- नीदरलैंड की चार्लोट एंजेलबर्ट को पीछे छोड़ जीता अवॉर्ड
- अवॉर्ड जीतने से मालूम पड़ा की मेहनत से बहुत कुछ मिल सकता है
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : बेहद गरीब परिवार से आकर अंतर्राष्ट्रीय हॉकी में बहुत कम उम्र में छाप छोडऩेे वाली भारत की बेहतरीन उदीमयमान स्ट्राइकर मुमताज खान मंगलवार को लुसाने (स्विटजरलैंड) में महिला वर्ग में एफआईएच राइजिंग स्टार्स आफ द ईयर 2021-22 चुनी गई। वही भारत में बीते बरस एफआईएच जूनियर विश्व कप में बतौर स्ट्राइकर, ड्रैग फ्लिकर और ‘रशर’ छाप छोडऩे वाले ऑलराउंडर फ्रांस के टिमोथी क्लीमेंट ने उम्मीदों के मुताबिक ही एफआईएच राइजिंग स्टार्स आफ ईयर 2021-22 का अवॉर्ड जीता। 2018 में ब्यूनर्स आयर्स में यूथ ओलंपिक में भी मुमताज ने जब अपने शहर लखनउ के मिजाज की नफासत हॉकी मैदान पर दिखाकर भारत के लिए सबसे ज्यादा गोल कर उसे रजत पदक जिताया तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी उन्हें बधाई मिली थी।
भारत की मुमताज खान(32.9 अंक) ने बेल्जियम की चार्लोट एंजेलबर्ट (29.9 अंक) से तीन अंक ज्यादा अंक पाकर महिला वर्ग में एफआईएच राइजिंग स्टार ऑफ दÓ ईयर का यह अवार्ड जीता। नीदरलैंड की लुना फॉकी (16.0 अंक) तीसरे स्थान पर रहीं।
मुमताज खान ने कहा, ‘राइजिंग स्टार आफ द ईयर चुने जाने पर मैं बेहद खुश हूं। यह अवॉर्ड जीने के बाद मुझे यह मालूम पड़ा की मेहनत से बहुत कुछ मिल सकता। मैं भारतीय हॉकी टीम की अपनी सभी साथियों और अपनी कोचिंग स्टाफ की आभारी हूं। सभी के सहयोग से मैं राइजिंग स्टार ऑफ द ईयर चुनी गई । यह उपलब्धि मेरी नहीं बल्कि पूरी टीम के प्रयास की है। 2022 का एफआईएच जूनियर महिला हॉकी विश्व कप बेशक बहुत मुश्किल टूर्नामेंट था लेकिन हमारी टीम इसमें बढिय़ा खेली। मैं इस बात से बहुत खुश हूं कि मैंने इसमें बहुत गोल किए। मैं और ज्यादा खुश होती यदि हमारी टीम जूनियर महिला हॉकी विश्व कप में पदक जीतती।’
लखनउ के तोपमान खाना बाजार में रेहड़ी पर सब्जी बेचने वाले हफीज खान और कैसर जहां की पांच बेटियों में से एक मुमताज खान ने भारत की जूनियर हॉकी टीम के लिए अपनी हॉकी की कलाकारी दिखा अब सीनियर टीम में जगह बनाने की ओर कदम बढ़ा चुकी है। मुमताज खान ने भारत के लिए हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में सम्पन्न एफआईएच जूनियर महिला हॉकी विश्व कप में मलयेशिया के खिलाफ हैट-ट्रिक जमाने सहित सबसे ज्यादा छह मैचो में आठ गोल किए। मुमताज की हॉकी की कलाकारी के बावजूद भारत की टीम दक्षिण अफ्रीका में जूनियर हॉकी विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ बहुत छोटी गलतियों के चलते कांस्य पदक मैच में हार चौथे स्थान पर रही थी। नीदरलैंड को छोड़ कर मुमताज ने भारत के लिए सभी मैचों में गोल किए थे।साथ ही मुमताज ने बतौर स्ट्राइकर बेहतरीन निशानेबाजी का नमूना पेश कर भारत के लिए लौसाने में एफआईएच हॉकी 5 में थी खेली थी वहां चार मैचों में पांच गोल किए थे।
मुमताज कहती हैं, ‘मैं अब भारतीय सीनियर महिला हॉकी टीम की नियमित सदस्य बनना चाहती हूं। मैं इस बात से वाकिफ हूं कि इसाके लिए मुझे निरंतर कड़ी मेहनत करने के साथ अपना सर्वश्रेष्ठï खेल दिखाना होगा। भारतीय सीनियर महिला हॉकी टीम की नियमित सदस्य बनने के अपने लक्ष्य को पाने और टीम को मैच और पदक जिताने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगी। मुझे पूरी उम्मीद है कि भारत की नीली जर्सी बढिय़ा प्रदर्शन जारी रखूंगी।’