और ललित उपाध्याय(1),हार्दिक सिंह (1) मैदानी गोल थे जबकि पेनल्टी कॉर्नर पर बाकी पांच में से तीन -अमित रोहिदास(1), शमशेर सिंह (1)और सुखजीत सिंह (1) ने रिबाउंड पर किए जबकि सीधे हरमनप्रीत सिंह और वरुण कुमार ने एक-एक गोल किया। भारत ने चार गोल खाए, वहीं जापान की टीम पूल बी में अपने तीनों मैच हार कुल नौ गोल खाए और उसकी ओर से मात्र दो गोल -शोता यामादा ने पेनल्टी कॉर्नर) और केन नागायोशी ने मैदानी गोल किया।
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26 जनवरी : बिरसामुंडा स्टेडियम, राउरकेला, स्थान निर्धारण मैच(नौवें से 16 स्थान)
द. अफ्रीका वि. मलयेशिया, सुबह 11।30 बजे से।
वेल्स वि. फ्रांस, दोपहर दो बजे से।
अर्जेंटीना वि. चिली, शाम साढ़े 4 बजे से।
भारत वि. जापान, शाम सात बजे से