भारत का स्पेन के हाथों हार से फिर टूटा जू. पुरुष हॉकी विश्व कप में कांसा जीतने का सपना

  • गोलरक्षक कैपलडस के रोके आठ पेनल्टी कॉर्नर की बदौलत स्पेन की जू. टीम ने जीता कांसा
  • भारत की जू. टीम को फिर भारी पड़ा पेनल्टी कॉर्नर न भुना पाना

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : उत्तम सिंह की अगुआई वाले भारत का स्पेन के हाथों तीसरे और चौथे स्थान के लिए क्वालालंपुर में शनिवार को अंधड़ के कारण करीब एक घंटा देर से शुरू हुए एफआईएच जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप के मैच में 1-3 से हार के साथ कांस्य पदक जीतने का सपना फिर टूट गया। भारत की जूनियर टीम पिछले संस्करण में फ्रांस की जूनियर टीम से पूल और तीसरे स्थान के मैच हारने की तरह इस बार स्पेन की जूनियर टीम से हार कर एक बार फिर चौथे स्थान पर रही। स्पेन की जूनियर टीम ने भारत की जूनियर टीम को पूल सी में 4-1 से हराया था।

स्ट्राइकर निकोलस अल्वारेज के दो तथा पाउ पैचम के एक बेहतरीन मैदानी गोल तथा गोलरक्षक जान कैपलडस द्वारा भारत की जूनियर टीम को मिले नौ में से रोके आठ पेनल्टी कॉर्नर को रोक स्पेन की जूनियर टीम को जीत दिलाने के साथ कांसा जिता दिया। भारत की जूनियर टीम के लिए मात्र एक गोल पांचवें पेनल्टी कॉर्नर पर सुनील जोजो ने अरिजित सिंह हंदल के फ्लिक पर गोलरक्षक कैपलडस के पैड को लगकर वापस लौटती गेंद पर दागा। गोलरक्षक कैपलडस ने एक बार भी पेनल्टी कॉर्नर पर बचाव कर भारत की जूनियर टीम की स्पेन के हाथों पूल सी में मिली 1-4 की हार का हिसाब चुकता करने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। भारत की जूनियर टीम को जर्मनी की जूनियर टीम के खिलाफ सेमीफाइनल में दर्जन भर पेनल्टी कॉर्नर गंवाने के कारण ही 1-4 से हार झेलनी पड़ी थी। स्पेन की जूनियर टीम को पांच में पांच पेनल्टी कॉर्नर मिले और इनमें से तीन को भारत की जूनियर टीम के रशर रोहित ने अपनी स्टिक पर लेकर और बाकी दो को गोलरक्षक मोहित ने रोका। भारत की जूनियर टीम के फिर कांस्य पदक जीत पाने में नाकाम कर कोच सीआर कुमार की रणनीति पर सवाल उठेंगे और हॉकी इंडिया को इस बाबत गंभीरता से सोचना होगा क्या उन्हें पद पर बरकरार रखा जाए या किसी नए कोच की तलाश की जाए। सच तो यह है कि भारत की जूनियर टीम की रक्षापंक्ति के डी के भीतर की गई गलतियों और प्रतिद्वंद्वी टीम के गोलरक्षक और रक्षापंक्ति के खिलाफ पेनल्टी कॉर्नर पर भारतीय ड्रैग फ्लिकरों की नाकाम ही उसकी नाकामी का कारण बनी।

कप्तान उत्तम सिंह, बॉबी सिंह धामी व सुदीप चिरिमाको जैसे भारतीय स्ट्राइकरों ने आक्रामक अंदाज में कर शुरू के दस मिनट में टीम को तीन पेनल्टी कॉर्नर दिलाए पहले पर रोहित और इससे अगले दोनों पेनल्टी कॉर्नर को स्पेन के गोलरक्षक जान कैपलडस ने रोक का बेकार कर अपनी टीम को पिछडऩे से बचा लिया। कप्तान उत्तम सिंह चौथे मिनट में गेंद लेकर दाएं से डी में पहुंचे और सीधा पास सुदीप चिरिमाको को दिया लेकिन वह अपनी स्टिक पर लेने से चूके भारत के हाथ आया बढ़त लेने का आसान मौका फिसल गया। स्पेन को दूसरे क्वॉर्टर के शुरू के तीन मिनट में दो पेनल्टी कॉर्नर मिले इन पर गोलरक्षक मोहित और रशर रोहित ने मुस्तैदी से इन्हें रोक भारत को पिछडऩे से बचा लिया।

निकोलस अल्वारेज ने बाएं से गेंद संभाली और भारत के फुलबैक अमनदीप लाकरा और गोलरक्षक मोहित निकोलस अल्वारेज ने तेज रिवर्स हिट लगा गोल कर स्पेन को दूसरे क्वॉर्टर के दसवें मिनट में गोल कर 1-0 से आगे कर दिया। अरिजित सिंह हंदल के कमजोर फ्लिक के बावजूद गोलरक्षक जान कैपलडस के पैड से लगकर वापस लौटती गेंद को वहीं डी में खड़े सुनील जोजो ने रोक कर भारतर की जूनियर टीम का हाफ टाइम से हपले एक एक की बराबरी दिला दी। पैरे अमात के पास डी के उपर से बढ़ाई गेंद को पाउ पैचम ने संभाला कर भारत की जूनियर के गोलरक्षक मोहित को छका गोल कर स्पेन की जूनियर टीम को 2-1 से आगे कर दिया। निकोलस अल्वारेज ने चौथे और आखिर क्वॉर्टर के छह मिनट में एक और बेहतरीन मैदानी गोल कर स्पेन को 3-1 से आगे कर दिया। भारत के कप्तान उत्तम सिंह ने विष्णुकांत की मदद से बराबर डी में घुस कर पेनल्टी कॉर्नर दिलाए लेकिन स्पेन की जूनियर टीम के गोलरक्षक कैपलडस ने भारत की जूनियरड्रैग फ्लिकर अमनदीप लाकरा व रोहित के फ्लिक को रोका ही अरिजित सिंह हंदल और सुदीप चिरिमाको के तेज शॉट को अच्छा पूर्वानुमान कर बेकार किया।