- मलयेशिया के खिलाफ भारत को चौकस रहना होगा
- भारत के स्ट्राइकरों को मैदानी गोल करने के साथ पेनल्टी कॉर्नर भी बनाने होंगे
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक में अपना कांस्य पदक बरकरार रखने के बाद अगली ओलंपिक साइकिल और खासतौर पर आईची , नगोया में 19 सितंबर से होने वाले 2026 में होने वाले एशियाई खेलों के लिए भारत के चीफ हॉकी कोच क्रेग फुल्टन का जोर टीम को मैदानी गोल करने में माहिर बनाने पर है। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता टीम के स्ट्राइकर सुखजीत सिंह तीन और अभिषेक के साथ नवोदित उत्तम सिंह ने चीन के मोंकी बेस में चल रही पुरुष एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी में भारत को शुरू के दो मैचों में दो -दो मैदानी गोल कर मेजबान चीन और जापान के खिलाफ जीत दिला कर शीर्ष पर पहुंचा दिया है। भारत के चीन में इस टूर्नामेंट में खेलने उतरने से पहले पेरिस ओलंपिक की तरह हर कोई उसकी ताकत उसके लिए वहां सबसे ज्यादा 12 गोल दागने वाले कप्तान ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह, ड्रैग फ्लिकर संजय के साथ रिजर्व खिलाड़ियों में शामिल रहे ड्रैग फ्लिकर जुगराज सिंह को मान रहा था। इसके ठीक उलट भारत ने शुरू के दो मैचों में अब तक एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में दागे कुल आठ में से सात मैदानी गोल किए हैं और पेनल्टी कॉर्नर पर उसके लिए अकेला गोल ड्रैग फ्लिकर संजय ने दागा है।
भारत के लिए मेजबान चीन के खिलाफ पहले मैच से अपने अंतर्राष्ट्रीय हॉकी करियर का आगाज करने वाले गुरजोत सिंह के साथ नवोदित उत्तम सिंह और अरिजित सिंह हुंदल ने बतौर स्ट्राइकर अपनी हॉकी कलाकारी और कौशल दिखा कर भविष्य के लिए बहुत उम्मीद जगाई है। मौजूदा और चार बार का चैंपियन भारत अब पिछले उपविजेता मलयेशिया को भी बुधवार को लीग मैच में हरा जीत की हैट्रिक के साथ सेमीफाइनल में स्थान बनाने के मकसद से उतरेगा। भारत ने मलयेशिया को पिछले संस्करण में चेन्नै में लीग मैच में 5-0 से हराने के बाद फाइनल में 4-3 से हराकर चौथी बार एशियन चैंपियंस ट्रॉफी खिताब जीत कर इतिहास रचा था। भारत की टीम अपनी 2024 में पेरिस ओलंपिक में कांसा जीतने वाली टीम के दस खिलाड़ियों के साथ इस टूर्नामेंट में खेलने आई है। गोलरक्षक पीआर श्रीजेश के लगातार चौथा ओलंपिक खेल भारत को स्पेन के खिलाफ 2-1 से जीत के साथ पेरिस ओलंपिक में कांसा जिताने के बाद अंतर्राष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कह दिया है। गोलरक्षक कृष्ण बहादुर पाठक, सूरज करकेरा, ड्रैग फ्लिकर जुगराज सिंह, स्ट्राइकर उत्तम सिंह, अरिजित हुंदल, गुरजोत सिंह के साथ नीलकांत शर्मा और मोहम्मद राहील मौसीन के रूप में अपनी दूसरी पंक्ति के जिन आठ खिलाड़ियों को चीन में चल रही इस एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के लिए के लिए अपनी टीम में शामिल किया है वे सभी अभी तक कसौटी पर उतरे हैं। बेशक भारत का मलयेशिया के खिलाफ पलड़ा भारी है। बावजूद इसके मलयेशिया की टीम मेजबान चीन से सोमवार को अपने दूसरे मैच में 2-4 से हारने के बाद जीत की राह पर लौटने पर बेताब होगी और ऐसे में भारत को उसके खिलाफ पूरी तरह चौकस रहना होगा। मलयेशिया ने अपने अभियान का आगाज पाकिस्तान के खिलाफ 0-2 से पिछड़ने के बाद आखिरी मिनटों में दो गोल कार दो की बराबरी से किया था। मलयेशिया ने भारत को हमेशा कड़ी टक्कर दी है। जवाबी हमले बोल गोल करने में यकीन करने वाली मलयेशिया के खिलाफ भी जीत के लिए भारत को शुरू के दो मैचों की तरह आक्रामक हॉकी खेलने होगी।
मलयेशिया की टीम इस बात से वाकिफ है कि भले ही मौजूदा टूर्नामेंट में भारत ने दो मैचों में आठ में से सात गोल मैदानी गोल किए हैं लेकिन उसकी ताकत पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिक से गोल करने में माहिर उसके कप्तान हरमनप्रीत सिंह , जुगराज सिंह, संजय के साथ अमित रोहिदास ड्रैग फ्लिकर हैं। ऐसे में भारत की अग्रिम पंक्ति में सुखजीत, अभिषेक, उत्तम , अरिजित हुंदल के साथ गुरजोत सिंह की कोशिश मलयेशिया के खिलाफ मैदानी गोल करने के साथ ज्यादा से ज्यादा पेनल्टी कॉर्नर बनाने की भी होनी चाहिए ,जिसका की कप्तान हरमन, जुगराज, संजय और रोहिदास जैा ड्रैग फ्लिकरों की चौकड़ी पूरा पूरा लाभ उठा भारत को जीत दिला सके। मलयेशिया के लिए शुरू के दो मैचों में दागे कुल चार गोल में से तीन -उसके अनुभवी ड्रैग फ्लिकर फैजल सारी और आइमैन रॉजमैन ने पेनल्टी कॉर्नर पर दागे जबकि उसके लिए अकेला मैदानी गोल अबुल कमल ने किया। भारत को खासतौर पर अपने चीन के खिलाफ मौजूदा संस्करण के आखिरी में दिए तीन पेनल्टी कॉर्नर से सबक लेकर कोशिश करनी होगी कि मलयेशिया को पेनल्टी कॉर्नर बनाने का मौका न देने की ही होगी।
ममैच का समय : भारत वि. मलयेशिया , दोपहर डेढ़ बजे से (भारतीय समयानुसार)।