
प्रतापगढ़ की बेजोड़ थेवा कला को नई उचाई पर ले जाती राजसोनी परिवार की छठी पीढ़ी
नीति गोपेन्द्र भट्ट
नई दिल्ली/जयपुर : दक्षिणी राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले की प्रतिष्ठित थेवा कला प्रदेश और देश की सीमाओं की पार कर इस बार रूस पहुंची । रूस में आयोजित भारत उत्सव 2025 प्रदर्शनी में प्रतापगढ़ के राजसोनी परिवार की छठी पीढ़ी के युवा कलाकर राघव राजसोनी मॉस्को में भारत का नाम रोशन किया। उन्हें वहां उत्कृष्ठ कला प्रदर्शनी के लिए सम्मानित किया गया।
भारत उत्सव के उद्घाटन समारोह में रूस ने भारतीय राजदूत विनय कुमार और मॉस्को पर्यटन समिति के उपाध्यक्ष बुलट नूरमुखानोव ने थेवा प्रदर्शनी को देखा । इस अवसर पर ओडिशा से सांसद सुजीत कुमार विशिष्ट अतिथि थे। दिल्ली के मुख्य सचिव वरिष्ठ आई ए एस धर्मेंद्र और दिल्ली की पर्यटन सचिव निहारिका राय भी कार्यक्रम में मौजूद थी।
उल्लेखनीय है कि राघव राजसोनी, पदमश्री से अलंकृत अपने दिवंगत पिता महेश राजसोनी से विरासत में मिली बेजोड़ थेवा कला को नित नई डिजाइनों के साथ आगे बढ़ा रहे है। राघव ने थेवा कला के लिए हाल ही पहला अंतर राष्ट्रीय पुरस्कर कज़ाखस्तान में हासिल कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया था ।
राघव राजसोनी के दिवंगत पिताजी पद्मश्री से अलंकृत महेश राजसोनी ने थेवा कला को पूरे विश्व में एक अलग ही पहचान दी और इस अनूठी कला को अंतरराष्ट्रीय ख्याति भी दिलाई ।
राघव राजसोनी का कहना ही कि वे इस कला को देश विदेश में और अधिक लोकप्रिय बनाना चाहते है। उन्हें प्रतापगढ़ जिला उद्योग केंद्र एवं ओ डी ओ पी , इन्वेस्ट इंडिया भारत सरकार ने मॉस्को में अपनी कला को प्रदर्शित करने का मौका दिया ।
उन्होंने बताया कि थेवा डिज़ाइन को दर्शकों से मिले स्नेह और अवॉर्ड्स मिलने से उन्हें आगे बढ़ने और अच्छा काम करते रहने की प्रेरणा मिली हे। उनके लिए सबसे बड़े मार्गदर्शक है माता औक पिता । गौरतलब है कि राघव राजसोनी को 2021 में बेंगलुरु में आयोजित डिज़ाइनर्स ऑफ़ इंडिया के कार्यक्रम में भी “ लाईफ टाईम लेगेसी अवार्ड “ से सम्मानित किया गया था ।