भारत ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को दी नौ विकेट से शिकस्त
सत्येन्द्र पाल
नई दिल्ली : तृषा गोंगाडी (3/15 व अविजित 40 रन, 33 गेंद, 8 चौके ) के हरफनमौला खेल की बदौलत मौजूदा चैंपियन भारत ने दक्षिण अफ्रीका को आईसीसी अंडर 19 क्रिकेट विश्व कप के एकतरफा फाइनल में क्वालालंपुर में रविवार को नौ विकेट से हरा कर लगातार दूसरी बार खिताब जीत लिया। तृषा गेंद और बल्ले से बढ़िया प्रदर्शन कर फाइनल की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रही। तृषा एक शतक सहित कुल सबसे ज्यादा 309 रन बनाने के साथ सात विकेट चटका कर टूर्नामेंट की भी सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित की गई।
भारत की ऑफ स्पिनर तृषा (3/15), बाएं हाथ की स्पिनर परुणिका सिसोदिया (2/6), आयुषी शुक्ला(2/9), वैष्णवी शर्मा (2/23) की स्पिन चौकड़ी ने स्पिन का जाल बुन कर टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी दक्षिण अफ्रीका को मिके वान वूर्स्ट (23 रन,18 गेंद, 3 चौके) व फेओ काउलिंग (15 रन, 20 गेंद। एक छक्का) की छठे विकेट की 30 रन की भागीदारी के बावजूद 20 ओवर में मात्र 82 रन ढेर कर दिया।
जवाब में ओपनर गोगांडी तृषा अविजित की अपनी सलामी जोड़ीदार जी कमलिनी (8 रन, 13 गेंद, एक चौका) के साथ पहले विकेट की 36 और उपकप्तान सानिका चाल्के (अविजित 26 रन, 22 गेंद, 4 चौके) के साथ दूसरे विकेट की 48 रन की अटूट भागीदारी की बदौलत भारत ने मात्र 11.2 ओवर में एक विकेट खोकर 84 रन बनाकर मैच जीत लिया। ऑफ स्पिनर कयला रेंकी ने पारी के पांचवें ओवर की तीसरी गेंद पर कमलिनी को बड़े शॉट को ललचा कर लॉन्ग ऑन पर लॉरेंस के हाथों कैच करा उनकी और तृषा की 36 रन की भागीदारी को तोड़ा। तृषा ने शुरू की जो पांच गेंदें खेली उनमें शुरू की पांच गेंदों तीन चौके जड़े और उन्होंने पारी के चौथे ओवर में लेग स्पिनर नायडू के एक ओवर में तीन चौके जड़े। कमलिनी के रेंकी की गेंद पर आउट होने के बाद भारत की उपकप्तान सानिका चाल्के ने उतरते ही बढ़िया कवर ड्राइव जड़ कर चौका लगाया। तृषा को पारी के दसवें ओवर में 38 रन के निजी स्कोर पर जीवनदान मिला। सानिका ने चौका जड़ भारत को जीत दिला कर ही दम लिया
इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी के लिए उसकी ओपनर जेमा बोथा ने भारत की तेज गेंदबाज वीजे जोशिता के पहले ही ओवर में दो चौके जड़ तेज आगाज किया। भारत की बाएं हाथ की स्पिनर परुणिका सिसोदिया ने अपने पहले और पारी के दूसरे ही ओवर में साइमन लॉरेंस (0) को तेज स्पिन पर बाल्ड कर दक्षिण अफ्रीका को पहला झटका दिया। जोशिता की गेद पर दक्षिण अफ्रीका के लिए टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली बोथा ने चौका जमाया। तेज गेंदबाज शबनम शकील ने पारी के चौथे ओवर में गेंद संभालते ही बोथा को विकेटकीपर कमलिनी के हाथों कैच करा पैवेलियन लौटाया। इसके तुरंत बाद भारत की बाएं हाथ की स्पिनर आयुषी शुक्ला ने अगले ओवर में डियारा रामलखन (3) को सीधी गेंद पर बोल्ड कर दिया और दक्षिण अफ्रीका की टीम तीन विकेट 29 रन पर गंवा कर संकट में फंस गई। बीच के ओवर में भारत की स्पिनरों ने स्पिन का जाल बुन कर दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को रनों के लिए तरसा दिया और इस दौरान दक्षिण अफ्रीका ने दो विकेट और खोए। तृषा ने रंकी (7) को आयुषी शुक्ला ने कारबो मेसो को बोल्ड किया। मीक वान वूरस्ट ने 56 गेंदों बाद दक्षिण अफ्रीका के लिए पहला चौका जड़ा। तृषा ने पारी के 18 वें ओवर में मीक सेशनी नायडू को आउट कर पैवेलियन लौटाया। फेर कॉलिंग ने भारत की बाएं हाथ की स्पिनर वैष्णवी की गेंद पर दक्षिण अफ्रीका के लिए पारी का इकलौता छक्का जड़ा लेकिन उन्होंने कॉलिग और मोनालिसा लिगोडी को स्वीप के लिए ललचा कर एक ही ओवर में आउट किया। सिसोदिया ने एशले वान विक को पारी की 20 वें और अंतिम ओवर की आखिरी गेंद पर आउट कर दक्षिण अफ्रीका की पारी समेट दी। दक्षिण अफ्रीका की टीम अपने पांच विकेट 14 रन के भीतर गंवा कर 82 रन पर ढेर हो गई। भारत की फील्डिंग बेहद चुस्त रही।
हमारे लिए यह खिताब जीतना खास क्षण है : निकी प्रसाद
भारत की कप्तान निकी प्रसाद ने अपनी टीम के लगातार दूसरी बार आईसीसी अंडर महिला क्रिकेट खिताब जीतने पर कहा, ‘ हम सभी ने शांत रह अपने पांव जमीन पर रखे और अपने काम को अमली जामा पहनाया। हम सभी मैदान पर उतर कर यह बताना चाहती थी कि हम क्या कर सकती हैं। मैं बीसीसीआई का सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं मुहैया कराने के लिए आभार जताती हूं। हमारे लिए यह खिताब जीतना खास क्षण है। मैंने टूर्नामेंट शुरू होने से पहले यह कहा कि हम यहां हावी रह कर यह पक्का करने आए हैं कि भारत शीर्ष पर रहे। दक्षिण अफ्रीकी टीम वाकई बहुत बढ़िया खेल रहे हैं। हम दक्षिण अफ्रीकी टीम के खिलाफ लंबे समय से खेल रहे हैं और उन्होंने वाकई बहुत बड़ा जज्बा दिखाया और उनके खिलाफ खेलने उतरना वाकई अच्छा रहा।’
फाइनल में मैन ऑफ द’ मैच का अवॉर्ड बेहद खास : तृषा
तृषा ने नीतू डेविड से टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का अवॉर्ड लेते हुए कहा, ‘मैं यह अवॉर्ड यहा मौजूद अपने पिता को समर्पित करना चाहूंगी। मैंने हमेशा खुद को ऑलराउंडर माना। मेरा लक्ष्य भारत के लिए खेल ज्यादा से ज्यादा मैच उसे ज्यादा मैच जीतना है। मेरे लिए फाइनल में मैन ऑफ द’ मैच का अवॉर्ड बेहद खास है और मैं इतनी खुश हूं कि बयां नहीं कर पा रही हूं। हर किसी का समर्थन के लिए आभार। मेरी योजना हमेशा अपनी ताकत पर काबिज रहने की थी और फाइनल में भी मैंने यही किया। में हमेशा मिताली दी का आभार जताती हूं।’
ट्रॉफी न जीत पान का मलाल रहेगा: रेंकी
दक्षिण अफ्रीका की कप्तान कयाला रेंकी ने कहा, ‘टीम में हम सभी के बेहद भावुक क्षण है। हमने इस क्षण के लिए बहुत मेहनत की थी। हमें इस बात का मलाल जरूर रहेगा कि हम ट्रॉफी नहीं जीत पाए। पहली बार अंडर 19 महिला क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में पहुंचना वाकई गौरवपूर्ण क्षण है और यह बेहद खास है। क्रिकेट एक टीम खेल है और टीम प्रबंधन में सभी के सहयोग के बिना फाइनल में पहुंचना मुमकिन नहीं था।बहुत खुश है कि हम फाइनल में पहुंचे। फाइनल में पहुंचना हमारे लिए 2027 में और मजबूत होकर इसमें उतरने की प्रेरणा होगी। मां, पिता मुझे क्षमा करना मैं ट्रॉफी के साथ घर नहीं आ रही लेकिन मुझे मेरा पदक मिल गया।’