भारत के ‘ब्रह्मास्त्र’ हरमनप्रीत सिंह के प्रहार से जापान के लिए सेमीफाइनल में बचना मुश्किल

  • ‘स्ट्रक्चर’ से खेलने वाली भारतीय टीम जापान से पार पाने को पूरी तरह तैयार
  • पूरी तरह रंग में आ चुके भारत को रोकना जापान के लिए मुश्किल
  • भारत के पास ड्रैग फ्लिक पर हरमन के साथ वरुण व जुगराज के रूप में पर्याप्त विकल्प
  • हार्दिक, विवेक, नीलकांत व मनप्रीत के रूप में मजबूत मध्यपंक्ति है भारत की ताकत

सत्येन्द्र पाल सिंह

चेन्नै : दुनिया के सबसे खतरनाक डै्रग फ्लिकर में एक कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने यहां एशियन चैंपियंस ट्रॉफी ,चेन्नै हॉकी 2023 में राउंड रॉबिन लीग की समाप्ति पर पांच मैचों में सबसे ज्यादा सात गोल कर साबित किया कि पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिक उनका और तीन बार चैंपियन रहे मेजबान भारत का ‘ब्रह्मास्त्र’ है। हॉकी बेशक टीम गेम है बावजूद इसके जापान के लिए दूसरे सेमीफाइनल में शुक्रवार को यहां मेयर राधाकृष्णन स्टेडियम में भारत के ‘ब्रह्मास्त्र’ हरमनप्रीत के पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिक प्रहार से बचना बेहद मुश्किल होगा। सबसे काबिलेतारीफ बात यह है कि हरमनप्रीत सिंह ने भारत के लिए अब सभी पांचों लीग मैचों में गोल किए ही हैं उन्होंने पिछले उपविजेता जापान के खिलाफ यहां पिछडऩे के बाद पेनल्टी कॉर्नर पर गोल कर उसे मैच ड्रॉ कराने में भी अहम भूमिका निभाई थी। भारत ने अजेय रहकर पांच मैचों में चार जीत और जापान के खिलाफ अकेले ड्रॉ के साथ 13 अंकों के साथ शीर्ष पर रहकर सेमीफाइनल में स्थान पाया। भारत के लीग चरण में कुल सबसे ज्यादा दागे 20 गोल में कप्तान हरमनप्रीत के बाद उनके दोनों साथी ड्रैग फ्लिकरों वरुण कुमार और जुगराज सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर पर और अनुभवी आकाशदीप सिंह और मनदीप सिंह ने दो- दो गोल करने साथ स्ट्राइकर गुरजंट सिंह, सेल्वम कार्ति व सुखजीत और आक्रामक मिडफील्डर उपकप्तान हार्दिक सिंह ने नीलकांत शर्मा ने भी एक- एक गोल किया है। भारतीय टीम ने दिखाया की भले ही पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिकर उसकी सबसे बड़ी ताकत है लेकिन उसके गोल के लिए स्ट्राइकरों के रूप में पास पर्याप्त विकल्प हैं और वह गोल करने के लिए किसी एक खिलाड़ी पर निर्भर है।

जापान के खिलाफ अपना दूसरा लीग मैच ड्रॉ खेलने के बाद पूरी तरह रंग में आ चुकी भारतीय टीम शुक्रवार को यहां सेमीफाइनल में उससे पार पाने के लिए बेहतर ढंग तैयार है। भारतीय टीम पिछले संस्करण में जापान को लीग मैच में आधा दर्जन गोल से हराने के बाद उससे सेमीफाइनल में 3-4 से हार गई थी। भारतीय टीम इस बात से वाकिफ है आज की जमाने की हॉकी में जापान और या कोई भी टीम प्रतिद्वंद्वी के रूप में किसी को भी हल्के लेने से बचना चाहिए। जापान लीग मं अपने पांच में मैचों दक्षिण कोरिया और मलयेशिया से हारी और भारत व पाकिस्तान से मैच ड्रॉ खेले और अकेली जीत फिसड्डी चीन के खिलाफ दर्ज की उससे साफ है कि उससे मेजबान टीम के खिलाफ सेमीफाइनल में जीत की उम्मीद लगाना मुनासिब नहीं लगता है। जापान ने अपने पांच मैचों में मात्र आठ गोल किए हैं और नौ गोल खाए हैं। जापान की टीम गोल के लिए जवाबी हमलों पर ज्यादा निर्भर करती है। जापान की अग्रिम पंक्ति में रयोमा ओका , ताकुमा नीवा और रयोसी कातो के रूप में तीन ही स्ट्राइकर हैं और तीनो ने यहांं अब तक एक एक मैदानी गोल जरूर किया है लेकिन गोल करने के लिए वह ड्रैग फ्लिकर पिछले मैच में भारत के खिलाफ गोल करने वाले ड्रैग फ्लिकर केन नागायोयी अपने कप्तान मसाकी ओहाशी, केंतारो फुकादा और सेरेना फुकादा पर निर्भर है। जापानी ड्रैग फ्लिकरों के फ्लिक को भारत के ‘रशर’ अमित रोहिदास और मनप्रीत सिंह रोक कर नाकाम करने में सक्षम हैं।

अपने नए हॉकी उस्ताद क्रेग फुल्टन के मार्गदर्शन में भारतीय टीम ने स्पेन दौरे की थकान से उबर कर ‘स्ट्रक्चर’ में खेलते हुए मैच दर मैच अपने खेल का स्तर उंचा उठा मौके पर चौका लगा खासतौर पर जिस तरह दूसरे स्थान पर रही अंतिम चार में पहुंची मलयेशिया पर 5-0 और चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पर 4-0 से जीत दर्ज की उसके मद्देनजर जापान के लिए उसे यहां शुक्रवार को सेमीफाइनल में जीत से रोकना बेहद मुश्किल होगा। सच तो यही है कि अपन आखिरी लीग मैच में चीन को हरा अकेली जीत हासिल करने वाली जापान को चौथी टीम के सेमीफाइनल में जगह भारत की पाकिस्तान पर बड़ी जीत की ‘कृपा’ सें ही मिली।

भारत की ताकत उपकप्तान हार्दिक सिंह, विवेक सागर प्रसाद, नीलकांत शर्मा के साथ और सदाबहार सेंटर हाफ के रूप में मनप्रीत सिंह से सज्जित मध्यपंक्ति हैं ही जरूरत के मुताबिक फॉरवर्ड और मिडफील्डर के बीच लिंकमैन के रूप में बहुत चतुराई से खेल कर अग्रिम पंक्ति में स्ट्राइकर मनदीप सिंह, गुरजंट सिंह, सेल्वम कार्ति , सुखजीत सिंह और आकाशदीप के लिए बराबर आगे गेंद बढ़ाने कर मैदानी गोल करने के साथ पेनल्टी कॉर्नर बनाने में मदद करने वाले लिंकमैन के रूप में खेलने वाले शमशेर सिंह हैं। भारत ने यहां एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का इस्तेमालअगले महीने हांगजू(चीन) में होने वाले एशियाई खेलों से यहां एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में एक तरह सभी एशियाई टीमों की ताकत और उनकी कमजोरियों को आंकने के लिए किया। भारत ने अपने सभी पत्ते नहीं खोले हैं। भारत को जापान के खिलाफ लीग मैच में 15 पेनल्टी कॉर्नर मिले और इनमें से दर्जन भर अकेले उसके तुरुप के ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह ने लिए लेकिन इनमें से दस को जापान के ‘रशर’ राइकी फुजीशिमा ने तेज फर्राटा लगा अपनी स्टिक पर ले रोक कर नाकाम कर दिया। कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिक पर ज्यादातर मौकों पर सीधे तेज फ्लिक से गोल किए और अपने सभी पत्ते नहीं खोले हैं। हरमनप्रीत सिंह ने बातचीत में माना कि उनका पेनल्टी कॉर्नर पर ज्यादातर सीधे फ्लिक से गोल करने की कोशिश का मकसद इसकी थाह लेना भी था कि पेनल्टी कॉर्नर को रोकने के लिए जापान के राइकी फुजीशिमा जैसे ‘रशर’ यहां एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में शिरकत कर रही बाकी एशियाई टीमों की रणनीति क्या है। भारत यहां शुक्रवार को जापान पर जीत के साथ फाइनल में स्थान बनाने के साथ चौथी बार खिताब जीतने की ओर एक और कदम बढ़ाना चाहेगा।’

‘हमारे लिए टूर्नामेंट सही मानों जापान के खिलाफ सेमीफाइनल से शुरू ‘
‘स्पेन में टूर्नामेंट खेलने के बाद सीधे यहां चेन्नै में एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में खेलने उतरना चुनौतीपूर्ण था। हमने धीरे धीरे यहां अपनी लय पाई। हमने अब तक यहां अपने पांच मैचों में चीन, दक्षिण कोरिया, मलयेशिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया और मैच जीते। सच तो यह है कि हमारे लिए सही मायनों टूर्नामेंट अब शुक्रवार को जापान के खिलाफ सेमीफाइनल से शुरू हो रहा है। मुझे खुशी है कि हमारी भारतीय टीम अब वैसा खेलना शुरू कर दिया है, जैसा वह चाहती है। सबसे अच्छी बात है कि हमारी टीम अब तक अपने स्ट्रक्चर में खेल रही है। मैं यहां अपनी टीम के खेल पर नजर डालता हूं पाता हूं कि हमारी टीम की कमजोरी है खेल में निरंतरता की कुछ कमी है। हम अपनी योजना पर काबिज रहे। हमारे ‘स्ट्रक्चर’ हॉकी खेलना कारगर रहा। सबसे अहम बात यह है कि हमने जब जरूरत थी पेनल्टी कॉर्नर बनाने के साथ अपने किले की मुस्तैदी से चौकसी की और सही मौके पर गोल किए। अहम है निरंतरता और यही चुनौती भी है। पाकिस्तान ने बुधवार को हमारे खिलाफ तेज आगाज किया और उनका एक गोल शुरू में ही अमान्य कर दिया। हमने अपनी योजना को अमली जामा पहनाना। मनदीप सिंह भारत की ओलंपिक कांस्य पदक विजेता टीम के सदस्य हैं और वह टीम को वह जरूरी अनुभव प्रदान करते हैं जिसकी टीम के नौजवान खिलाडिय़ों को जरूरत है। हम अब जापान के खिलाफ शुक्रवार को सेमीफाइनल के लिए तैयार हैं।-क्रेग फुल्टन ,भारतीय हॉकी टीम के चीफ कोच

जापान के खिलाफ सेमीफाइनल में कोशिश स्ट्रक्चर से खेल की: हरमनप्रीत
‘हमारी कोशिश जापान के सेमीफाइनल में शुक्रवार को अपने स्ट्रक्चर से खेल मौके बनाने के साथ मौके भुनाने की होगी। हम और स्ट्रक्चर से खेलना चाहेंगे। पाकिस्तान के कोच सकलेन ने आखिरी राउंड रॉबिन लीग मैच से पहले भले ही यह कहा कि हमारी भारतीय टीम स्ट्रक्चर से नहीं खेल रही। हमें मालूम है कि हम कैसे और किस स्ट्रक्चर से खेल रहे हैं। मैंने मैदान पर हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की है। हमारी कामयाबी का सबब भी एक दूसरे का सहयोग कर बतौर टीम निरंतर बेहतर प्रदर्शन करना। हमारे फॉरवर्ड जब गोल करने के ज्यादा मौके बनाते और पेनल्टी कॉर्नर दिलाते हैं हम तभी हम ड्रैग फ्लिकर इनका बेहतर उपयोग कर गोल कर पाते हैं। हम एक बार गोल करने के बाद और गोल करने की कोशिश करते हैं।- हरमनप्रीत सिंह, भारत के कप्तान
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शुक्रवार के मैच :
पहला सेमीफाइनल : मलयेशिया वि. द. कोरिया, शाम 6 बजे से
दूसराा सेमीफाइनल : भारत वि. जापान , रात साढ़े 8 बजे से
पांचवें-छठे स्थान के लिए मैच : पाकिस्तान वि. चीन , शाम चार बजे
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भारत का सेमीफाइनल का सफर
भारत ने चीन को हराया 7-2
भारत ने जापान से ड्रॉ खेला 1-1
भारत ने मलयेशिया को हराया 5-0
भारत ने द. कोरिया को हराया 3-2
भारत ने पाकिस्तान को हरया 4-0
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जापान का सेमीफाइनल तक का सफर
जापान की द. कोरिया से हार 1-2
जापान वि.भारत 1-1 से ड्रॉ
जापान वि. पाकिस्तान 3-3
जापान वि. मलयेशिया 1-3
जापान वि. चीन 2-1