हॉकी इंडिया लीग फिर शुरू करने के लिए विंडो पर हॉकी इंडिया से हुई अनौपचारिक चर्चा, बस तारीखें तय करना बाकी : तैयब

  • मैं तो आठ टीमों की एचआईएच की पूरी तैयारी कर चुका हूं: भोलानाथ सिंह
  • ओलंपिक क्वॉलिफायर खेलने के लिए पाक सहित कभी भी जाने पर रोक नहीं
  • तैयब बोले, पेनल्टी कॉर्नर व कोई भी बदलाव मूल भावना से छेड़छाड़ बिना हो

सत्येन्द्र पाल सिंह

चेन्नै : भारत में हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) को फिर से शुरू करने के लिए विंडो की बाबत अंतर्राष्ट्रीय हॉकी संघ (एफआईएच) के अध्यक्ष पाकिस्तान मूल के तैयब इकराम ने माना इस बाबत उनकी हॉकी इंडिया से अनौपचारिक चर्चा हुई है। भारत में आखिरी बार एचआईएल 2017 में हुई थी। तैयब हुसैन ने इस संवाददाता के सवाल के जवाब में साफ साफ कहा कि हॉकी इंडिया लीग के लिए विंडो की बाबत अब हमें यानी एफआईएच को तारीखों को तय करना है। हालांकि इससे पहले एफआईएच अध्यक्ष तैयब हुसैन ने जब यह कहा कि उन्हें भारत में हॉकी इंडिया लीग (एचआईएचल) शुरू कराने की बाबत कोई अनुरोध नहीं मिला तो इस पर हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने उनके बयान पर पलट कर जवाब दिया कि उनकी इस बाबत एफआईएच से अनौपचारिक चर्चा तौर पर सही बराबार हुई है और अभी चल रही है।’

हॉकी इंडिया भोला नाथ सिंह ने कहा ,’ मैं तो भारत में आठ टीमों की एचआईएल लीग के लिए पूरी तैयारी कर चुका हूं। मैं तो भारत में इस महिला टूर्नामेंट के भी तैयार हूं और इसके लिए रांची आने के लिए तैयार रहे। रांची में बिरसामुंडा हॉकी स्टेडियम में नया हॉकी टर्फ भी लग चुका है। बहुत जल्द आप रांची में बड़ा महिला हॉकी टूर्नामेंट होते देखेंगे। भारत बदकिस्मती यदि कहीं हांगजू (चीन) में स्वर्ण पदक सीधे 2024 के पेरिस ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई कर पाता है और उसके क्वॉलिफायर खेलने की नौबत आती और उस इसके लिए यदि पाकिस्तान जाना पड़ता तो सरकार की ओर से इस बाबत कोई दिक्कत नहीं आएगी क्योंकि यह भारत के ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई करने के लिए अहम है। देश के खेल मंत्री अनुराग ठाकुर भी पहले ही यह कह सके हैं कि ओलंपिक जैसे टूर्नामेंट के भारतीय टीम को पाकिस्तान ही नहीं कहीं भी जाना पड़े तो इसमें सरकार की ओर से कोई रोक टोक नहीं है। जहां तक भारतीय क्रिकेट टीम के एशिया कप के लिए पाकिस्तान खेलने नहीं जाने की बात है तो आप मेरे मुंह से सच सुनना चाहते हैं तो मैं इस यही कहूंगा कि क्रिकेट तो भाई क्रिकेट है। क्रिकेट की बात ही अलग है।’

एआईएच के अध्यक्ष तैयब इकराम ने पेनल्टी कॉर्नर को रोकने के लिए डिफेंडरों पर खतरा खत्म करने के लिए ड्रैग फ्लिक की रफ्तार को करने की बात इस बाबत उनकी दुनिया भर के मुल्कों के हॉकी संघों के साथ यहां एशियन चैंपियंस ट्रॉफी हाकी में शिरकत कर रही विभिन्न टीमों के कप्तान से चर्चा हुई है। तैयब ने कहा, ‘ सभी का मानना है कि पेनल्टी कॉर्नर सहित हॉकी के नियमों में किसी तरह का बदलाव हॉकी की मूल भावना और इसकी रवानी से किसी तरह के समझौता किए बिना होने चाहिए। पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिक पर हमारी कोशिश यह डिफेंडर महफूज रहे इसीलिए हमने इसमें बदलााव की बाबत सोच रहे हैं। हमने इसे देश में घरेलू टूर्नामेंटों और कॉलेज आदि में फिलहाल प्रयोग के पर लागू करके देखने को कहा है। जहां तक दुनिया के हॉकी की आज लोकप्रियता में इसके नीदरलैंड के फ्लोरिस बोवलेंडर और सुहेल अब्बास जैसे ‘नायकों’ के रूप में खिलाडिय़ों के लोकप्रियता और आदर्श की बात है तो बेशक ये हॉकी खिलाडिय़ों और इसे खेल के रूप में अपनाने वाले नौजवानों के नायक हैं लेकिन इनके अलावा भी हॉकी में अन्य बहुतेरे आदर्श है।’

तैयब हुसैन ने कहा, ‘हमने ‘गिव बैक टू फॉरेस्ट’ (जंगल ने जो दिया उसे लौटोओ) की दुनिया में पेड़ों को लगाने और बचाने की खास मुहिम 6 जून को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ (आईओसी) अध्यक्ष टॉमस बाख की मौजूदगी में शुरू की। इससे दुनिया भर में जंगल और लकड़ी बचाने में मदद मिलेगी क्योंकि पहले हॉकी भी लकड़ी से बनी हॉकी स्टिक से खेली जाती थी। जहां तक इसके हॉकी स्टिक सहित हॉकी उपकरणों के और महंगे होने की बात है तो अब एफआईएच ने दुनिया भर के मुल्कों को स्टिक सहित हॉकी उपकरण उपलब्ध कराने का जिम्मा लिया है।’