- भारत के लिए वंदना, मोनिका और उदिता ने दागा एक-एक गोल
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : तेज तर्रार अनुभवी स्ट्राइकर वंदना कटारिया, मोनिका और उदिता के एक-एक गोल की बदौलत भारतीय महिला हॉकी टीम ने बार्सीलोना में मेजबान स्पेन रविवार को आखिरी मैच में 3-0 से हरा हॉकी संघ की शताब्दी के मौके पर आयोजित तीन देशों के हॉकी टूर्नामेंट में अजेय रह कर खिताब जीत लिया। ललरेमसियामी की हैट्रिक से भारत ने इंग्लैंड को शनिवार को 3-0 से हराया था। भारत ने इंग्लैंड और स्पेन के खिलाफ अपना अपना एक-एक मैच ड्रॉ खेला और एक मैच जीता।
वंदना कटारिया की अगुआई भारतीय महिला हॉ़की टीम की अग्रिम पंक्ति ने आक्रामक अंदाज में आगाज किया लेकिन जोश के साथ होश भी दिखाया। भारत की लड़कियों ने स्ट्रक्चर में अनुशासित होकर खेलते हुए सटीक पासों से स्पेन की डी में पहुंच कर दबाव बनाया लेकिन इसके बावजूद पहले क्वॉर्टर में गोल नहीं कर पाई। मेजबान स्पेन ने पहले क्वॉर्टर के आखिरी पांच मिनट में भारत के गोल पर कई खतरनाक हमले जरूर बोले लेकिन कप्तान और गोलरक्षक सविता ने पूरी मुस्तैदी दिखाते हुए उनके हर खतरनाक हमले और पेनल्टी कॉर्नर को रोक नाकाम कर दिया।
भारत की महिला हॉकी टीम दूसरे क्वॉर्टर में शुरू से ही हावी रही और बढ़त लेने के बेताब दिखी। आक्रामक सेंटर हाफ सुशीला ने साथी मिडफील्डर नेहा गोयल की ओर 22 वें मिनट गेंद बढ़ाई। इस पर नेहा के शॉटको स्पेन की गोलरक्षक ने रोकने की कोशिश की लेकिन लौटती गेंद पर ललरेमसियामी ने गेंद को कब्जे में ले शॉट जमाया लेकिन गोलरक्षक के पैड से लगकर लौटती गेंद को वहीं स्पेन की डी में मंडराती वंदना कटारिया ने संभाल बहुत ही शांत हो संभाल गोल में डाल कर अंतत: भारत को 1-0 से आगे कर दिया। एक गोल की बढ़त लेने के बाद भारतीय टीम ने दुगुने उत्साह से स्पेन के गोल पर हमले बोले ही गेंद के अपने कब्जे में भी रखा लेकिन तीसरे क्वॉर्टर में और गोल नहीं कर पाई। मोनिका ने चौथे और आखिरी क्वॉर्टर के तीसरे मिनट मे पेनल्टी कॉर्नर पर अचूक शॉट जमा पेरेज की जगह गोल को संभालने वाली मारिया रुइज को छका गोल कर भारत की बढ़त 2-0 कर दी। भारत की रक्षापंक्ति में कप्तान गोलरक्षक सविता के साथ अनुभवी आदिवासी फुलबैक दीप ग्रेस एक्का और निकी प्रधान और मणिपुरी सुशीाला चानू ने स्पेन के हमलों को बहुत मुस्तैदी से नाकाम किया। उदिता ने हॉकी की कलाकारी दिखाते हुए बहुत ही धैर्य से स्पेन की डी में पहुंच गोल कर भारत को 3-0 से आगे कर दिया। यह मैच और इस टूर्नामेंट का आखिरी गोल साबित हुआ।