
भारत के स्ट्राइकर मनदीप, सुखजीत व अभिषेक की शुरू से हमले बोलने कारगर रहे
सत्येन्द्र पाल सिंह
राजगीर(बिहार) : स्ट्राइकर मनदीप सिंह, सुखजीत सिंह और अभिषेक के आक्रामक सेंटर हाफ राज कुमार पाल और हार्दिक सिंह से मिले पासों पर भारत की पहले ही शुरू से हमले बोलने की रणनीति कारगर रही। कप्तान ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत के पेनल्टी कॉर्नर दागे दो गोल और मनदीप सिंह एक गोल की बदौलत दुनिया की सातवें और एशिया की नंबर एक टीम भारत ने 18 वें नंबर की टीम जापान को तेज उमस के बीच खेले गए मैच में रविवार को कड़े संघर्ष के बाद 3-2से हरा पूल ए में लगातार दूसरी जीत के साथ 12 वें पुरुष हॉकी एशिया कप में सुपर 4 में स्थान पाने के पहले लक्ष्य को हासिल कर लिया। अभिषेक और मनदीप सिंह के निशान डी के भीतर और सटीक रहे होते तो भारत की जीत का अंतर कहीं ज्यादा होता लेकिन जापान के गोलरक्षक तकशी योशीकावा ने वाकई कई बेहतरीन बचाव किया। जापान के लिए दोनों गोल उसके स्ट्राइकर कोसई कवाबे ने तीसरे क्वॉर्टर के तीसरे और चौथे क्वॉर्टर के अंतिम पूर्व मिनट में दागे।
भारत के तेज आगाज के बाद शुरू के पांच मिनट में पहले मनदीप और कप्तान हरमनप्रीत सिंह के पेनल्टी कॉर्नर पर दागे गोल की बढ़त ने जापान को गोल के लिए जवाबी हमलों का इंतजार करने के पूरी ताकत गोल करने पर लगाने को मजबूर दिया। भारत को मैच में जो छह पेनल्टी कॉर्नर मिले उसमें से उसके कप्तान ड्रैग फ्लिकर ने दो गोल में बदला जबकि जापान को नौ पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन वह एक को भी गोल में नहीं बदल पाया। भारत और जापान का मैच पर गेंद का कब्जा 50-50 फीसदी का रहा और इससे ही अंदाज लगाया जा सकता है कि मैच वाकई खासा संघर्षपूर्ण रहा।
मनदीप सिंह बाएं से गेंद को लेकर डी में घुसे और आगे बढ़ आए जापान के गोलरक्षक तकशी योशीकावा को छका गोल कर तीसरे मिनट मे खूबसरत मैदानी गोल कर भारत को 1-0 कर दिया। भारत को इसके तुरत बाद एक के बाद एक लगातार चार पेनल्टी कॉर्नर मिले और चौथे पर कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने गोल कर भारत को शुरू के पांच मिनट में ही 2-0 से आगे कर दिया। जापान को पहला क्वॉर्टर खत्म होने से दो मिनट पहले लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले पहले को अपना 150 वां अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल रहे गोलरक्षक कृष्ण बहादुर पाठक ने रोक बेकार दूसरे पर गेंद ही नहीं रुकी। भारत ने शुरू के पांच मिनट में ही दो गोल कर जवाबी हमले पर यकीन करने की रणनीति छोड़ कर अपना किला छोड़ बाहर आने को मजबूर कर दिया। भारत ने पहला क्वॉर्टर खत्म होने तक 2-0 की बढ़त ले ली थी।
जापान को दूसरे क्वॉर्टेर के शुरू में एक के बाद एक लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले चौथे पर भारत के गोलरक्षक सूरज करेकरा ने केन नागायोशी के फ्लिक को रोका इसके बाद विवेक सागर प्रसाद ने फ्लिकर पुश लेते इससे पहले ही गोता लगा गेंद को अपने गोल से बाहर कर दिया। भारत को दूसरा क्वॉर्टर खत्म होने से चार मिनट मिले पांचवें पेनल्टी कॉर्नर रिबाउंड पर मनप्रीत सिंह का निशाना गलत रहा और भारत के हाथ आया बढ़त बढ़ाने का मौका फिसल गया। दूसरा क्वॉर्टर खत्म होने से एक मिनट दिलप्रीत डी के भीतर अपने सामने खडले जापानी गोलरक्षक तक्शी योशीकावा को छकाने से चूक गए।
भारत ने तीसरे क्वॉर्टर मे भी आक्रामक रुख जारी रखा और मनदीप सिह के शॉट को जापानी गोलरक्षक तक्शी योशीकावा द्वारा रोकने पर लौटती गेंद को अभिषेक गोल में डालने से चूके और अगले ही मिनट राज कुमार द्वारा डी के भीतर मिली पर डी में पहुंचे कप्तान हरमनप्रीत सिंह का निशाना बहुत करीब से चूक गया। जापान को बराबर दबाव बनाए रखने का इनाम मिला और कोसाई कवाबी ने तीसरे क्वॉर्टर के आठवें मिनट में डी के भीतर मिली गेंद पर रिवर्स हिट जमा गोल कर स्कोर 1-2 कर दिया। हार्दिक से मिली गेंद पर खुद डी में पहुंच कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने भारत को मैच का छठा पेनल्टी कॉर्नर दिलाया और तीसरा क्वॉर्टर खत्म होने से ठीक पहले खुद सपाट तेज फ्लिक से मैच का अपना लगातार दूसरा गोल कर भारत को 3-1से आगे कर दिया। जापान के सेरेन तनाका ने चौथे क्वॉर्टर के तीसरे मिनट में पेनल्टी कॉर्नर रिवर्स हिट जमाई लेकिन गोलरक्षक सूरज करकेरा ने अच्छा पूर्वानुमान लगा रोक भारत के गोल ापर आया खतरा टाल दिया। अभिषेक ने खेल खत्म होने से छह मिनट पहले डी के भीतर तेज शॉट जमाया लेकिन जापानी गोलरक्षक तक्शी योशीकावा ने गेंद को रोक अपनी टीम को एक और गोल खाने से बचाया। राजुकमार पाल के पास डी के ठीक उपर से गेंद गोलस्तंभ के बाहर मार गोल करने का मौका गंवा दिया। जापान को अगले दो मिनट मे लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर ये पाठक ने बचाए। अगले ही मिनट दाएं से जापान केकोसाई कवाबी ने एक बार फिर रिवर्स हिट से मैच का अपना दूसरा गोल कर स्कोर 2-3 कर दिया।
सुपर 4 में पहुंचना हमारे लिए टूर्नामेंट का पहला इनाम : फुल्टनल
भारत के चीफ कोच क्रेग फुल्टन ने अपनी टीम की एक और संघर्षर्पूण जीत के बाद कहा, ‘हमने एक और संघर्षपूर्ण जीत के साथ ही सुपर 4 मे पहुंचने के पहले मकसद हासिल कर लिया। सुपर चार में पहुंचना ही हमारे लिए इस टूर्नामेंट का पहला इनाम है। शुरू के दो हाफ अच्छे रहे और हमारे स्ट्राइकर बहुत करीब से गोल करने से चूके और हमारी बढ़त 3-0 की होनी चाहिए। जापान ने अपने किले की अच्छी चौकसी की। हमारी कोशिश ज्यादा से ज्यादा गोल करने की होती है। अच्छी बात है कि हम एफआईएच प्रो लीग के पांच मैच एक गोल से हारने के सिलसिले को पलट कर दोनों मैच में एक गोल के अंतर से जीत हासिल की। उमस का खिलाड़ियों के खेल पर असर पड़ा। हमारे स्ट्राइकर को आगे आगे वाले मैचों में अपनी फिनिशिंग बेहतर करने की जरूरत है। जापान के खिलाड़ियों ने रविवार को हमारे खिलाड़ियों की मैन टू मैच मार्किंग की कोशिश की और इसमें वे बहुत हद तक कामयाब भी रहे। हमारे लिए अच्छी बात यह भी हम अपना स्ट्रक्चर बरकरार रख कर खेलने में कामयाब रहे। मेरे लिए सबसे अहम है कि टीम स्ट्रक्चर के मुताबिक खेले। हम अपने अब सोमवार को कजाकिस्तान के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा गोल करने की कोशिश की बजाय अपने स्ट्रक्चर पर काबिज रह कर खेलने की होगी।‘
हमारे स्ट्राइकरों को गोल के मौकों को पूरी तरह भुनाने की जरूरत : मनप्रीत
भारत के सेंटर हाफ मनप्रीत सिंह ने कहा,‘जापान की टीम खासी मजबूत टीम है और हमें उसके खिलाफ कड़े संघर्ष के बाद जीत मिली। हमारे स्ट्राइकरों को गोल के मौकों को पूरी तरह भुनाने की जरूरत है। अब हम सुपर 4 में पहुंच चुके हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सोमवार को चीन और जापान के मैच का नतीजा क्या रहता है और इनमें से हमारे पूल ए से हमारे बाद सुपर 4 में स्थान बनाने वाली दूसरी टीम कौन सी होगी। हमें जापान के खिलाफ और गोल करने चाहिए थे। हमने उन्हें कुछ ज्यादा पेनल्टी कॉर्नर दे दिए और इससे हमें अपने अगले सुपर 4 मैचों में बचना होगा । साथ ही हमें पूल बी में मलयेशिया और दक्षिण कोरिया की टीमों पर निगाह होगी क्योंकि इस पूल से यही दोनों टीमें सुपर 4 में पहुंचने की दावेदार है। हमें अभी से मलयेशिया और दक्षिण कोरिया के खिलाफ सुपर 4 मैचों के लिए रणनीति बनानी होगी और हम इन दोनों के खिलाफ अलग रणनीति से खेलेगे। हम चाहे सोमवार को कजाकिस्तान के खिलाफ अपने अंतिम पूल में खेलेंगे लेकिन मैं इस मैच को जरा भी हल्के में नहीं लूंगा।’
यू की हैट्रिक से चीन की पहली जीत: युआनलिन यू की हैट्रिक, बेनहई चेन, जियाओलोंग गुआओ व चांगलियांग लिन, शियाहू दो तथा के दो दो तथा जिशिंग गाओ व किजुन चेन के एक एक गोल की बदौलत चीन ने कमजोर कजाकिस्तान को एक गोल से पिछड़ने के बाद 13-1 से हरा कर पूल ए में पहली जीत दर्ज की। पराजित कजाकिस्तान के लिए अगेस्ती दुईसेंगजी ने इकलौता गोल किशया।