- श्रीकरणपुर के प्रत्याक्षी सुरेंद्र सिंह टीटी को विधायक बनने से पहले ही मंत्री बना कर चौकाया
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मंत्रिपरिषद के शनिवार को हुए पहले विस्तार में 22 मंत्रियों को शामिल किया गया ।भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भजन लाल शर्मा मंत्रिपरिषद के इस विस्तार में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह पुराने नेताओं की जगह नए विधायकों को अधिक संख्या में शामिल किया है।
मंत्रिपरिषद में 12 कैबिनेट,5 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 5 राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गई हैं,जिसमें अनुभवी चेहरों के साथ पहली बार विधायक बने युवा चेहरे भी शामिल हैं। है। इस प्रकार प्रदेश में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या 25 हो गई है जिसमें से 20 विधायक पहली बार मंत्री बने हैं। केवल पांच मंत्री ही पुराने और अनुभवी है।
भजन लाल मंत्रिपरिषद में शनिवार को जिन 22 मंत्रियों को शामिल किया गया है,इसमें निर्वाचित विधायक 21और एक गैर विधायक भी शामिल थे। यह विधायक शनिवार को देश प्रदेश में सबसे चर्चित विषय रहें,श्रीगंगानगर जिले की श्रीकरणपुर सीट पर आगामी 5 जनवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याक्षी सुरेंद्र पाल टीटी को विधायक बनने से पहले ही मंत्री बना भाजपा ने सभी को चौंकाया हैं। राजस्थान में ही नही पूरे देश में संभवत यह पहला मौका होगा जब चुनाव लड रहे किसी पार्टी उम्मीदवार को निर्वाचित होने से पहले ही मंत्री बना दिया गया है,जबकि उनका विधायक चुनाव 5 जनवरी को होंगा और चुनाव परिणाम 8 जनवरी को आयेगा। वैसे टीटी पहले भी वसुंधरा राजे की मंत्रिपरिषद में मंत्री रहें हैं।
भाजपा के इस मास्टर स्ट्रोक पर कांग्रेस काफी आक्रामक हो गई है और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इसे आदर्श चुनाव संहिता का उल्लघंन बताया है और कोर्ट में चुनौती देने की बात भी कही है,जबकि भाजपा सूत्रों का कहना है कि किसी भी नेता को विधायक या सांसद नहीं होने पर भी मंत्री पद की शपथ दिलवाई जा सकती है। यह गैर कानूनी नहीं है लेकिन यदि वह मंत्री छह महीनों में चुनाव नहीं जीतता है तो उसे नियमानुसार पद छोड़ना पड़ता है।
श्री करणपुर विधानसभा सीट पर गत नवंबर में विधान सभा चुनाव के समय कांग्रेस प्रत्याक्षी निवर्तमान विधायक गुरुमीत सिंह कुन्नर के असामयिक निधन होने से चुनाव आयोग ने चुनाव स्थगित कर दिया था और प्रदेश में विधान सभा की 200 में से 199 सीटों पर ही चुनाव हुए थे। चुनाव आयोग ने श्री करणपुर में अब 05 दिसंबर को चुनाव कराने के निर्देश दिए है,जिसमें कांग्रेस की ओर से गुरुमीत सिंह कुन्नर के पुत्र रूपेन्दर सिंह कुन्नर और भाजपा की तरफ से सुरेंद्र सिंह टीटी चुनाव लड रहे हैं।
इसी तरह भजन लाल के मंत्रिपरिषद में पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के खास समर्थकों और उनके मुख्यमंत्रित्व काल में मंत्री रहें विधानसभा में सबसे वरिष्ठ विधायक कालीचरण सराफ,श्रीचंद कृपलानी,प्रताप सिंह सिंघवी,पुष्पेंद्र सिंह राणावत, डॉ जसवंत यादव,अजय सिंह क्लिक आदि को शामिल नहीं कर भी भाजपा के व्यूह रचनाकारों ने सभी को चौकाया है। हालांकि वसुंधरा राजे के कार्यकाल में मंत्री रहें कुछ मंत्रियों को शर्मा मंत्रिपरिषद में शामिल भी किया गया है।शपथ ग्रहण समारोह में वसुंधरा राजे की अनुपस्थिति भी राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय रही।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह ही राजस्थान में भी अप्रत्याशित ढंग से मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद विगत 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के साथ दो उप मुख्यमंत्रियों दीया कुमारी एवं डॉ प्रेम चंद बैरवा को शपथ दिलाई गई थी। तब से अब तक प्रदेश में सीएम सहित तीन मंत्री ही कार्यरत थे। शनिवार को बाईस नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण के साथ राजस्थान में अब मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रियों सहित मंत्रियों की कुल संख्या 25 हो गई हैं और अभी भी पांच और मंत्री बनाने की गुंजाइश बाकी है। नागाठित मंत्रिपरिषद में अनुभवी और युवा मंत्रियों का संगम कर के भाजपा ने नवाचार किया है। भाजपा के कद्दावर नेता डॉ करोड़ी लाल मीणा और सुरेन्द्र पाल टीटी सबसे बुजुर्ग मंत्री है। पच्चीस सदस्यीय मंत्रिपरिषद में केवल दो महिला मंत्री ही होना भी अचरज भरा है । ज्योतिषियों के अनुसार नए मंत्रियों में वश्चिक राशि को छोड़ अन्य सभी 11 राशियों के नेताओं को मंत्री बनने का मौका मिला है जिसमें सबसे अधिक कुंभ राशि के मंत्री बने हैं।
शनिवार को बनाए गए 22 मंत्रियों में से 16 पहली बार मंत्री बने है। सीएम और दोनों डिप्टी सीएम को भी यदि इसमें मिला लेवे तो राज्य मंत्रिपरिषद के कुल 25 मंत्रियों में से 19 मंत्री पहली बार मंत्री बने है। इसके अलावा कर्नल राज्य वर्धन सिंह केन्द्र सरकार ने मंत्री रहे है। शनिवार को बनाए गए 12 केबिनेट मंत्रियों में से 9 मंत्री पहली बार केबिनेट रैंक के मंत्री बने हैं। इसी प्रकार शनिवार को बनाए गए 5 राज्य मंत्रियों में से 4 पहली बार मंत्री बने है। भजन लाल शर्मा के मंत्रिपरिषद में
3 नेता ऐसे है जो पहली बार विधायक बने और पहली ही बार में मंत्री भी बन गए है।तीन ऐसे मंत्री भी है जिन्होंने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया है।
भजन मंत्रिपरिषद में सर्वाधिक 13 ओबीसी (जिनमें विभिन्न अंचलों के 4 जाट मंत्री भी है) , सामान्य वर्ग के 6, राजपूत,आदिवासी और दलित वर्ग के 3-3 , ब्राह्मण समुदाय से 2 विधायकों के अलावा कुमावत,देवासी,माली,सिख, धाकड और जैन समाज के एक-एक विधायक को मंत्री बना कर अन्य जातियों को भी उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है और सोशल इंजीनियरिंग करने का अच्छा प्रयास किया गया है लेकिन यादव और वैश्य अग्रवाल समाज से कोई मंत्री नही बनाया अचरज भरा है। कई दिनों के इंतजार के बाद गठित हुए भजन लाल शर्मा मंत्रिपरिषद में शामिल मंत्रियों का प्रायः सभी वर्गों ने स्वागत किया है, लेकिन भाजपा के कौर वोट बैंक यादव और वैश्य समाज से किसी को मंत्रि परिषद में शामिल नहीं किए जाने पर अखिल भारतीय अग्रवाल वैश्य परिषद और राजपूतों के कम प्रतिनिधित्व पर राजपूत समाज ने नाराजगी भी जताई है।
मंत्रिपरिषद में क्षेत्रीय समीकरणों को साधने का भी अच्छा प्रयास किया गया हैं और सात लोकसभा संसदीय क्षेत्र कोटा, जोधपुर, नागौर,टोंक सवाई माधोपुर, चित्तोडगढ़,अजमेर और जयपुर से एक से अधिक मंत्री बनाए गए है, लेकिन करौली धोलपुर,चूरु,भीलवाड़ा,बाँसवाड़ा-डूंगरपुर और झालावाड़ ऐसे छह लोकसभा क्षेत्र है जहां लोकसभा चुनाव के नजदीक होने के बावजूद कोई भी मंत्री नही बनाया गया है।
शनिवार को राजभवन जयपुर में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने 22 मंत्रियों को शपथ दिलवाई। इनमें डॉ.किरोड़ीलाल मीणा, गजेंद्र सिंह खींवसर, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बाबूलाल खराड़ी, मदन दिलावर, जोगाराम पटेल, सुरेश सिंह रावत, अविनाश गहलोत, जोराराम कुमावत, हेमंत मीणा, कन्हैयालाल चौधरी,सुमित गोदारा सहित बारह कैबिनेट मंत्रियों को शपथ दिलाई गई।
इसी प्रकार राज्यपाल मिश्र ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में पांच विधायकों संजय शर्मा, गौतम कुमार दक, झाबर सिंह खर्रा, सुरेंद्र पाल टीटी, हीरालाल नागर को शपथ दिलाई। इसके अलावा उन्होंने पांच ही राज्य मंत्रियों ओटाराम देवासी, विजय सिंह चौधरी, मंजू बाघमार, केके विश्नोई और जवाहर सिंह बेढ़म को भी पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई । शपथ ग्रहण समारोह के बाद मंच पर मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यों का राज्यपाल कलराज मिश्र के साथ ग्रुप फोटो भी लिया गया ।
इस मौके पर उप मुख्य मंत्री दीया कुमारी और डॉ प्रेम चंद बैरवा के साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह संगठन मंत्री चंद्र शेखर मिश्रा विधायक और प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी गण तथा पार्टी के कार्यकर्ता गण भी मौजूद थे।
भाजपा ने सुरेंद्र सिंह टीटी को मंत्री परिषद में शामिल करवा कर श्रीकरणपुर में हो रहे विधानसभा चुनाव को और अधिक रोमांचक और दिलचस्प बना दिया है। साथ ही मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की मंत्रिपरिषद के गठन का एक बड़ा कार्य पूर्ण कर अगले मई में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की गारंटियों और जनहित के कार्यक्रमों तथा राज्य में विधान सभा चुनाव से पूर्ण घोषित किए गए संकल्प पत्र में किए गए वायदों को लागू करने का रोड मैप तैयार कर लिया है।
देखना है कि प्रदेश की भजन लाल सरकार और भाजपा के ये नवाचार आने वाले दिनों में जन आकांक्षाओं की कसौटी पर कितना खरे उतरेंगे?