सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : अनुभवी ललित उपाध्याय के साथ नौजवान स्ट्राइकर अभिषेक और सुखजीत सिंह की अग्रिम पंक्ति में बेहतरीन जुगलबंदी की बदौलत ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारत ने जर्मनी को भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में शुक्रवार को एफआईएच पुरुष हॉकी प्रो लीग में 3-1 से हरा दो दिन के भीतर उसके खिलाफ लगातार दूसरी जीत दर्ज की। भारत की टीम 12 मैचों से 24 अंकों के साथ तालिका में शीर्ष पर है। हरमनप्रीत सिंह के दो अभिषेक के एक गोल से भारत ने जर्मनी को पहले मैच में बृहस्पतिवार को 3-0 से हराया था।
भारत की मध्यपंक्ति में मैन ऑफ द मैच नीलकांत शर्मा, विवेक सागर प्रसाद, हार्दिक सिंह के साथ अनुभवी मनप्रीत सिंह ने परस्पर स्थान बदल कर खेल और गेंद को अपने नौजवान साथी स्ट्राइकर अभिषेक, सुखजीत, शिलानंद लाकरा के बढ़ाया। विजेता भारत की ओर से सुखजीत सिंह, अभिषेक और नौजवान ड्रैग फ्लिकर वरुण कुमार ने पेनल्टी कॉर्नर पर एक एक बेहतरीन गोल किया। पराजित जर्मनी की ओर से एकमात्र गोल एंटन बोकल ने दागा।
भारत ने बेशक जर्मनी की नौजवान टीम के खिलाफ आसान जीत दर्ज की लेकिन उसे खासतौर पर डी के भीतर मैन टू मार्किंग के चक्रव्यूह को बराबर तोडऩे के लिए ज्यादा सूझबूझ के साथ अपनी निशानेबाजी और बेहतर करने की जरूरत है। भारत के स्ट्राइकर और मिडफील्डर जिस तरह गेंद को लेकर जर्मनी की डी में बराबर पहुंचे उससे उसे शुक्रवार का मैच कम सो कम आधा दर्जन गोल से जीतना चाहिए था।
भारत ने जर्मनी के खिलाफ शुक्रवार के मैच में भी बृहस्पतिवार की कहानी दोहराते बराबर उसके गोल पर हमलों का तांता बांधा। पहले क्वॉर्टर में बराबर दबदबा बनाए रखने ेक बावजूद भारत को गोल करने में कामयाबी नहीं मिली। अनुभवी ललित उपाध्याश के बेहतरीन पास पर नीलकांत शर्मा दूसरे क्वॉर्टर के चौथे मिनट में बाएं से डी में पहुंचे और आगे बढ़ आए गोलरक्षक ज्यां डैनीबर्ग को आगे बढ़ आया देख गेंद सुखजीत की ओर बढ़ाई। सुखजीत ने चतुराई से गेंद को संभाल गोल में डालकर भारत का खाता खोला। वरुण कुमार ने तीसरा क्वॉर्टर खत्म होने से चार मिनट पहले तीसरे पेनल्टी कॉर्नर गोलरक्षक डैनीबर्ग के बाएं तेज ड्रैग फ्लिक से गोल कर भारत को 2-0 से आगे कर दिया। चार मिनट बाद जर्मनी के हानेज मुलर ने भारत के गोलरक्षक पीआर श्रीजेश को आगे निकला गेंद डी के भीतर एंटल बोकल की ओर सरकाई और उन्होंने तेज जमीनी फ्लिक से गोल कर स्कोर 1-2 कर उसकी मैच में वापसी की उम्मीद जगाई। जर्मनी को इसके बाद लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन भारत के कप्तान रशर अमित रोहिदास और गोलरक्षक कृष्ण पाठक ने बेहतरीन बचाव कर उसे बराबरी पाने से रोक दिया। ललित उपाध्याय और हार्दिक के प्रयास पर गेंद को अभिषेक ने ठीक डी के उपर संभाल और जर्मनी और मुश्किल कोण से अचूक वॉली लगाकर गोल कर भारत को 3-1 से आगे कर मैच जर्मनी की पहुंच से बाहर कर दिया।
मैच के बाद मैन आफ द मैच भारत के नीलकांत शर्मा ने कहा, ‘हम जर्मनी जैसी मजबूत टीम को दो दिन के भीतर दूसरी बार हराकर बेहद खुश है। मेरा मानना है कि हमें आगे मैचों में अपनी निशानेबाजी और बेहतर करनी होगी। हम जितने मौके भुनाएंगे उतना हमारे लिए बेहतर होगा।’
जर्मनी के कप्तान मार्टिन ज्वीकर ने कहा,’हमारी नौजवान टीम ने अच्छी संघर्ष क्षमता दिखाई। जब हमने एक गोल उतारा तो तब वापसी की उम्मीद जगी। भारत ने आखिरी क्वार्टर में तीसरा गोल कर हमारी मैच में वापसी की उम्मीद पर पानी फेर दिया। सच तो यह है कि भारत जैसी मजबूत टीम के खिलाफ दो गोल की बढ़त को उतार कर बराबरी पाना खासा मुश्किल था।Ó