- भारत के ओलंपिक पदक का रंग चमकदार की जिम्मेदारी ’ दीवार‘ श्रीजेश व मनप्रीत पर
- जर्मनी के खिलाफ जीत के लिए भारत को आखिरी क्षण तक चौकस रहना होगा
- रोहिदास को बाहर किए जाने पर ’रशर‘ का रोल मनप्रीत निभाएंगे
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : खुद बतौर ड्रैग फ्लिकर और कप्तान अनुकरणीय प्रदर्शन करने वाले वाले हरमनप्रीत सिंह की अगुआई में मन को हर लेने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ब्रिटेन के खिलाफ 2020 के टोक्यो ओलंपिक के अपने प्रदर्शन से बेहतर प्रदर्शन कर आखिरी करीब तीन क्वॉर्टर दस खिलाड़ियों से खेलते हुए रविवार को पेरिस ओलंपिक क्वॉर्टर फाइनल में निर्धारित समय में एक -एक की बराबरी के बाद ’दीवार‘ गोलरक्षक श्रीजेश की मुस्तैदी से पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से जीत लगातार दूसरी बार सेमीफाइनल में स्थान बना दुनिया भर के हॉकी पंडितों और अपने आलोचकों को गलत साबित कर दिया। भारत और दुनिया के बेहतरीन रशर और पेनल्टी कॉर्नर पर गोल बचाने के साथ खुद गोल करने की कूवत रखने वाले अमित रोहिदास को जिस तरह बेवजह रेड कार्ड दिखा ब्रिटेन के खिलाफ क्वॉर्टर फाइनल में 17 वें मिनट में मैच से बाहर करने के साथ जर्मनी के खिलाफ मंगलवार को उसके सेमीफाइनल के लिए भी बाहर किया गया उससे बेशक ओलंपिक जैसे खेलों के सबसे मंच पर हॉकी जैसे खेल में अंपायरिंग के स्तर पर सवाल उठाए जाने जरूरी भी हैं। चार बार ओलंपिक में शिरकत करने वाले देश और दुनिया के चुनिंदा हॉकी खिलाड़ी रहे हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने ओलंपिक जैसे मंच पर और बेहतर अंपायरिंग की बात कह अपनी नाखुशी जताई है। दिलीप टिर्की ने साफ साफ कहा है कि अमित रोहिदास की मंशा ब्रिटेन के खिलाड़ी विल कैलनन को चोट पहुंचाने की कतई नहीं थी और एफआईएच को इस बात को भी जेहन में रखना चाहिए था। भारत ने जर्मनी के खिलाफ हाल में छह अभ्यास मैचों में छह जीते।
हॉकी में एफआईएच के नियमों का हवाला देकर एफआईएच अमित रोहिदास को क्वॉर्टर फाइनल में लाल दिखा बाहर करने के साथ मौजूदा विश्व कप चैंपियन जर्मनी के खिलाफ मंगलवार को खेले जाने वाले ओलंपिक सेमीफाइनल से बाहर रखने को वाजिब बता रही है। आठ बार का ओलंपिक चैंपियन भारत अब 44 बरस के बाद फिर स्वर्ण पदक जीतने से बस दो कदम दूर है। बेशक हरमनप्रीत सिंह की अगुआई में भारत अमित रोहिदास को जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल के लिए भी बाहर किए जाने को ’दुर्घटना‘ मान कर अपना सर्वश्रेष्ठ देने उतरेगा। अपना लगातार चौथा ओलंपिक खेल रहे अपने दो ’बुजुर्गों‘ दीवार गोलरक्षक श्रीजेश और मनप्रीत सिंह पर अपने अनुभव, जीवट और मुस्तैदी के बूते मौजूदा कांस्य पदक विजेता भारत को मंगलवार को जर्मनी के खिलाफ पिछली बार के कांस्य पदक मैच में 5-4 की जीत की तरह इस बार सेमीफाइनल भी जिता उसके ओलंपिक पदक का रंग और चमकदार करने की जिम्मेदारी होगी।अपने पूल में मात्र स्पेन से दूसरे मैच में 0-2 से हार को छोड़ बाकी चार जीत से शीर्ष पर रह क्वॉर्टर फाइनल में स्थान बनाने के अर्जेंटीना को 3-2 से हराकर सेमीफाइनल में स्थान बनाया। जर्मनी के खिलाफ जीत के लिए भारत को आखिरी क्षण तक चौकस रहना होगा।
ऑस्ट्रेलिया के ब्लैक गोवर्स की तरह कुल सात गोल कर गोल दागने वाले अपने कप्तान हरमनप्रीत सिंह , दो गोल कर चुके चतुर नौजवान स्ट्राइकर अभिषेक के साथ मंदीप सिंह, सुखजीत , गुरजंट और ललित उपाध्याय पर खुद मैदानी गोल करने के साथ भारत को ज्यादा से ज्यादा पेनल्टी कॉर्नर दिलाने की जिम्मेदारी होगी। भारत की मध्यपंक्ति में उपकप्तान हार्दिक सिंह, शमशेर और मनप्रीत सिंह ज्यादा आगे जाकर हमले बोलने में अपने स्टाइकर की मदद करने के साथ पीछे रहकर रक्षापंक्ति में श्रीजेश और जर्मनप्रीत की मदद कर जर्मनी के स्ट्राइकर क्रिस्टोफर रुइर, निकल्स वेलन और जस्टिन वीगैंड के साथ ग्रैमबुश बंधुओं -कप्तान मैट और टॉम -के हमलों को अपनी डी से बाहर रोकने की कोशिश करेंगे। अमित रोहिदास की गैरमौजूदगी में पेनल्टी कॉर्नर को बतौर रशर रोकने की जिम्मेदारी मनप्रीत सिंह ही संभालेंगे। भारत के खुल कर ऑलराउंडर की तरह हमले बोलने के वक्त स्ट्राइकर और टीम पर हमलों के वक्त डिफेंडर की भूमिका निभाने वाले सुमित के साथ बतौर शमशेर, राज कुमार पाल और विवेक सागर प्रसाद लिंकमैन बराबर हमलों और बचाव की अहम कड़ी साबित हो सकते हैं।
अपना आखिरी ओलंपिक खेल रहे गोलरक्षक पीआर श्रीजेश के साथ ,फुलबैक जर्मनप्रीत सिंह, खुद कप्तान फुलबैक हरमनप्रीत सिंह पर मौजूदा ओलंपिक में जर्मनी के लिए चार चार गोल करने वाले अनुभवी स्ट्राइकर क्रिस्टोफर रूइर और नौजवान जस्टिन वीगेंड, तीन तीन गोल करने वाले अर्जेंटीना छोड़ अब जर्मनी में आ बसे ड्रैग फ्लिकर गोंजालो पिलात और निकल्स वेलन, दो दो गोल करने वाले मैट ग्रैमबुश, तियो हेनरिच और थिज प्रिंस को रोकने की जिम्मेदारी होगी। भारत की खुशकिस्मती है गोलरक्षक श्रीजेश के साथ सुमित , मनप्रीत, विवेक सागर प्रसाद और जर्मनप्रीत की मौजूदगी में मजबूत पेनल्टी कॉर्नर डिफेंस है। भारत इसी के बूते सबसे पहले जर्मनी पर जीत के साथ फाइनल में स्थान अपने कांसे का रंग और चमकदार करने में कसर नहीं छोड़ेगा
’हम जर्मनी से फाइनल में खेलना चाहते थे‘
‘हम जर्मनी से फाइनल में खेलना चाहते थे। हमने ओलंपिक से पहले अपनी टीम बैठकों में यही चर्चा की थी। जर्मनी बेहद कड़ी प्रतिद्वंद्वी और उसके साथ आमतौर पर मैच अंतिम सेकंड तक जाता है। ब्रिटेन के खिलाफ अमित रोहिदास को मिले रेड कार्ड के कारण जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल के लिए भी बाहर रखा जाना हमारे नियंत्रण के बाहर की बात है। बेशक अमित रोहिदास का जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल के लिए उपलब्ध न होना हमारे लिए धक्का है लेकिन हमारा फोकस अपने काम पर है।रविवार को अमित की गैरमौजूदगी में हमारी टीम ने उनकी जगह खेलने की अतिरिक्त जिम्मेदारी के रूप में लिया। हमारी टीम के हर खिलाड़ी ने आखिरी मिनट तक पूरी जी जान लगी दी और हम अपने जीवट से रविवार को मैच में वापसी करने में सफल रहे। -हरमनप्रीत सिंह, भारतीय हॉकी टीम के कप्तान
‘जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल श्रीजेश के लिए जीतने उतरेंगे‘
`हम जर्मनी के खिलाफ पिछले प्रदर्शन को तवज्जो न देते हुए उसके खिलाफ मंगलवार को नया आगाज करेंगे। चाहते हैं। हम जर्मनी के खिलाफ पिछले मैचों के नतीजों पर ध्यान नहीं देना चाहते। हमे मौजूदा ओलंपिक में पेरिस में मजबूत प्रदर्शन से विश्वास मिलेगा जहां हम टूर्नामेंट में आगे बढ़ने से मजबूत होते गए। बेशक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पूल बी में अपने आखिरी मैच में जीत से हमें क्वॉर्टर फाइनल के लिए जरूरी जोश मिल गया जिसकी हमें जरूरत थी। ब्रिटेन के खिलाफ क्वॉर्टर फाइनल में 43 मिनट तक दस खिलाड़ियों से खेलते हुए जीत से हमें हौसला मिलेगा। मौजूदा पेरिस ओलंपिक में हमारी टीम में अलग अलग तरह की भावनाएं हैं। हम पेरिस ओलंपिक में केवल अपने पदक का रंग ही नहीं बदलना चाहते हैं बल्कि इस बार हम स्वर्ण जीत बेहद मुस्तैद प्रदर्शन करने वाले अपने गोलरक्षक पीआर श्रीजेश के इसे यादगार बनाना चाहते हैं। हम क्वॉर्टर फाइनल में इस सोच के साथ उतरे थे कि श्रीजेश के साथ यह हमारा आखिरी मैच नहीं होना चाहिए। अब हम जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल श्रीजेश के लिए जीतने उतरेंगे।‘ -हार्दिक सिंह , भारतीय हॉकी टीम के उपकप्तान
’भारत के खिलाफ सेमीफाइनल बेहद संघर्षपूर्ण रहने वाला है‘
’भारत के खिलाफ सेमीफाइनल हमारी जर्मनी की टीम के लिए बेहद संघर्षपूर्ण रहने वाला है। मेरे कहने का मतलब यह है कि ब्रिटेन के खिलाफ क्वॉर्टर फाइनल के शुरू में रेड कार्ड लेने के बाद भारत ने निर्धारित समय में मैच को एक एक से बराबर रखे इस शूटआउट खींच दिया, जो असाधारण है। हमें यह दिखाना होगा कि अगर हम इस स्थिति में होते तो जीतते। – क्रिस्टोफर रुइर, जर्मनी के स्टार स्ट्राइकर
मंगलवार सेमीफाइनल का समय : भारत वि. जर्मनी, रात साढ़े दस बजे से(भारतीय समयानुसार)