डीएसटी–फिक्की कार्यशाला में नवाचार को मिला नया आयाम

Innovation gets a new dimension at the DST-FICCI workshop

राष्ट्रीय एसएंडटी सर्वेक्षण 2024–25 से सशक्त होगा भारत का आरएंडडी परिदृश्य

मुंबई (अनिल बेदाग): विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने फिक्की के सहयोग से मुंबई में राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सर्वेक्षण 2024–25 पर कार्यशाला आयोजित की। इस कार्यक्रम में उद्योग, शिक्षाविदों, अनुसंधान संस्थानों और सरकारी एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यशाला का उद्देश्य सर्वेक्षण में उद्योग और अकादमिक सहभागिता को बढ़ावा देना तथा भारत के डेटा-आधारित नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाना था।

डीएसटी सचिव प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि भारत के “विकसित भारत” लक्ष्य को पाने के लिए अनुसंधान और नवाचार को विकास का केंद्र बनाना होगा। उन्होंने कहा कि यह सर्वेक्षण सरकार को नीति निर्माण और वित्तीय हस्तक्षेप के लिए सटीक दिशा प्रदान करेगा। नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार डा. विवेक कुमार सिंह ने इसे साक्ष्य-आधारित विज्ञान नीति की रीढ़ बताया, जबकि डा. अरविंद कुमार ने कहा कि यह सर्वेक्षण रणनीतिक योजना और संसाधन आवंटन की नींव रखता है।

वॉकहार्ट के प्रबंध निदेशक डा. मुर्तज़ा खोराकीवाला ने कहा कि यह सर्वेक्षण भारत के नवाचार सामर्थ्य का दर्पण है और अब आवश्यकता है सशक्त पारिस्थितिकी तंत्र व उद्योग-अकादमिक साझेदारी की। कार्यशाला का समापन इस आह्वान के साथ हुआ कि सभी हितधारक मिलकर भारत को नवाचार-प्रधान अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ाएँ।