
रविवार दिल्ली नेटवर्क
नई दिल्ली : संयुक्त राज्य अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता पर अंतर्राष्ट्रीय आयोग का हवाला देते हुए भारत के अल्पसंख्यकों पर अन्याय का आरोप लगाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में धर्मांतरण विरोधी कानूनों का मसौदा तैयार किया जा रहा है। नफरत फैलाने वाले भाषण के मामले बढ़ रहे हैं और अल्पसंख्यक घरों और पूजा स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति चिंताजनक है। अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकार के तहत यह आयोग हर साल दुनिया भर के लगभग 200 देशों पर ऐसी रिपोर्ट तैयार करता है। यह संबंधित देश में अल्पसंख्यक समुदाय की स्थिति की समीक्षा करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार सत्ता में आने के तुरंत बाद यह रिपोर्ट सामने आई है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने हाल ही में भारत का दौरा किया। इस दौरे के दौरान उनकी मुलाकात भारत के कई नेताओं से हुई। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से भी मुलाकात की। दिलचस्प बात यह है कि भारत की आलोचना करने वाली यह रिपोर्ट सुलिवन की भारत यात्रा के बाद ही सामने आई है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने मीडिया से बात करते हुए रिपोर्ट में कुछ मुद्दों को संबोधित किया। भारत में धर्मांतरण विरोधी कानून बनाए जा रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि हेट स्पीच के मामले बढ़ रहे हैं। इससे पहले मई महीने में अमेरिकी आयोग ने ऐसी ही एक रिपोर्ट तैयार की थी। भारत सरकार ने इस रिपोर्ट की आलोचना की और इसे ख़ारिज कर दिया।
तब अमेरिकी आयोग ने आरोप लगाया था कि भारत सरकार की नीतियां भेदभावपूर्ण हैं। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने इस रिपोर्ट का खंडन किया लेकिन कहा कि अमेरिकी आयोग पक्षपातपूर्ण है। भारत ने यह भी कहा था कि वे अपने राजनीतिक विचार व्यक्त करते हैं और भारत के बारे में पूर्वाग्रहपूर्ण बयान देते हैं।