भारत की छात्र फिल्म निर्माता रिया शुक्ला इतिहास रचने की दहलीज पर

Indian student filmmaker Riya Shukla is on the threshold of creating history.

रिया की फिल्म शॉर्ट फिल्म ‘रूज़’का प्रीमियर बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : भारत की छात्र फिल्म निर्माता रिया शुक्ला इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ी है। रिया शुक्ला की शॉर्ट फिल्म ‘रूज़’का 75 वें बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के जनरेशन केप्लस सेगमेंट में विश्व प्रीमियर होगा। यह एक कंपीटीशन इवेंट है जिसमें ‘बच्चों और किशोरों की दुनिया के अलग-अलग आयामों से रूबरू कराने वाली अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों को दिखाया जाता है। बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 13 से 23 फरवरी तक बर्लिन में चलेगा। यह दुनिया के तीन सबसे बड़े फेस्टिवल में से एक है। अगर रिया इसमें जीतती हैं तो वह 75 बरस में यह खिताब जीतने वाली तीसरी भारतीय होंगी। इस फिल्म फेस्टिवल में इससे पहले भारत के महान फिल्म निर्माता सत्यजीत को उनकी फिल्म महानगर(1964) और चारूलता (1965) के लिए सर्वश्रेष्ठ निदेशक के लिए सिल्वर बीयर से नवाज चुकी । वहीं भारत के फिल्म निर्माता नागेश कुकनूर की फिल्म धनक (2015) जनरेशन कपल्स इंटरनैशनज जूरी ग्रां अवार्ड जीत चुकी है।

भारत के जाने माने क्रिकेट पत्रकार आशीष शुक्ला की छोटी बेटी रिया अपनी फिल्म ‘रूज़’ के बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए जो चुने जाने पर बेहद खुश है+। रिया शुक्ला की यह शॉर्ट फिल्म बर्लिन में आयोजित होने वाले फिल्म फेस्टिवल की 15 प्रतिस्पर्द्धी फिल्मों में से एक है। रिया न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी से स्क्रिप्ट राइटिंग और डायरेक्शन में फाइन आर्ट्स में मास्टर्स कर रहीं हैं। रिया शुक्ला बताती हैं, ‘मैंने अपनी फिल्म ‘रूज़’ की कहानी बरसों पहले बचपन की यादों से प्रेरित होकर लिखी थी। लेकिन जिस चीज ने वास्तव में फिल्म को आकार दिया वह सही सहयोगियों को ढूंढना था , वे लोग जिन्होंने मेरे साथ कहानी का जिम्मा लिया। ऐसा लगा जैसे फिल्म को हमसे परे किसी चीज़ द्वारा निर्देशित किया जा रहा था। लेकिन जिस चीज ने वास्तव में फिल्म को आकार दिया वह सही सहयोगियों को ढूंढना था ,ऐसे जिन्होंने मेरे साथ कहानी का जिम्मा लिया। ऐसा लगा जैसे फिल्म को हमसे परे किसी चीज़ द्वारा निर्देशित किया जा रहा था, और मैं इसके लिए आभारी हूं।’मेरी फिल्म ‘रूज’ तीन ऐसी किशोरियों की कहानी है, जो बरसात की एक दोपहर में नृत्य का अभ्यास करती है। इन किशोरियों की एक-दूसरे से नजदीकियां खुद एक जिंदगी का रूप ले लेती है। इस शॉर्ट फिल्म में इन किशोरियों की वो इच्छाएं जिन्हें वो जाहिर नहीं कर सकतीं, उनकी खामोश निगाहों और इशारों को फिल्मी पर्दे पर उतारा गया है।

रिया शुक्ला के इससे पहले, रिया शुक्ला फिल्म ‘मधु’ में एक क्रिएटिव प्रोड्यूसर के रूप में काम कर चुकी हैं। इसे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल रॉटरडैम और लिंकन सेंटर्स मोमा में प्रीमियर किया गया था। इस फिल्म ने पॉम स्प्रिंग्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ‘स्पेशल मेंशन ज्यूरी अवार्ड’ जीता था। रिया शुक्ला नॉर्वे के म्यूजिक ग्रुप ‘ओरा द मॉलिक्यूल’ के लिए म्यूजिक वीडियो ‘आई वाना बी लाइक यू’ का भी निर्देशन कर चुकी है।