- भारत की उम्मीदें तेज गेंदबाज अर्शदीप,आवेश व मुकेश की त्रिमूर्ति पर
- भारत को ज्यादा सूझबूझ से चुननी होगी अपनी एकादश
- संजू की जगह सुंदर व रजत में किसी एक को चुनना भारत के लिए बेहतर
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : केएल राहुल की अगुआई में नौजवानों से सज्जित भारतीय टीम मेजबान दक्षिण अफ्रीका से पहला मैच आठ विकेट से जीत दूसरा मंगलवार को इसी अंतर से हारने के बाद अब उससे बोलैंड पार्क, पार्ल में बृहस्पतिवार को तीसरा और अंतिम वन डे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच जीत सीरीज जीतन के इरादे से उतरेगी। भारत ने मेजबान दक्षिण अफ्रीका से पिछले पांच में से चार वन डे अंतर्राष्ट्रीय मैच जीते है। साथ ही भारत के नजरिए एक हौसला बढ़ाने वाली बात यह है कि निर्णायक मुकाबलों में उसका प्रदर्शन कमोबेश बेहतर रहा है। वहीं दक्षिण अफ्रीका ज्यादारतर निर्णायक मुकाबले हारती रही है। भारत को जिताने का दारोमदार फिर उसके अर्शदीप सिंह, आवेश खान और मुकेश कुमार जैसे तेज गेंदबाजों की त्रिमूर्ति पर रहेगा। भारत उम्मीद करेगा कि तीसरे और निर्णायक वन डे में अर्शदीप, आवेश और मुकेश की त्रिमूर्ति दूसरे मैच में शतक जडऩे वाले टॉनी जॉर्जी दक्षिण अफ्रीका के शीर्ष क्रम को सस्ते में पैवेलियन की राह दिखाएगी
बाएं हाथ के नौजवान तेज गेंदबाज अर्शदीप ने पांच विकेट चटका भारत को सीरीज का पहला मैच जिताने के बाद दूसरे में भले ही एक विकेट लिया लेकिन अविजित शतक जडऩे वाले सलामी बल्लेबाज टॉनी जॉर्जी सहित मेजबान दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को आवेश खान और मुकेश कुमार जैसे साथी तेज गेंदबाजों के साथ मिलकर जीत के लिए खासा परेेशान किया। भारत की इस वनडे विश्व कप में उपविजेता रही टीम कें कप्तान केएल राहुल व कुलदीप यादव के रूप में मात्र दो खिलाड़ी ही मौजूदा सीरीज में खेली रहे हैं। वहीं दक्षिण अफ्रीका की वन डे विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचनी वाली टीम के आधा दर्जन से ज्यादा खिलाड़ी मौजूदा सीरीज में खेल रहे हैं। कप्तान एडन मरक्रम, हेनरिक क्लासेन और डेविड मिलर जैसे उसके विस्फोटक बल्लेबाजों को भारत के अर्शदीप सिंह, आवेश खान और मुकेश कुमार ने खुलकर खेलने नहीं दिया है। भारत की फील्डिंग कुछ बेहतर रही होती तो सई सुदर्शन और कप्तान केएल राहुल के अद्र्धशतकों के बावजूद मात्र 211 रन सिमटने पर भी वह मंगलवार को दूसरा वन डे जीत कर सीरीज अपने नाम कर सकता है। भारत ने 36 वें से 39 ओवर के बीच मात्र पांच रन में कप्तान केएल राहुल, रिंकू और कुलदीप यादव के विकेट न गंवाए तो निश्चित रूप से 250-260 रन के करीब पहुंचा होता तो निश्चित रूप से दक्षिण अफ्रीका के लिए दूसरा वन डे जीतना आसान नहीं होता। रिंकू सिह को बाएं हाथ के स्पिनर केशव महाराज की गेंद पर तीसरे अंपायर द्वारा विवादास्पद ढंग से स्टंप आउट दिया गया।
भारत के कप्तान केएल राहुल मौजूदा वन डे सीरीज के शुरू के दोनों मैच में टॉस हारे हैं और यदि बृहस्पतिवार को तीसरे और निर्णायक मैच में पार्ल में टॉस के वक्त सिक्का उनके हक में गिरा तो वह जरूर बेहतर स्थिति में होंगे। भारत के दूसरे वन डे में नियमित गेंदबाजों के साथ बतौर कामचलाउ स्पिनर तिलक वर्मा, सई सुदर्शन और वन डे अंतर्राष्ट्रीय करियर का आगाज करने वाले विस्फोटक बल्लेबाज रिंकू सहित आठ गेंदबाजों को आजमाया और रिंकू ने अपने पहले ही ओवर रॉसी वॉन डेर दुसों का विकेट भी चटकाया। भारत को तीन वन डे अंतर्राष्ट्रीय मैचों की सीरीज अब 2-1 से अपने नाम करनी है तो फिर उसे अपनी एकादश ज्यादा सूझबूझ से चुननी होगी। जब कप्तान केएल राहुल को सीरीज के पहले वन डे मैच की तरह बृहस्पतिवार को तीसरे व निर्णायक मैच में भी विकेटकीपिंग करनी ही चाहिए और इससे भारत नाकाम रहे संजू सैमसन की जगह ऑलराउंडर वाशिंगटन सुंदर अथवा रजत पाटीदार में किसी को एकादश में शामिल कर बेशक अपनी बल्लेबाजी मजबूत कर सकता है। दक्षिण अफ्रीका के लिए नवेदित तेज गेंदबाज नेंड्रै ने दूसरे मैच में ऑफ स्टंप और इससे जरा बाहर गेंदबाजी कर तीन विकेट चटकाए के साथ भारतीय बल्लेबाजों को रनों के लिए कुछ संघर्ष कराया। भारतीय बल्लेबाजों जरा ज्यादा धैर्य दिखाएंगे तो वे दक्षिण अफ्रीका के बर्जर, लिजर्ड विलियम्स, वियान मुल्डर, वियान मुल्डर जैसे तेज गेंदबाजों और उसके धुरंधर स्पिनर केशव महाराज और तबरेज शम्सी के खिलाफ बेहतर बल्लेबाजी कर उसे मजबूत स्कोर तक पहुंचा सकते हैं।
‘अब हमारा ध्यान तीसरे और निर्णायक मैच पर’
‘ मैं बृहस्पवितार को तीसरे और निर्णायक वन डे मैच में पार्ल में टॉस जीतना चाहूंगा। दूसरे वन डे में जो कुछ भी हुआ हम उसे वहीं मैदान पर छोड़ अपना ध्यान तीसरे और निर्णायक मुकाबले पर लगाएंगे।क्रिकेट में कुछ भी सही या गलत नहीं होता आप अपनी टीम को मंजिल तक पहुंचाने की कोशिश करते हैं। टीम में हर खिलाड़ी को जरूरत योजना को अमली जामा पहनाने की है। पिच में जब हमने दूसरे वन डे में बल्लेबाजी की तो गेदबाजों के लिए कुछ मदद थी । बावजूद इसके हममें कई क्रीज पर टिके भी हममें कई ज्यादा देर पिच पर टिके रहते और हम 50-60 रन और बना लेते तो तब कहानी मुमकिन है कुछ और होती। जब हम बल्लेबाजी कर रहे तो हमारा मानना था कि 240-250 रन का स्कोर भी अच्छा होगा। हमारे बल्लेबाज टिके रहते तो हम 240-250 तक पहुंच सकते थे लेकिन हमने नाजुक मौकों पर विकेट गंवाए। दरअसल हमें चौकस रह कर आक्रमण बोलने की जरूरत थी। हमारे गेंदबाजों को पिच से मंगलवार को शुरू के दस ओवर में कुछ मदद मिली और उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को कुछ छकाया भी। हमने यदि कैच लपके तो तस्वीर शायद कुछ और होती हालांकि हमारे गेंदबाजों को पिच से वैसी मदद नहीं मिली जैसी की दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों को मिली जब हम बल्लेबाजी कर रहे थे।
– केएल राहुल , भारत के कप्तान
‘टीम अब ज्यादा आत्मविश्वास से भरी है’
‘दूसरे वन डे मैं हम कुल मिलाकर बेहतर खेले खासतौर पर हमारी गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण बेहतर रहा। साथ ही हमारे सलामी बल्लेबाजों ने शतकीय भागीदारी की। पिच बल्लेबाजी के लिए मुश्किल थी। इस पिच पर यदि आप एकाग्र होकर बल्लेबाजी करे तो बड़ा स्कोर बना सकते थे। टॉनी जॉर्जी ने बेहतरीन पारी खेली और अंत तक इस तरह की पिच पर अविजित रहना वाकई खास था। मैं उम्मीद करता हूं कि जॉर्जी आगे भी ऐसी कई बेहतरीन पारियां खेलेगे। सीरीज के पहले वन डे में हमारा प्रदर्शन अच्छा नहीं था । दूसरे वन डे हमारा जोर मजबूत से लक्ष्य का पीछा करने पर था और हम इसमें कामयाब रहे। हमारी टीम अब ज्यादा आत्मविश्वास से भरी है।
-एडन मरक्रम, द. अफ्रीका के कप्तान